राम-रावण प्रकरण को आज भारतीय राजनीती से जोड़ने को अन्यथा लेने की बजाए अपने सनातन को पहचानने की जरुरत है। सनातन अगर हमें धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है तो राजनीती भी सिखाता है। किसी भी कदम किसी का उपहास नहीं करना चाहिए। आज विपक्ष खुलकर सनातन के विरुद्ध बोल रहा है। खुलकर मुस्लिम तुष्टिकरण को पालने-पोसने की बात कर रहा है। मुसलमान भी अब समझने लगा है, लेकिन जिस विपक्ष की अक्ल पर पत्थर पड़े हों उसे समझ नहीं आ रही। वो सनातन जो 4 अरब वर्षों से अधिक समय से निरंतर जीवित है, उसे समाप्त करने पता नहीं कितने आये और गए, लेकिन सनातन धर्म आज भी जीवित है। जिस तरह इतिहास में सनातन विरोधियों का कोई नाम लेवा नहीं, उसी मार्ग पर विपक्ष चल रहा है। इस समय देश में सनातन बनाम सनातन विरोधियों के बीच महायुद्ध चल रहा है, जनता को इस कटु सच्चाई को समझना होगा।
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लेखक चर्चित यूटूबर |
इस पर रावण ने दहा
ड़ कर हसते हुए पूछा, किसकी दुर्दशा, हमारी या तुम्हारी? भगवान ने कहा, तुम्हारी।
रावण ने कहा “एक वन वन भटकते हुए वनवासी को स्वर्ण लंका के सिंहासन पर बैठे हुए त्रिभुवन विजयी लंकेश के वैभव में तुम्हे दुर्दशा दिखाई दे रही है। राम, तुम अपनी वाकपटुता के जादू से इन भोले भाले अज्ञानी वानरों को भरमा सकते हो”।
भगवान राम ने तब रावण को बताया भक्त क्या होता है, उन्होंने कहा
“रावण, भक्त अज्ञानी हो, अनपढ़ हो या मूर्ख हो पर ह्रदय का सच्चा और मन का सरल होता है परंतु ज्ञानी तुम जैसा दुष्ट भी हो सकता है जिसके ह्रदय में अधर्म और कपट होता है, उसकी अवस्था तुम्हारे जैसी होती है, जिसे स्वर्ण लंका के राज सिंहासन पर बैठ कर भी जीवन में अपूर्णता का कांटा चुभ रहा है, इस समय तुम्हारे ह्रदय में केवल अशांति, चिंता और तड़प रह गई है और कुछ नहीं”।
“तेरे जैसे हर दुराचारी को एक समय इस बात का आभास हो जाता है कि उसका अंत समय आ गया है और तब वह एक घायल सांप की भांति सुरक्षा का बिल ढूंढता फिरता है परंतु उसे सुरक्षा नहीं मिलती, वही अवस्था इस समय तुम्हारी है। तुम्हारा अंत आ चुका है, तुम्हारे पाप कर्मो के विष ने तुम्हारे मन की शांति को जला दिया है और तुम अशांति की तड़प और पाप के विषैले कांटे की चुभन को छिपाने के लिए ऊंची आवाज़ में बड़ी बड़ी डींगे मार रहे हो जिन्हें तुम्हारा अपना मन भी नहीं मानता। रावण इसी अवस्था का नाम दुर्दशा है”।
आज रावण जैसी ही दुर्दशा ही कांग्रेस और विपक्ष की है जो कुछ बातें यह प्रमाणित करती हैं :-
कांग्रेस को 60 साल राज करने के बाद और घोटालों से धन कमा कर भी “अपूर्णता” लग रही है;
राहुल गांधी देश को आग लगाने की धमकी दे रहा है;
राम से टकरा कर काल्पनिक कह कर मिट्टी हो गए परंतु अब भी राम मंदिर को तोड़ने की धमकी दे रहे हैं और राम लला की मूर्ति हटा कर मंदिर का शुद्धिकरण करने की बात करते हैं;
जिस तरह रावण के भाई कुंभकरण और पुत्र मेघनाथ ने रावण को समझा दिया राम विष्णु हैं लेकिन वह नहीं माना वैसे ही कांग्रेस के कई लोगों ने मोदी को पहचाना कि वह क्या हैं परंतु कांग्रेस नहीं समझ रही;
जैसे रावण ने सुग्रीव को राम से तोड़ने की और सुग्रीव की सेना में विद्रोह की कोशिश की वैसे ही कांग्रेस हिन्दू समाज को तोड़ने की कोशिश कर रही है;
जैसे रावण हर किसी राक्षस को साथ लेने की कोशिश की राम को परास्त करने के लिए वैसे ही कांग्रेस मुसलमानों पर भरोसा कर रही है मोदी को हराने के लिए;
औरंगजेब मेरा भाई था उसने भारत माता के लिए अपनी जान की क़ुरबानी दे दी, उद्धव बोला;
संजय राउत कहता है हमने औरंगजेब को जमीन में गाड़ दिया, मोदी तू क्या चीज़ है;
कोई कह रहा है मोदी का सर फोड़ दो, उसकी हत्या कर दो;
कोई पाकिस्तान के एटम बम से डरा रहा है कह रहे हैं पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी;
जिसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कह दिया,"अगर पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी है, हम पहना देंगे।" दूसरे, जहाँ तक एटम बम की बात है, पाकिस्तान से शक्तिशाली एटम भारत के पास है। मोदी विरोधी CIA रिपोर्ट को भी भूल रहे हैं, जो उसने मोदी के प्रधानमंत्री बनने के लगभग डेढ़ साल के बाद Pentagon को दी थी कि 'मोदी विश्व का सबसे खतरनाक प्रधानमंत्री है। अब तक भारत पर पाकिस्तान हमला करता रहा है, लेकिन अब अगर इंडो-पाक युद्ध हुआ तो पहला हमला भारत की तरफ से होगा और भारत पाकिस्तान को nuclear इस्तेमाल करने का मौका भी नहीं देगा। जिसका अंदाजा पाकिस्तान की आज की हालत को देखकर लगाया जा सकता है। वो दिन गए जब शेख जी फाख्ता उड़ाया करते थे। मोदी-योगी विरोधी मर रहे पाकिस्तान को ऑक्सीजन देने का काम कर रहा है।
अब भारत के लोगों को धमका रहे हैं तुम्हारी संपत्ति जब्त कर मुसलमानों में बांट देंगे;
और कुछ नहीं सूझा तो भारत के लोगों को अफ्रीकी और चीनी बता रहे हैं।
ये सब लक्षण हैं दुर्दशा के रावण जैसी और इससे अनुमान लगाया जा सकता है अंत समय इनके अस्तित्व समाप्त होने का निकट है।
2014 चुनाव के बाद से भारत उस नीति पर काम कर रहा है, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने बताई थी। लेकिन रावण के नक़्शे कदम पर चलते कांग्रेस, कांग्रेस समर्थक विशेषकर कम्युनिस्टों ने भारत को कम आंकने की गलती की। रावण श्रीराम से अधिक बलशाली था, विद्वान था, वेद, उपनिषदों और पुराणों का ज्ञाता था, लेकिन तपस्याओं के समय उसे दिखाए गए मार्ग और किसके द्वारा और कब अंत होगा, कुंभकरण द्वारा विस्तार से बताने के बावजूद अपने अहम् को नहीं त्यागा, ठीक वही स्थिति विपक्ष की हो गयी है।
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