सुभाष चन्द्र
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साभार |
भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारी 18 महीने से क़तर की कैद में मौत की सजा पाए आज आज़ाद करा लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति ने और बड़े बड़े नापाक लोगों के मंसूबों पर पानी फिर गया। लेफ्ट लिबरल कबाड़ गिरोह के कुछ मक्कार विलाप कर रहे थे जब 8 भारतीयों को फांसी की सजा दी गई कि क़तर ने मोदी के पर क़तर दिए, विश्व गुरु को जमीन पर पटक दिया। लेकिन आज वे सभी झाग की तरह बैठ गए।
कतर की अदालत ने 12 फरवरी को भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया। इसमें से सात नौसैनिक भारत लौट आए हैं। आठों पूर्व नौसैनिकों पर जासूसी करने के आरोप लगाए गए थे और वे कतर की जेल में कैद थे। इन्हें कतर की अदालत ने मौत की सजा भी सुना दी थी, जिसके बाद इनकी रिहाई मुश्किल हो गई थी। 26 अक्टूबर 2023 को कतर की अदालत ने जब इन पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई तब समूचा देश मोदी सरकार के साथ खड़ा था और प्रार्थना कर रहा था कि इनकी जल्द रिहाई हो।
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मोदी कतर के अमीर से दुबई में मिले
कतर से पूर्व नौसैनिकों को रिहाई उन लोगों के मुंह पर भी तमाचा है जो लोग कहते थे कि मोदी को विदेश नीति की समझ नहीं है। आज उसी विदेश नीति और कूटनीति का जलवा है कि जिन 8 भारतीयों को कतर में मौत की सजा सुनाई गई थी वो सारे भारत वापस आ गए हैं। ये है नए भारत की ताकत है। आज दुनिया देख रही है भारत की कूटनीतिक सफलता। मोदी सरकार की कूटनीतिक चाल को इसी बात से समझा जा सकता है कि कतर में आठ पूर्व नौसैनिकों को 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुनाई गई। 1 दिसंबर को पीएम मोदी कतर के अमीर अमीर शेख तमीम बिन हम्द अल-थानी से दुबई में मिले। 28 दिसंबर को कतर की अदालत ने मौत की सजा पलट दी। और 12 फरवरी को पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया।
#WATCH | Delhi: Qatar released the eight Indian ex-Navy veterans who were in its custody; seven of them have returned to India. pic.twitter.com/yuYVx5N8zR
— ANI (@ANI) February 12, 2024
#WATCH | Delhi: One of the Navy veterans who returned from Qatar says, "It wouldn't have been possible for us to stand here without the intervention of PM Modi. And it also happened due to the continuous efforts of the Government of India." pic.twitter.com/bcwEWvWIDK
— ANI (@ANI) February 12, 2024
क़तर में जो हुआ उसे एक बड़ा षड़यंत्र कहना गलत नहीं होगा। बहुत से सच सामने नहीं आते हैं लेकिन ऐसे विषयों में एक दूसरे से जुड़े तार देखे जा सकते हैं। 8 भारतीयों को 26 अक्टूबर, 2023 को क़तर की अदालत ने जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी और उसी दिन राहुल “कालनेमि” उज्बेकिस्तान में जॉर्ज सोरोस की खास सामंता पावार के साथ गुप्त मंत्रणा कर रहा था। राहुल अगले दिन 27 अक्टूबर, 2023 को भारत लौट कर आया था।
अब यह उज्बेकिस्तान की गुप्त यात्रा का मकसद भारतीय पूर्व सैनिकों की फांसी से जोड़ कर देखना गलत भी नहीं कहा जा सकता। एक तो राहुल और फिर साथ में जॉर्ज सोरोस की साथी से मुलाकात बहुत कुछ कहती है। मतलब नरेंद्र मोदी और भारत सरकार को बदनाम करने की गहरी साजिश कही जा सकती है और उस पर जिस तरह कांग्रेस ने मोदी सरकार को संसद और संसद के बाहर घेरने की कोशिश की और जिस तरह लेफ्ट लिबरल Echo System मोदी पर बरस पड़ा था, उससे साफ़ जाहिर होता है कि यह कांग्रेस का ही रचा हुआ षड़यंत्र था जो आज विफल हो गया।
भारत की कूटनीतिक चतुराई से रुकी मौत की सजा
कतर की अदालत की तरफ से जब पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा का ऐलान किया गया था, तो भारत ने अपने कूटनीतिक चतुराई पेश करते हुए, इसके खिलाफ अपील की थी। इसका फायदा भी देखने को मिला था, क्योंकि 28 दिसंबर, 2023 को भारत की अपील को ध्यान में रखते हुए आठों नागरिकों को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगा दी गई थी।
दुबई में 3 दिसंबर, 2023 को प्रधानमंत्री मोदी और क़तर के राजा Amir Sheikh Tamim bin Hamad Al-Thani के साथ COP28 summit के दौरान मुलाकात हुई थी जिसमे भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए विस्तृत चर्चा हुई थी। इसके बाद 28 दिसंबर को क़तर ने फांसी की सजा ख़त्म करने का ऐलान किया था। हो सकता है क़तर को भी अहसास हुआ कि कोई खेल खेला गया था।
भारत सरकार, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, विदेश मंत्रालय, लीगल डिपार्टमेंट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कुछ किया, यह उनकी सरकार ही जानती है। इन सबके अथक प्रयासों से पहले तो फांसी की सजा पर क़तर ने रोक लगाई और ऐसा कहा गया कि वे सभी 8 अधिकारी आजीवन कारावास की सजा पाएंगे लेकिन आज सभी की सजा माफ़ कर दी गई। अभी कुछ दिन पहले ही भारत और क़तर के बीच 78 बिलियन डॉलर की 20 वर्ष के लिए गैस आपूर्ति की डील हुई है जिसमें भारत के 6 बिलियन डॉलर बचेंगे।
आज 8 भारतीय अधिकारियों की मुक्ति प्रधानमंत्री मोदी की UAE यात्रा शुरू होने के एक दिन पहले हुई है और ऐसा भी माना जाता है कि UAE का क़तर पर खासा प्रभाव है। कल प्रधानमंत्री अबुधाबी में पहले हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं और किसी इस्लामिक देश में हिन्दू मंदिर कांग्रेस, पाकिस्तान और हमारे सेकुलर विपक्ष को हजम होना कठिन है।
कांग्रेस का षड़यंत्र किस हद तक हो सकता है इसकी कल्पना भीं नहीं कर सकते। चलते चलते आज का कांग्रेस नेता मणिशंकर ऐय्यर का भी बयान सुनना चाहिए। अय्यर के हवाले से डान अख़बार ने लिखा है कि “वह कभी किसी ऐसे देश में नहीं गए, जहां उनका पाकिस्तान की तरह खुले दिल से स्वागत किया गया हो”। इतना पाकिस्तान के लिए प्रेम है तो फिर पाकिस्तान के साथ मिलकर कांग्रेस भारत में कुछ भी अनिष्ट कर सकती है। पाकिस्तान के ऐसे दलालों को धक्के मार कर बाहर कर देना चाहिए।
किसी कांग्रेस के नेता या विपक्षी इंडी-भिंडी ठगबंधन के नेता ने 8 भारतीयों की रिहाई पर कोई ख़ुशी जाहिर नहीं की है और यह साबित करता है कि दर्द बहुत गहरा पहुंचा है। दूसरी तरफ भारत वापस आने वाले अधिकारी कह रहे हैं कि प्रंधानमंत्री मोदी की वजह से ही वे आज जीवित आए हैं।
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