सुभाष चन्द्रभारत जोड़ो यात्रा में बहन पर उमड़े प्यार ने खोली थी
'मोहब्बत की दुकान'
कल(जनवरी 14) से कांग्रेस ने फर्जी “न्याय यात्रा” शुरू कर दी है। जाहिर है जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम शुरू होने थे, उसी दिन से यात्रा भी शुरू करने का मतलब है कांग्रेस ने “मुहूर्त” निकलवाया होगा। लेकिन कांग्रेस के दिवंगत वरिष्ठ नेता मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा ने भी आज “मकड़ सकड़ आंटी” का मुहूर्त निकाल कर कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान लूट गया और न्याय शुरू कर गया। परिवार भक्ति से दुखी होकर, आत्मसम्मनित पार्टी छोड़ रहे हैं, लेकिन जनता को गुमराह करने निकाली जा रही है "भारत न्याय यात्रा"। जो अपने पिता, राजीव गाँधी, के हत्यारों को माफ़ी देकर वोट के लिए बलिदान देकर पागल बनाया जा रहा है, केवल पार्टी में पड़ी फूट से ध्यान हटाने की कोशिश है, लेकिन चुनाव 2024 आते-आते और कितने लोग पार्टी छोड़ते हैं यही देखना है।
जिसके पिता ने अपना जीवन दे दिया कांग्रेस को और जो खुद कांग्रेस सरकार में मंत्री रहा, उसके लिए जयराम रमेश पूछ रहा है कि कौन है मिलिंद देवड़ा; अधीर रंजन चौधरी भी कह रहा है कि जिसने आना है कांग्रेस में, वो आए और जिसने जाना है, वो चला जाए।
कांग्रेस के फर्जी गांधी परिवार की वजह से कितने ही लोग पार्टी छोड़ गए लेकिन फिर भी “आधे अधूरे अधपके” राहुल गांधी को पूजने के लिए पार्टी को बर्बाद किया जा रहा है और आरोप लगा रहे हैं कि श्री राम मंदिर तो अभी अधूरा है, उसमे प्राण प्रतिष्ठा कैसे हो सकती है।लेखक
कांग्रेस से अनेक काबिल लोग समय रहते निकल गए, कुछ को भाजपा ने तुरंत पहचान कर लपक लिया और वो लोग आज इस मुकाम पर हैं जहां कांग्रेस में रह कर पहुंचने की कल्पना भी नहीं कर सकते थे - हिमंता बिस्वा शर्मा जिनमें प्रमुख हैं जो दबंग प्रभावशाली नेता बनकर उभरे हैं। यदि समय रहते ज्योतिरादित्य सिंधिया न निकलते तो आज भी लोकसभा में बैठे राहुल गांधी के साथ गप्पें मार रहे होते लेकिन आज मोदी जी के साथ रहते हैं बड़े खास मंत्रालय का चार्ज संभाल कर नाम चमका रहे हैं।
गुलाम नबी आज़ाद को कांग्रेस अपने साथ नहीं रख सकी और सिद्धू के जरिए कैप्टेन अमरिंदर सिंह को हर तरह से अपमानित किया गया जिसे मोदी ने अपने पास जगह दी लेकिन सिद्धू आज भी भाजपा से कांग्रेस में जाकर अपने अस्तित्व के लिए “युद्ध” कर रहा है जिसे पता नहीं कब बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
ए के अंटोनी का पुत्र भाजपा में आ गया; कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जीतेन्द्र प्रसाद का पुत्र जतिन प्रसाद आज योगी सरकार में मंत्री हैं और वरिष्ठ कांग्रेसी हेमवती नंदन बहुगुणा के बेटी रीता बहुगुणा जोशी भी भाजपा की सांसद है। पंजाब के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा के स्पीकर रहे बलराम जाखड़ के पुत्र सुनील जाखड़ को भाजपा ने पंजाब भाजपा अध्यक्ष बना दिया जबकि उन्हें कांग्रेस में कभी अपेक्षित भूमिका नहीं मिली। ऐसे और भी अनेक केस मिल सकते हैं जब कांग्रेस के लोग पार्टी से निकल गए।
प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस के टुच्चे कार्यकर्ताओं के अभद्र व्यवहार के कारण पार्टी से बाहर आई लेकिन वो उद्धव शिवसेना में होते हुए भी अभी मन से “गांधी परिवार” से अलग नहीं हुई है क्योंकि वह न कभी कांग्रेस के खिलाफ कुछ बोलती है और न कुछ माँ-बेटे के खिलाफ कभी उसे बोलते सुनेंगे। इसी तरह कपिल सिब्बल बेशक कांग्रेस से बाहर आ गया है लेकिन फिर भी मन से वह भी कांग्रेसी ही है।
राहुल गांधी के खास मित्र Youth Congress के श्रीनिवास और सोनिया गांधी के सचिव PP Madhavan पर बलात्कार के आरोप लगते हैं। ये Culture है कांग्रेस की।
अभी कांग्रेस छोड़ने वालों की लाइन लगनी है और 2024 लोकसभा चुनाव के आते आते कई लोग मोहब्बत की दुकान को Good Bye कह देंगे। कांग्रेस को “राम द्रोह” का दंड मिल रहा है है पिछले 10 वर्ष से और यह दंड अभी और मिलेगा क्योंकि कांग्रेस “राम द्रोह” की सभी सीमाएं लांघ रही है। मोदी विरोध करते करते देश विरोधी होने के साथ साथ यह पार्टी अब पूरी तरह “राम विरोधी” हो गई है और इसका “कर्मफल” कांग्रेस को मिलेगा जरूर।
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