जब जवाहर लाल नेहरू के आर्य समाजी स्वामी विद्यानंद विदेह जी ने झापड़ मारा

रमेश अग्रवाल, उगता भारत(सितम्बर 11, 2023)

वो सच्चाई जो देश और आमजनों से छिपाया गयी। जब जवाहरलाल नेहरू के मुँह पर जोरदार झन्नाटेदार झापड़ मारा था स्वामी विद्यानंद विदेह जी ने।

कारण ?

कारण यह है कि नेहरू ने एक समारोह के अपने भाषण में कहा कि हिन्दू आर्य समाज के लोग हिंदुस्तान में शरणार्थी हैं।

इतना सुनते ही .....स्वामी विद्यानंद विदेह जी जो उस समारोह के मुख्य अतिथि थे, वे तत्काल उठे और मंच पर ही नेहरू के मुँह पर एक झन्नाटेदार झापड़ मारा और नेहरू से माइक छींनते कहा कि .......आर्य समाज के लोग शरणार्थी नहीं हैं ये हमारे पूर्वज हैं और ये ही इस हिंदुस्तान के मूलनिवासी है।

साथ ही स्पष्ट रूप से कहा कि नेहरू ही तुम्हारे पूर्वज अरेबिक हैं। और तुम्हारे शरीर में अरब का खून बह रहा है।

तुम इस महान देश के मूल निवासी नहीं हो तुम शरणार्थी हो। साथ ही कहा कि काश सरदार पटेल इस देश के प्रधानमंत्री होते तो य़ह सब नहीं देखना सुनना पड़ता (विदेह गाथा :- पृष्ठ 637 से साभार)


गो हत्या का विवाद आज से नहीं है बल्कि नेहरू जी के टाइम में भी था। कहते हैं कि एक बार संसद में गो हत्या का प्रस्ताव रखा गया था।  जिस पर जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि अगर गो हत्या का प्रस्ताव परित होता है तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। शायद अरेबिक होने के कारण ही जवाहरलाल नेहरू से लेकर आज तक कांग्रेस गो हत्या की समर्थक है। 7 मार्च 1966 को इन्ही की बेटी इंदिरा गाँधी, तत्कालीन प्रधानमंत्री ने गो हत्या का विरोध कर निहत्ते साधु-संतों पर गोलियां चलवाकर पार्लियामेंट स्ट्रीट साधु-संतो की लाशों और खून से लाल हो गयी थी। साधु-संतों की गिरती लाशों और बहते खून से विचलित हो मान्य कृपालु जी महाराज ने इंदिरा गाँधी को श्राप दिया कि "हिमालय से आधुनिक वेशभूषा में एक तपस्वी आएगा जो कांग्रेस को ख़त्म कर देगा। ... जिस तरह गोपाष्टमी के दिन निहत्ते साधु-संतों से खून की होली खेली है, तेरी भी मौत गोपाष्टमी को ही होगी।" दूसरे, जब कुछ वर्ष पूर्व गो हत्या पर चर्चा हो रही थी, तब कांग्रेस ने ही गो मांस की पार्टी की थी।  

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