खालिस्तानी आतंकवादियों के कारण इन दिनों भारत-कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। कनाडा के दोहरे मापदंड के लिए मोदी सरकार जहां उसे सबक सिखाने में जुटी है वहीं भारत में कुछ लोग ऐसे हैं जो आज भी खालिस्तानियों का समर्थन कर रहे हैं और उसके नैरेटिव को आगे बढ़ा रहे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार अभी खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह की पार्टी के समर्थन से चल रही है। कनाडाई सांसद जगमीत सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक समानता है। दोनों सनातन धर्म से नफरत करते हैं। दोनों ने स्वास्तिक के प्रति घृणा दर्शाते हुए ट्वीट किए हैं। वहीं भारत में विपक्षी दलों के गठबंधन INDI Alliance के नेता भी सनातन को खत्म करना चाहते हैं और उससे नफरत जाहिर करते ही रहते हैं। यानि दो अलग-अलग देशों में होकर भी ये लोग सनातन के खिलाफ घृणा फैलाने में एक हो जाते हैं। इससे साफ होता है कि सनातन संस्कृति के खिलाफ नफरत की साजिश विदेशी ताकतों द्वारा रची गई है और भारत के विपक्षी दलों को यह टूलकिट दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दल उसी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। यह कुटिल चाल अगले चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को सत्ता से हटाने और भारत की विकास की रफ्तार रोकने के लिए चली जा रही है।
आम आदमी पार्टी के झंडे का रंग बदलने के पीछे क्या है रहस्य?
आम आदमी पार्टी (AAP) के झंडे का रंग दिसंबर 2022 में बदल गया। स्थापना के 10 साल बाद किसी पार्टी के लिए अपना झंडा और उसका रंग बदलना आसान नहीं है। इसके बावजूद AAP ने अपने झंडे का रंग बदल दिया। पहले उनके झंडे का रंग सफेद और नीला था। अब यह बदलकर पीला और गहरा नीला हो गया है। नए झंडे के रंगों की विवेचना की जाए तो तीन बातें उभरकर सामने आती हैं। पहला कि उन्होंने भगत सिंह से पीला और अंबेडकर से नीला रंग लिया। भगत सिंह जहां क्रांति के प्रतीक हैं वहीं अंबेडकर सामाजिक न्याय के प्रतीक हैं। लेकिन क्या पार्टी की विचारधारा इससे मेल खाती है? दूसरा कि खालिस्तान दो झंडों का प्रयोग करता है जो बिल्कुल AAP के झंडे के समान हैं। तो क्या खालिस्तान के प्रति एकजुटता जताने के लिए झंडे का रंग बदल दिया गया?जगमीत सिंह ने कहा- स्वास्तिक का कनाडा में कोई स्थान नहीं
कनाडा में हिंदुओं के पवित्र प्रतीक स्वास्तिक को लेकर विवाद पैदा करने में खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह का हाथ था। कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह के समर्थक सांसदों ने फरवरी 2022 में कनाडा की संसद में स्वास्तिक पर पाबंदी का विधेयक पेश किया था। इससे भारतीय-कनाडाई समुदाय भड़क गया था। इसे लेकर भारत सरकार ने पीएम जस्टिन ट्रूडो से बात भी की थी। जगमीत सिंह ने इसी दौरान ट्वीट किया था, ‘स्वास्तिक और संघ के झंडे का कनाडा में कोई स्थान नहीं है। अपने समुदायों को सभी के लिए सुरक्षित बनाना हमारी जिम्मेदारी है। यह कनाडा में घृणा के प्रतीकों पर प्रतिबंध लगाने का समय है। उस वक्त भारतीय समुदाय ने नाजी प्रतीक चिन्ह ‘हेकेन क्रूज़’ और स्वास्तिक को गलत तरीके से जोड़ने का विरोध किया था।
केजरीवाल ने हिंदू धर्म में पवित्र स्वास्तिक का किया अपमान
हिंदू धर्म में स्वास्तिक को बेहद पवित्र चिन्ह माना जाता है और किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले ‘स्वास्तिक’ चिन्ह बनाकर उसकी पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्य सफल होता है। स्वास्तिक को मंगल का प्रतीक भी माना जाता है। लेकिन सनातन धर्म से नफरत करने वाले अरविंद केजरीवाल ने स्वास्तिक का भी मजाक बना दिया और हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं भड़काने का काम किया। 20 मार्च 2019 को उन्होंने एक विवादास्पद ट्वीट किया था जिसमें एक ऐसी फोटो शेयर की थी, जिसमें स्वास्तिक का अपमान किया गया। इस ट्वीट में उन्होंने एक फोटो शेयर किया, जिसमें एक कार्टून कैरेक्टर हाथ में झाड़ू (आप का चुनाव चिन्ह) लेकर स्वास्तिक के पीछे भागता नजर आ रहा है। इस फोटो को शेयर कर उन्होंने लिखा था, Someone sent this… (किसी ने मुझे ये भेजा है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का खालिस्तान का समर्थन करने वालों से संबंध कोई नहीं बात नहीं है। पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 17 फरवरी, 2022 को प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के नाम से सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हुआ। इसमें आम आदमी पार्टी के पंजाब में मुख्यमंत्री चेहरे भगवंत मान को समर्थन देने की बात कही गई थी। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के नाम से पंजाबी में जारी इस पत्र में लिखा था, “हम सिख फॉर जस्टिस के सभी सदस्य पंजाब विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के भगवंत मान को अपने समर्थन की घोषणा करते हैं। यह चुनाव बेहद अहम हैं। अगर आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में बनती है तो हमें हमारे खालिस्तान के लक्ष्य को पाने में आसानी होगी। हमने 2017 के चुनावों में भी आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था। सिर्फ आम आदमी पार्टी है जो हमारे टारगेट को पूरा करवा सकती है। उन्हें वोट दे कर हमें मजबूत करें।”
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने 16 फरवरी, 2022 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बड़ा सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल पंजाब में खालिस्तानियों के समर्थक है। केजरीवाल ने एक बार उनसे कहा था कि वे या तो पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे या स्वतंत्र राष्ट्र खालिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बनेंगे। जब कुमार विश्वास ने एसएफजे के रेफरेंडम को आईएसआई से लेकर दुनियाभर के अलगाववादी तत्वों द्वारा फंडिंग की बात बतायी तो केजरीवाल ने चिंता नहीं करने की बात कही। कुमार विश्वास ने दावा किया कि केजरीवाल को खालिस्तानियों की मदद लेने में भी कोई परहेज नहीं है।
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने दिल्ली सी एम अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाया है। कवि कुमार विश्वास ने कहा कि अरविंद केजरीवाल खालिस्तान समर्थक है, एक बार बोल दे की वो खलिस्तान के ख़िलाफ़ है। वो आदमी सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
— Eagle Eye (@SortedEagle) May 4, 2023
सौ : रिपब्लिक भारत pic.twitter.com/QfxtO7TQLy
पंजाब में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) राज में खालिस्तान समर्थकों की दबंगई बढ़ती जा रही है। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में इसी साल अप्रैल में एक लड़की को सिर्फ इसलिए जाने नहीं दिया गया, क्योंकि उसके चेहरे पर तिरंगे का टैटू बना हुआ था। स्वर्ण मंदिर के सेवादार ने कहा कि ये पंजाब है, भारत नहीं। सेवादार लड़की से तिरंगा हटाने के लिए कहता है। इतना ही नहीं सेवादार इस दौरान लड़की के साथ बदसलूकी करते हुए भी दिखाई देता है। लोगों का कहना है कि बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए अटारी-वाघा सीमा पर जाने वाले बहुत से लोग अपने चेहरे तिरंगे में रंगवाते हैं। इसके बाद वह स्वर्ण मंदिर भी जाते हैं।
क्या स्वर्ण मंदिर पर खालिस्तानियों ने कब्ज़ा जमा लिया है !??
— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) April 17, 2023
महिला को स्वर्ण मंदिर में प्रवेश से इनकार किया क्योंकि उसके चेहरे पर भारत का झंडा चित्रित था! स्वर्ण मंदिर में उनके प्रवेश से इनकार करने वाले व्यक्ति ने कहा कि यह पंजाब है, भारत नहीं। pic.twitter.com/NuUAeXwOEe
हिन्दू देवी- देवताओं के खिलाफ पूरे देश में मुहिम चला रहे आम आदमी पार्टी के विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने 29 मार्च, 2023 को दिल्ली विधानसभा में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा के दौरान अपने एजेंडे के तहत रामचरितमानस को निशाना बनाया। पवित्र ग्रंथ के एक दोहे का जिक्र करते हुए उन्होंने हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगला। उन्होंने सदन में जो बयान दिया, उससे लगा कि वो ‘ताड़ना’ शब्द की आड़ में हिन्दू धर्म के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं। शूद्र और नारी के संदर्भ मे ‘ताड़ना’ शब्द की गलत व्याख्या कर उन्होंने रामचरितमानस के बहिष्कार की अपील की। अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल हिन्दू साधु-संतों और विद्वानों के पक्ष को अनसुना कर लगातार हिन्दू धर्म और उसकी आस्था पर हमला कर रहे हैं।
हिंदू देवी देवताओं का अपमान करना साफ दिखाता है कि ये शब्द अरविंद केजरीवाल हैं बस बोल AAP विधायक राजेंद्र पाल गौतम के हैं।
— Vishal Singh Chandel (@VchandelBJP) March 30, 2023
हिंदू धर्म को नीचा दिखाने के लिए आम आदमी पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।#HinduVirodhiKejriwal pic.twitter.com/bHThX2xLFk
दिल्ली में 05 अक्टूबर, 2022 को विजयादशमी के अवसर पर दिल्ली के करोलबाग स्थित अंबेडकर भवन में आयोजित ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम में 10 हजार लोगों ने बौद्ध दीक्षा ली। इस कार्यक्रम में केजरीवाल सरकार के मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए थे। उन्होंने बड़ी संख्या में हिंदुओं को देवी-देवताओं को ईश्वर ना मानने और उनकी पूजा ना करने की शपथ दिलाई।
मैं…
राम और कृष्ण को ईश्वर नहीं मानूंगा,
ना ही कभी उनकी पूजा करूंगा,
गौरी गणपति आदि हिन्दू धर्म के किसी भी देवी देवाताओं को नहीं मानूंगा,
और ना ही उनकी पूजा करूंगा।
श्रीराम श्रीकृष्ण से इतना बैर ?
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) October 7, 2022
ये हैं @AamAadmiParty सरकार के मंत्री राजेन्द्र गौतम पाल, जिनके द्वारा आयोजित जय भीम मिशन में 10 हजार लोगों को शपथ दिलाई गई
"मैं हिंदू धर्म के देवी देवताओं ब्रह्मा,विष्णु,महेश, श्रीराम, श्रीकृष्ण को भगवान नहीं मानूंगा, न ही उनकी पूजा करूंगा।" https://t.co/pHipfGQ7kX pic.twitter.com/cmoELzEQHR
गुजरात में विधानसभा चुनाव के आप नेता गोपाल इटालिया का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें सुना जा सकता है, “लोग सत्यनारायण कथा और भागवत कथा जैसी अवैज्ञानिक और फालतू की चीजों पर पैसा और समय बर्बाद कर देते हैं। इसके बाद भी लोगों को यह नहीं पता चलता कि उन्हें ऐसा करके क्या हासिल हुआ। वे दूसरों का समय भी बर्बाद कर देते हैं। अगर हम 5 पैसे भी ऐसी फालतू चीजों पर खर्च कर देते हैं तो हमें मनुष्य की तरह जीने का अधिकार भी नहीं है।” उन्होंने कहा, “मुझे ऐसे लोगों पर शर्म आती है। जो मैं कहता हूं वह आपको अगर अच्छा न लगे तो मुझे ब्लॉक कर दीजिए। लेकिन हमें उनकी जरूरत नहीं है जो संस्कृति और प्रथाओं के नाम पर हिजड़ों की तरह ताली बजाते हैं। कुछ साधु स्टेज से फालतू बातें करेंगे और हम हिंजड़ों की तरह ताली बजाएंगे।”
AAP गुजरात अध्यक्ष @Gopal_Italia ने कहा था - “सत्यनारायण और भागवत कथा फालतू, हिजड़ों की तरह बजाते हैं ताली”
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 27, 2022
“ताली बजाने वाले छक्कों की हमें ज़रूरत नहीं”
केजरीवाल इसी गोपाल इटालिया के साथ दिखावे का पूजा कर रहे हैं, हिंदुओं के वोट के लिए. pic.twitter.com/0sbrBdXCQt
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने पिछले सालों की तरह इस बार भी दीपावली सहित अन्य पर्व और त्योहारों पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पिछले कुछ सालों की तरह इस बार भी देश की राजधानी में पटाखों पर रोक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध केवल पटाखों के जलाने पर ही नहीं, बल्कि उसके निर्माण और बिक्री पर भी रहेगा। यानी दिल्ली के सीमा क्षेत्र में पटाखों के निर्माण, बिक्री और उसके उपयोग सभी पर रोक पहले की तरह जारी रहेगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ नियमानुसर कार्रवाई की जाएगी। दिवाली पर पटाखे जलाना लंबे समय से संस्कृति का हिस्सा रही है। लेकिन प्रदूषण की आड़ में सनातन संस्कृति पर हमला किया जा रहा है जबकि दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण पराली जलाने से होता है।
मार्च 2014 में कानपुर की एक रैली में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा था, “जब बाबरी मस्जिद का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।”
2017 में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि काश नेताओं में चुनाव से पहले सरकारी स्कूलों के दर्शन करने की परंपरा होती। सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘अगर चुनावों से ठीक पहले ‘मंदिर-दर्शन’ की जगह ‘सरकारी स्कूलों के दर्शन’ की राजनीतिक परम्परा होती तो देश के हर बच्चे को आज बेहतरीन शिक्षा मिल रही होती।’
सिसोदिया जी की तारीफ करनी पड़ेगी। उन्होंने ऐन चुनाव के पहले केजरीवाल के मंदिर दर्शन पर सीधा सीधा अपना विरोध दर्ज किया है।@DrKumarVishwas pic.twitter.com/zeZK627p6d
— pramila (@pramila2710) July 27, 2022
आम आमदी पार्टी के नेता भगवान श्रीराम के प्रति कितनी श्रद्धा रखते हैं, उसका अंदाजा उनके पूर्व के बयान से लगाया जा सकता है। केजरीवाल के करीबी संजय सिंह ने कहा था ‘हवा में उड़ गए जय श्रीराम’।







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