‘नौकरी के बदले जमीन’ मामले में लालू की बेटी हेमा भी लपेटे

भारत से जो नेता 2014 के बाद बढ़ते भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी से जनता को गुमराह करते हैं, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार में पारिवारिक पार्टियां ही लिप्त हैं। जहाँ तक बेरोजगारी, महंगाई की बात है, ये सभी नेता जनता को ईमानदारी-अगर हो तो- से बताएं कि भारत स्वतंत्र होने से आज तक ये समस्याएं समाप्त ही हुई ,जबकि कई चुनाव केवल इन्ही मुद्दों पर लड़े जा चुके हैं। और जहाँ तक भ्रष्टाचार की बात है यह तो बेरोजगारी और महंगाई से भी बहुत पुरानी है। जय चंद और मीर ज़फर भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी मिसाल है। अगर ये लोग नहीं होते, भारत कभी गुलाम नहीं बनता। इन्ही के वशंज भ्रष्टाचार फैला रहे हैं। 

अब एक झलक महंगाई पर डालते हैं। ब्रिटिश काल में दूध 4 पैसे सेर(सेर लीटर से अधिक होता है), सोना 15/17 रूपए तोला(यानि 11.45/50 ग्राम) गेहूं 1 रूपए का 10 सेर, देसी घी 1.50/2 सेर था। उस समय वनस्पति को घासलेट कहते थे और कोई हलवाई घासलेट के पास तक नहीं फटकता था। 

70 दशक के समाचार पत्र देख लो, चपरासी की नौकरी के लिए PhD और MA द्वारा आवेदन किये जाने के समाचार प्रकाशित होते थे। आज आलम यह है कि आठवीं और अनपढ़ तक मुख्यमंत्री बन जाती हैं। इसको कहते हैं लोकतंत्र।    
भ्रष्टाचार के मामले में सज़ायाफ़्ता आरजेडी प्रमुख लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने राउज एवेन्यू कोर्ट में लैंड फॉर जॉब स्कैम में एक नई चार्जशीट दाखिल की है। इसमें लालू यादव की एक और बेटी हेमा यादव का नाम शामिल किया गया है। इससे पहले चार्जशीट में लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती, तेजस्वी यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का नाम शामिल किया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले ईडी की चार्जशीट से लालू परिवार के साथ ही इंडी गठबंधन को भी झटका लगा है।

09 जनवरी, 2024 को ईडी ने ‘नौकरी के बदले जमीन’ से संबंधित धन शोधन मामले में सात लोगों के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक नई चार्जशीट दाखिल की। इसमें लालू यादव की बेटी हिमा यादव के अलावा हृ्दयानंद चौधरी और अमित कात्याल का नाम शामिल किया गया है। इसमें दो कंपनी ए.के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्रा. लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी की इस चार्जशीट पर कोर्ट 16 जनवरी को सुनवाई करेगा।

‘नौकरी के बदले जमीन’ मामले में ईडी ने तेजस्वी यादव को आवश्यक पूछताछ के लिए 5 जनवरी, 2024 को बुलाया था, लेकिन तेजस्वी ईडी के सामने पेश नहीं हुए। इससे पहले तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर, 2023 को ईडी ने पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वह पेश नहीं हो सके थे। ईडी इस मामले में राबड़ी देवी और उनकी तीन बेटियों-मीसा भारती, चंदा यादव और रागिनी यादव से पूछताछ कर चुकी है। ईडी ने इस मामले में कात्याल को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था।

लालू यादव ने इस घोटाले को उस समय अंजाम दिया था, जब वह यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। 2004 से 2009 तक कुछ लोगों को भारतीय रेलवे में ‘ग्रुप डी’ के पदों पर नियुक्त किया गया था और इसके बदले में उनसे जमीन ली गई थी। इस जमीन को बाद में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव और ए.के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित की गई थी। ईडी ने दावा किया था कि कात्याल इस कंपनी के निदेश थे, जब इसने लालू यादव की ओर से अभ्यर्थियों से जमीन हासिल की थी। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि कंपनी का पंजीकृत पता-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है। ईडी के अनुसार, भूमि प्राप्त करने के बाद कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिए गए थे। 

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