मालदीव की जनता भी दोषी है - भारत विरोधी मोहम्मद मुइज़्ज़ू को सत्ता जनता ने ही दी थी - लक्षद्वीप के लिए मालदीव वरदान साबित होगा

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सुभाष चंद्र 

आज जो हालात मालदीव में पैदा हुए हैं, उनके लिए काफी हद तक जिम्मेदार मालदीव की जनता भी है क्योंकि मोहम्मद मुइज़्ज़ू का रुख भारत के विरोध में और चीन के समर्थन में जानते हुए जनता ने उसे सत्ता सौंपी थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने आते ही सबसे पहले सबसे बड़े मददगार देश भारत को मालदीव से बाहर कर दिया और इस पर प्रतिक्रिया तो होनी ही थी। उस समय जनता ने क्यों नहीं विरोध किया? लेकिन जैसे ही भारत की ओर आर्थिक चोट लगी, विलाप शुरू कर दिया, परन्तु भारत के प्रति इन लोगों में कितनी घृणा है, यह जहर बाहर आ चुका है। भारत से रिश्ते सुधारने से पहले मालदीव की जनता और नेताओं को अपने दिलों से भारत के प्रति घुसी घृणा को निकालना होगा। भारतीयों को भी तब तक मालदीव जाने के लिए सोंचना भी नहीं चाहिए। पाकिस्तान भी भारत से बातचीत की गुहार लगाता रहता है लेकिन भारत के प्रति खून में रमी घृणा को नहीं निकाल रहा।   

लेखक 
वर्ष 2018 के चुनाव में प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ़ मालदीव के अब्दुल्ला यामीन को हरा कर भारत का समर्थन करने वाले इब्राहिम मोहम्मद सोलिह (मालदिवियन डेमोक्रेटिक पार्टी) राष्ट्रपति बने सोलिह की पार्टी को 58.38% वोट मिला था जबकि अब्दुल्ला यामीन की पार्टी को मात्र 41.62% वोट मिले थे

वर्ष 2019 में प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ़ मालदीव को तोड़ कर 31 जनवरी को यामीन अब्दुल गयूम ने Peoples National Congress (PNC) का गठन किया और इसके नेता मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने भारत विरोधी प्रोपैगैंडा पर चुनाव लड़ा जिसमे वह पूरी तरह चीन के साथ खड़ा नज़र आया जनता ने PNC नेता मोहम्मद मुइज़्ज़ू को 54.06% वोट देकर सत्ता की बागडोर उसके हाथ में दे दी जबकि पिछले चुनाव (2018 के) में 58.38% वोट पाने वाले इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की पार्टी को केवल 45.96% वोट मिले, यानी पिछली बार से करीब 13% कम और यह बहुत बड़ी संख्या होती है किसी भी चुनाव में

शत प्रतिशत सुन्नी मुस्लिम देश मालदीव की जनता ने इस बार भारत विरोधी को सत्ता दी है - अब्दुल्ला यामीन मुइज़्ज़ू का mentor है लेकिन अभी भ्रष्टाचार के आरोपों में 11 साल की सजा भुगत रहा है जिसे  मुइज़्ज़ू  माफ़ करने के मूड में है - चीन की लंबी यात्रा पर निकला मुइज़्ज़ू कितना बटोर कर लाएगा, यह समय ही बताएगा लेकिन चीन मालदीव को अपने कब्जे में रखने की ही कोशिश करेगा जैसे पाकिस्तान और अन्य देशों के साथ कियावह बात अलग है पाकिस्तान आज मालदीव के लिए तड़प रहा है शायद इसलिए कि 100% सुन्नी मुस्लिम देश है मालदीव

मालदीव के विपक्ष ने मोहम्मद मुइज़्ज़ू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है उसका अंजाम क्या होगा, ये वहां की राजनीति पर निर्भर करता है परंतु मालदीव के लिए आने वाला समय कठिन होगा

जो भी मालदीव की जनता ने किया, वह उसके लिए जिम्मेदार होगी लेकिन मालदीव भारत के लक्षद्वीप के लिए वरदान बन जाएगा प्रधानमंत्री मोदी पहले ही 1200 करोड़ के प्रोजेक्ट शुरू कर आये हैं और कल टाटा ग्रुप ने लक्षद्वीप में 2 Taj Branded Resorts बनाने की घोषणा कर दी - दोनों में 110 - 110 कमरे होंगे ( एक में 60 villas, 50 water villas) और दूसरे में (75 beach villas, 35 water villas) 

अब चाहे तो विपक्ष कह सकता है मोदी ने लक्षद्वीप टाटा को बेच दिया लेकिन टाटा के अलावा भी  सकता है अन्य और ग्रुप भी होटल खोलें जिससे लक्षद्वीप के लोगों को भरपूर रोजगार मिलेगा कोई नौकरी चाहे तो राहुल “कालनेमि” को भी मिल सकती है। मालदीव यदि भारत विरोध में खड़ा न होता तो शायद लक्षद्वीप में इतना विकास न होता जो अब होगा

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