सुभाष चन्द्र
कांग्रेस के लोग भाजपा नेताओं के हर छोटे बड़े मामले पर सवाल उठाते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी क्यों चुप हैं, वो कुछ क्यों नहीं बोलते लेकिन कांग्रेस की सुपर महारानी सोनिया गांधी, उनकी बेटी प्रियंका वाड्रा, जो नारा लगाती फिरती थी “लड़की हूं लड़ सकती हूं” और उनका बेटा जो “मोहब्बत की दुकान” का sole Proprieter है राहुल गांधी आखिर कांग्रेस नेताओं द्वारा किए जा रहे महिलाओं के अपमान पर खामोश क्यों है?
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सुप्रिया श्रीनेत ने पूरे होशोहवास में कंगना रनौत का चरित्र हनन किया मगर कांग्रेस की माँ-बेटी खामोश रही। और आज रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा सांसद हेमा मालिनी के लिए मर्यादाहीन शब्दावली प्रयोग की जिसकी राजनीतिक गलियारों में खूब निंदा हो रही है परन्तु माँ-बेटी चुप हैं।
सुप्रिया श्रीनेत पर हल्का हाथ रखने के लिए चुनाव आयोग को भाजपा के दिलीप घोष के ममता के लिए एक बयान का सहारा मिल गया वरना आयोग को कार्रवाई करना कठिन हो जाता। कुछ बातों का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए आयोग को लेकिन जब तक शिकायत न की जाए सुनता नहीं है और फिर समय भी अपने हिसाब से लेता है।
पिछले महीने राहुल गांधी को चेतावनी जारी करने में 4 महीने लगा दिए लेकिन राहुल में चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ। अब मोदी के अलावा देश को आग लगाने की भी धमकी दे रहा है परंतु आयोग कार्रवाई शायद चुनाव के बाद ही कर सकेगा। वैसे कांग्रेस को यह धमकी अपने चुनाव “घोषणा पत्र” में पहले नंबर पर शामिल करनी चाहिए।
राहुल गांधी रोज गीत गा रहा है कि मोदी और शाह संविधान बदलना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस जिस तरह महिलाओं पर हमला कर रही है, उससे तो लगता है कांग्रेस खुद महिलाओं के लिए नया संविधान लिखने की मंशा रखती है। राहुल गांधी को पता नहीं है कि अब तक के 106 संविधान संशोधनों में 77 संशोधन नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक कांग्रेस प्रधानमंत्रियों के समय में किए गए जिसमें सबसे ज्यादा दादी इंदिरा गांधी ने किए 31 बार।
देश में कुल 97.8 करोड़ वोटर हैं जिनमे पुरुष 49.72 करोड़ हैं और महिला वोटर 47.1 करोड़ हैं यानी 48% महिला वोटर हैं। कांग्रेस का महिलाओं के लिए आचरण देखते हुए 47 करोड़ महिला वोटरों को कांग्रेस को ठोकर मार देनी चाहिए। ऐसा सम्मान देकर कांग्रेस महिलाओं के लिए 33% आरक्षण अपनी पार्टी में लागू करेगी तो समझ लीजिये क्या होगा।
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