अगर कांग्रेस देश को आज़ादी देने का श्रेय लेती है, तो देश को विवादों में उलझाए रखने का भी श्रेय लेना चाहिए। केवल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस और अब इसके समर्थक दल हिन्दुओं के अधिकारों का हनन कर मुस्लिमों को खुली छूट देते रहे। स्कूलों में हिजाब प्रतिबन्ध करने पर सनातन विरोधी सुहागिन के मंगल सूत्र तक पहुँच रहे हैं। इन अशिक्षित बने शिक्षितों को नहीं मालूम की एक सुहागन के लिए मंगल सूत्र का क्या महत्व है। जनता को उल-जलूल मुद्दों में उलझा कर अपनी गन्दी सियासत खेलने वालों से जनता को सतर्क रहने की जरुरत है। इन छद्दम सेक्युलरिस्टों से पूछा जाना चाहिए कि जब संविधान में Secular शब्द डाला तो Muslim Personal Law Board बनाने की क्या जरुरत थी? वक़्फ़बोर्ड बनाने का क्या औचित्य था? सेकुलरिज्म के नाम आखिर कब तक हिन्दू अधिकारों का हनन होता रहेगा? गुरुकुलों पर पाबन्दी, लेकिन मदरसों पर नहीं, क्यों?
साल 2021 दिसंबर में कर्नाटक के एक कॉलेज में छात्राओं को हिजाब पहनने से रोका गया था। यहां से शुरू हुआ विवाद उस दौरान देश-दुनिया में चर्चा का विषय रहा। विवाद इतना गहराया कि तत्कालीन राज्य सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर रोक लगा दी थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी सरकार के पक्ष में ही फैसला सुनाया। अब राजस्थान में भी एजुकेशनल संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर बहस छिड़ गई है।राजस्थान में पिछली गहलोत सरकार ने धर्मांतरण को खुली छूट दे रखी थी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अब किसी भी कीमत पर सरकारी स्कूलों में धर्मांतरण नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि अब राजस्थान के किसी भी स्कूल में हिजाब पहनकर आना स्वीकार्य नहीं होगा। वहीं, किसी भी स्कूल परिसर में नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी। दूसरी ओर कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सरकारी और प्राइवेट ही नहीं, बल्कि मदरसों तक में हिजाब को प्रतिबंधित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए मुख्यमंत्री से मिलकर अनुरोध करेंगे।
There is no temple in our school, there is only a mosque, prayers are offered with outstretched hands...
— Zeenat Rana (@izeenatrana) January 31, 2024
Controversy over Jaipur government school heated up. Muslim girl students had demonstrated in the school against MLA Balmukund's statement regarding hijab and raising slogans… pic.twitter.com/g1WT3H4dhd
भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य ने स्कूलों में एक ड्रेस कोड की वकालत की
जयपुर के हवामहल से विधायक बालमुकंदाचार्य के एक सरकारी स्कूल में दिए बयान के बाद यह मुद्दा गर्माया है। हिजाब को लेकर सबसे पहले भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य ने सवाल उठाया था। अपने क्षेत्र के एक स्कूल के कार्यक्रम में पहुंचे बालमुकुंदाचार्य ने सवाल उठाया था कि विद्यालय में दो तरह के ड्रेस कोड हैं क्या? राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर भी छात्राओं ने अलग-अलग ड्रेस क्यों पहन रखी है। उन्होंने स्कूल में ड्रेस कोड की वकालत की। इसके बाद बालमुकुंदाचार्य के खिलाफ छात्राओं ने प्रदर्शन किया था। बाद में सुभाष चौक थाने के घेराव के विरोध में जिन हिंदू छात्राओं ने अपनी आवाज बुलंद की, उन छात्राओं के साथ बदसलूकी करने के आरोप भी सामने आ रहे हैं।
सरकारी-प्राइवेट स्कूलों में ही नहीं, मदरसों में भी लगे रोक- कृषि मंत्री
शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर विवाद के बीच दूसरे राज्यों में हिजाब को लेकर स्टेट्स रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं, राजस्थान सरकार के सीनियर मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने हिजाब बैन की वकालत की है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार हिजाब बैन को लेकर तैयारी कर रही है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी कहा है कि हिजाब और बुर्का पर प्रतिबंध बेहद जरूरी है। कई मुस्लिम देशों में जब हिजाब पर प्रतिबंध है तो यहां क्यों हिजाब रहे। कृषि मंत्री मीणा ने यहां तक कहा कि सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में ही नहीं, बल्कि मदरसों में भी हिजाब पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसे लेकर वे जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
कांग्रेस मुस्लिमों का तुष्टीकरण करती है, अब धर्मांतरण नहीं होने देंगे
हिजाब के मुद्दे पर कृषि मंत्री किरोड़ी लाल ने कहा कि मुस्लिम समाज में धर्म की कट्टरता है और कांग्रेस इसका तुष्टीकरण करती है, जिसके कारण ये आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। इनमें शिक्षा की कमी है। शिक्षा का प्रसार होना चाहिए और मुस्लिम समाज को अपनी सोच प्रगतिशील रखनी चाहिए। वहीं, CAA को लेकर कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि मैं भी इसके समर्थन में हूं और इसे जल्द लागू होना चाहिए। सरकार के एजेंडे में शामिल है ये तो होना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान के किसी भी सरकारी या निजी स्कूलों में धर्मांतरण नहीं होने दिया जाएगा, इस सख्ती से दबाया जाएगा।
तुष्टिकरण की राजनीति नहीं...
— BJP (@BJP4India) January 31, 2024
विकास और विरासत को साथ लेकर चल रही है मोदी सरकार।
फर्क साफ है! pic.twitter.com/gHDutuTfoU
सभी स्कूल ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करें, नहीं तो कार्रवाई- शिक्षा मंत्री
इस बीच राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस मामले में विभाग से दूसरे राज्यों में हिजाब बैन के स्टेटस और राजस्थान में इसके प्रभावों को लेकर रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के बाद हिजाब के ख़िलाफ सरकार एक्शन लेगी। शिक्षा मंत्री दिलावर के मुताबिक प्रदेश में हिजाब को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री विचार-विमर्श किया जाएगा। स्कूलों में ड्रेस कोड ही रहेगा और हिजाब पहनकर आना गलत है। उन्होंने कहा कि स्कूल में जो ड्रेस कोड लागू होता है, उसकी पालना होनी चाहिए। अगर स्कूल में बच्ची हिजाब पहनकर जाएगी तो स्कूल में अनुशासन नहीं रहेगा और वैसे भी हिजाब कई देशों में प्रतिबंधित है। इसलिए स्कूलों में इसकी किसी भी तरह से इजाजत नहीं दी जा सकती है। दिलावर ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पहले से ही ड्रेस कोड का नियम बना हुआ है। इसे सख्ती से लागू किया जाएगा।
तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा
प्रदेश में हिजाब का मुद्दा ऐसा गरमाया कि विधानसभा तक पहुंच गया है। कांग्रेस अपनी तुष्टीकरण की नीति पर बाज नहीं आई और विधानसभा में कांग्रेस विधायक रफीक खान ने हिजाब पर पाबंदी होने और बच्चों को हिजाब पहनकर नहीं आने की बात का जिक्र करते हुए सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकारी स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी लगाने की सरकार तैयारी कर रही है। रफीक खान के स्थगन प्रस्ताव से अलावा मुद्दा उठाने पर बीजेपी विधायकों ने कड़ी आपत्ति की थी। इस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने स्थगन प्रस्ताव के विषय के अलावा बोली गई बातों को सदन की कार्यवाही से निकालने का आदेश दे।
स्वामी बालमुकुंदाचार्य को भी सुना जाना चाहिएpic.twitter.com/mvvzwxmo4i
— Arvind Chotia (@arvindchotia) January 29, 2024
अभी सरकारी, प्राइवेट स्कूलों और मदरसों का अलग-अलग ड्रेस कोड..
राजस्थान में अभी सरकारी, प्राइवेट स्कूलों में अलग अलग ड्रेस कोड है। स्टूडेंट को तय यूनिफॉर्म में ही स्कूल आना होता है। सरकारी स्कूलों में प्रदेशभर में एक ही तरह की यूनिफॉर्म है। मदरसों में पढ़ने वाली छात्राएं हिजाब पहनकर जाती हैं। जबकि सिख स्टूडेंट को पगड़ी पहनकर आने की छूट दी जाती है। सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग में उच्च स्तर पर हिजाब बैन मामले में रिपोर्ट तैयार करके शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को भेजी जाएगी। उच्च स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद राजस्थान के स्कूलों में हिजाब पर रोक लगाई जा सकती है।
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