निहंग गुरवंत सिंह, जो ड्रोन गिराने की बात कर रहा है (चित्र साभार: Roazana Spokesman)
सोमवार (19 फरवरी, 2024) को पंजाबी यूट्यूब समाचार चैनल ‘रोजाना स्पोक्समैन’ का एक निहंग सिख के साथ बातचीत का वीडियो सामने आया। निहंग सिख का नाम गुरवंत सिंह है और वह अपनी तीरंदाजी को लेकर जाना जाता है। उसने इस वीडियो पर काफी विवादास्पद बयान दिए। सिंह किसानों के आंदोलन में भाग ले रहा है। उसने पंजाब के बड़े त्यौहार बैसाखी पर खून-खराबे की धमकी दी और कहा कि सरकार को इसके परिणाम झेलने होगे। उसने यहाँ तक कहा कि यदि सिख धर्मगुरु आंदोलन में पहुँच गए तो बैरिकेड मिनटों में हट जाएँगे।
उसने हरियाणा पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आँसू गैस के गोले छोड़ने को लेकर भी प्रश्न किए। उसने कहा कि जो लोग लंगर बाँटते हैं उन पर आँसू गैस नहीं चलाई जानी चाहिए। हालाँकि, यह अब एक नयन शगल बन गया है कि सेवा को प्रदर्शन के लिए ढाल की तरह उपयोग किया जाए। जहाँ असल में यह लोग सेवाभाव से करते हैं तो वहीं प्रदर्शनकारी इसे अपनी एक विशेषता के तौर पर दर्शाते हैं।
गुरवंत सिंह ने किसानों के प्रदर्शन को छोड़ कर और भी कई आपत्तिजनक बातें की। उसने कहा कि निहंग सिख भी प्रदर्शन में जाएँगे लेकिन उनकी माँग है कि किसान अपने एजेंडा में ‘बंदी सिंह’ को छुड़वाने को लेकर वादा करें। ‘बंदी सिंह’ उन खालिस्तान सिख समर्थकों को कहा जाता है जो आतंक के किसी मामले में जेल काट रहे हैं। इनको छोड़ने की माँग लम्बे समय से हो रही है। गुरवंत सिंह ने भी यही बात दोहराई।
इसके बाद वह अपनी तीरंदाजी के गुर बताने लगा। निहंग गुरवंत ने कहा कि वह ड्रोन को भी तीर का निशाना लगाकर नीचे गिरा सकता है। यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि अम्बाला के शम्भू बॉर्डर पर डटे प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने और उनको नियंत्रित करने के लिए हरियाणा पुलिस ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। उसने इसके साथ ही कहा कि अगर ड्रोन गिराने के कारण वह किसी कानूनी पचड़े में फँसता है तो उसकी विधिक सहायता कौन करेगा, इसकी उसे चिंता है। उसने यहाँ अपनी तुलना ‘बंदी सिंहों’ के साथ की।
जिस तरह तथाकथित किसान आंदोलन उग्र रूप धारण कर रहा है, यह इन तथाकथित किसानों और इनको समर्थन दे रही राजनीतिक पार्टियों के लिए भी उतनी ही घातक होने वाली है। जनता समझ चुकी है कि दिशाहीन हुए विपक्ष कोई मुद्दा न होने के कारण मोदी सरकार को बदनाम करने देश में उपद्रव फ़ैलाने का षड़यंत्र है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने के बावजूद ये तथाकथित किसान हरियाणा बॉर्डर तक इतनी संख्या में कैसे पहुंचे? केजरीवाल ने पंजाब में सरकार बनाने के लिए जो वायदे किये, उन्ही को पूरा करने केंद्र सरकार पर क्यों थोपा जा रहा है? केंद्र सरकार को 2024 चुनाव के बाद इन सभी प्रदर्शनकारियों के बैंक खाते, जमीन-जायदाद आदि की गहन जाँच करनी होगी। अगर जाँच में जो भी बाधा डाले उस पर भी सख्ती से पेश आना होगा। विदेशी भीख पर देश का माहौल ख़राब करने वालों का सख्ती से इलाज उतना ही जरुरी है, जितना जीवित रहने के लिए अन्न और साँस।
उसने यहाँ CRPF की आलोचना भी की, उसने कहा कि CRPF वालों को ब्रेनवॉश किया गया है कि वह प्रदर्शनकारियों को दिल्ली जाने से रोकें। उसने दावा किया कि इन्हें मेडल देने का वादा किया जा रहा है। साथ ही गुरवंत ने खालिस्तान की विचारधारा को लेकर भी बात की। उसने यहाँ दीप सिद्धू का नाम लिया। दीप सिद्धू पहले एक अभिनेता था जो कि किसान आन्दोलन 1.0 के समय नेतागिरी करने में आ गया था। गुरवंत ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वह निशान साहिब के तले दिल्ली की तरफ कूच करें।
उसने ये भी कहा कि प्रदर्शनकारियों को टिड्डियो की तरह एक साथ चलना चाहिए ना कि मेढकों की तरह इधर-उधर कूदना चाहिए। इसके बाद उसने बैसाखी त्योहार पर खून-खराबे की धमकी भी दी। गुरवंत ने कहा कि प्रदर्शनकारियों में ‘चंडी दा वार’ का उपयोग करके और भी ताकत भरी जानी चाहिए। उसका यह वीडियो यूट्यूब पर लाखों लोगों द्वारा देखा जा चुका है। सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे लोगों पर नजर रखने की जरूरत है। उसकी खून-खराबे वाली धमकी को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को जाँच करनी चाहिए।
यहाँ यह ध्यान देने वाली बात है कि रोज कोई ना कोई कैमरा पर आकर सिखों को भड़काने का काम करता रहता है, ऐसे में लोगों को संभल कर कैमरा पर बोलना चाहिए क्योंकि इससे समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं और भड़काऊ भाषणों से कानून व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो सकती है।

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