18वीं लोकसभा सत्र की शुरुआत हुए अभी हफ्ता भी नहीं हुआ है लेकिन विपक्ष एक के बाद बेवजह के मुद्दे उठाकर सदन का बहुमूल्य समय बर्बाद करने में जुटा है। उसका एक ही मकसद है किसी तरह हंगामा कर सदन की कार्यवाही को बाधित किया जाए और देश में अराजकता का माहौल बनाया जाए। किसको नहीं मालूम कि जॉर्ज सोरोस आदि मोदी विरोधी नहीं बल्कि भारत विरोधियों ने अरबों ऐसे ही बर्बाद नहीं किए। उनको कीमत वसूल करनी है। कभी माइक बंद करने पर तो कभी किसी न बहाने हुड़दंग करना। वैसे इसका I.N.D.I. गठबंधन में भी घुटन शुरू हो चुकी है, जो लोक/राज्य सभाओं के इस सत्र में नहीं तो आने वाले बजट सत्र में देखने को मिल सकती है। गठबंधन में यह बात घर करने लगी है कि राहुल अन्य पार्टियों से सलाह लेकर चलने की बजाए अपने तरीके से चल रहे हैं। हुड़दंगी विपक्ष के आगे 56 इंच का सीना वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुप नहीं बैठने का समय नहीं। जब इस हुड़दंगी विपक्ष ने स्पीकर के लिए उम्मीदवार उतारा था, स्पीकर का चुनाव क्यों नहीं करवाया? क्यों ध्वनि मत से ओम बिरला को विजयी घोषित होने दिया? मोदी की यह पहली हार है, जीत नहीं। नंगे के सामने जब तक तुम भी नंगे नहीं होंगे, वो अपने आपको सुरमा भोपाली समझता रहेगा, अंजाम सबके सामने है। चुनाव होने पर हुड़दंगी विपक्ष को औकात पता लग जाती। सदन स्थगित करने की बजाए काम रुकना नहीं चाहिए, विपक्ष का मकसद ही 5 वर्ष तक हुड़दंग कर सदन को बाधित करना है। हुड़दंग ऐसे हो रहा है कि गली में कोई असामाजिक तत्व अराजक पैदा करता है। लोक सभा अध्यक्ष को स्पष्ट बोलिए कि सदन में बाधा करने वालों को मार्शल को बोलकर पूरे सत्र के लिए बाहर करे।
सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को विपक्ष ने नीट पेपरलीक मामले में हंगामा किया जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसी तरह चौथे दिन गुरुवार को विपक्ष के पास जब कोई मुद्दा नहीं था तो उसने सेंगोल मुद्दा उठा दिया। विपक्षी सांसद ने सेंगोल को ‘राजा का डंडा’ बता दिया और पूछा है कि क्या इससे सरकार चलेगी। उन्होंने कहा कि सेंगोल संसद में नहीं होना चाहिए। सवाल ये है कि आखिरकार विपक्ष को सेंगोल से इतनी परेशानी क्यों है? इससे यह भी पता चलता है कि विपक्ष के मन में भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रति कोई सम्मान नहीं है। ये तमिल संस्कृति के प्रति इंडी अलायंस की नफरत को भी दर्शाता है।
विपक्षी दलों ने 18वीं लोकसभा में विवाद पैदा किया और हंगामा करके सदन की कार्यवाही को बाधित किया
28/06/2024
विवाद- नीट पेपरलीक पर हंगामा
18वीं लोकसभा सत्र के पांचवें दिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी पेपर लीक मामले पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने NEET का मुद्दा उठाया और विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर इस मामले पर चर्चा की मांग की। विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले पेपरलीक मसले पर चर्चा करने की मांग को लेकर हंगामा किया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पहले की जाए, लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
देश की 18वीं Lok Sabha के पहले सत्र का आज पांचवां दिन है। शुक्रवार को पांचवें दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू ही होने वाली थी कि विपक्ष ने जोरदार हंगामा मचाना शुरू कर दिया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।… pic.twitter.com/7gIfnR2UPH
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) June 28, 2024
27/06/2024
पहला विवाद- राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार
18वीं लोकसभा के विशेष सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। राष्ट्रपति का अभिभाषण सुनने के बजाय सदन के बाहर आम आदमी पार्टी के सांसदों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी ने एक भ्रष्ट नेता को बचाने के लिए हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को रिहा करो जैसे नारे लगाए।
महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार और उसी समय एक भ्रष्ट को बचाने के लिए हंगामा, @AamAadmiParty ने देश का अपमान किया है और दिल्ली का नाम खराब किया है। pic.twitter.com/R1moGX5PAI
— Preety Agarwal (@PreetyAgarwaal) June 27, 2024
27/06/2024
दूसरा विवाद- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हंगामा
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में लगातार चौथे दिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा। चौथे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के दौरान जब नई शिक्षा नीति एवं पेपर लीक, संविधान, इमरजेंसी और नार्थ ईस्ट का जिक्र आया तो विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के समय विपक्षी सांसदों ने ‘नीट-नीट’ के नारे लगाए। इस दौरान राष्ट्रपति को विपक्षी सांसदों को सुनिए-सुनिए तक कहना पड़ा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया पेपरलीक का जिक्र, कहा- परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता जरूरी#ParliamentSession #DroupadiMurmu | @rashtrapatibhvn pic.twitter.com/6gNRDJa2Ca
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) June 27, 2024
27/06/2024
तीसरा विवाद- सेंगोल पर बवाल
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में चौथे दिन विपक्ष ने एक बेवजह का मुद्दा उठाकर विवाद पैदा करने की कोशिश की। उन्होंने सेंगोल को संसद से हटाने की मांग कर दी। सपा सांसद आरके चौधरी ने स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज, मैंने इस सम्मानित सदन में आपके समक्ष सदस्य के रूप में शपथ ली है कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा लेकिन मैं सदन में पीठ के ठीक दाईं ओर सेंगोल देखकर हैरान रह गया। महोदय, हमारा संविधान भारतीय लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है। हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजे-रजवाड़े का महल नहीं।’ सांसद आरके चौधरी ने आगे कहा, ‘मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन में सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए।’ इसके बाद आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा कि ये लोकतंत्र है राजतंत्र नहीं, सेंगोल हटना चाहिए। देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने इसे अंग्रेज़ों से भारत को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर स्वीकार किया था। बाद में इसे नेहरू ने एक म्यूज़ियम में रखवा दिया था और तब से सेंगोल म्यूज़ियम में ही रखा है। लेकिन पीएम मोदी ने इसे नई संसद बनने के बाद इसे सदन में स्थापित किया। जिसे अब विपक्ष हटाने की मांग कर रहा है। इससे पता चलता है कि विपक्ष के मन में भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रति कोई सम्मान नहीं है। ये तमिल संस्कृति के प्रति इंडी अलायंस की नफरत को भी दर्शाता है।
सपा ने सेंगोल को लेकर बड़ी मांग कर दी. जिससे विवाद बढ़ गया. सपा ने कहा, संसद भवन में सेंगोल को हटाकर संविधान को रखना चाहिए. जिसपर विवाद बढ़ गया.
— BBA LIVE (@bba_live) June 27, 2024
संविधान या सेंगोल?
सेंगोल पर अखिलेश यादव का बयान सुनिए 👇🏻#Sengol #RkChaudhary #AkhileshYadav #SP #LatestNews #ParliamentSession pic.twitter.com/GmogfbI4tB
26/06/2024
विवाद- आपातकाल की निंदा पर हंगामा
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के तीसरे दिन (26 जून 2024) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कुर्सी संभालते ही प्रधानमंत्री मोदी और सदन के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया। साथ ही आपातकाल की निंदा की। इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 1975 के आपातकाल पर एक बयान पढ़ा और इसे भारत के इतिहास का एक काला अध्याय बताया। ओम बिरला ने कहा, ‘ये सदन 1975 में देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।’ इस पर विपक्ष की आपत्ति जताते हुए सदन में हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
एमरजेंसी याद दिलाई, विपक्ष का पारा हाई!
— News18 India (@News18India) June 26, 2024
संसद में आपातकाल पर 1 मिनट का मौन
एमरजेंसी की निंदा पर विपक्ष का हंगामा#18thLokSabha #LoksabhaSpeaker #NDA #PMModi #OmBirla #PMModi #BJP #Congress @_poojaLive pic.twitter.com/Qjmmgwd1PM
25/06/2024
विवाद- स्पीकर पद पर तकरार
आमतौर पर लोकसभा अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुने जाने की परंपरा रही है। लेकिन विवाद के लिए विवाद पैदा करने की मंशा लेकर चल रहे इंडी अलायंस ने इस पर सहमति नहीं जताई। ऐसे में 1952 के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि जब स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि इंडी गठबंधन की ओर से भी लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया गया। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की ओर से ओम बिरला का नाम फाइनल हुआ। उधर इंडी अलायंस की ओर से के. सुरेश का नाम सामने आया। के. सुरेश ने स्पीकर पोस्ट के लिए विपक्ष की ओर से नामांकन कर दिया। इसके बाद बुधवार 26 जून 2024 को ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया।
स्पीकर पद पर तकरार, बीजेपी - कांग्रेस में वॉर
— News18 Rajasthan (@News18Rajasthan) June 25, 2024
कांग्रेस को उम्मीद NDA के खेमे से भी मिलेगा सपोर्ट
बीजेपी लगा रही है विपक्ष पर विरोध के लिए विरोध करने का आरोप @BJP4Rajasthan @BJP4India @INCIndia @INCRajasthan #RajasthanWithNews18 pic.twitter.com/XODwcOhbR7
24/06/2024
विवाद- प्रोटेम स्पीकर पर विवाद
18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार (24 जून) को शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार सुबह भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई। कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों ने प्रोटेम स्पीकर पद के लिए महताब का नाम आने पर आपत्ति जताई और हंगामा किया। प्रोटेम स्पीकर पर विवाद के बीच विपक्ष ने असहयोग करने की रणनीति बनाई। विपक्षी दलों ने सांसदों की शपथ के दौरान प्रोटेम स्पीकर के सहयोग के लिए स्पीकर की कुर्सी पर नहीं बैठने का फैसला किया। विपक्षी गठबंधन ने पीठासीन अधिकारियों के पैनल से अपने सदस्यों को हटाने का फैसला किया। इन सदस्यों को 26 जून को अध्यक्ष (स्पीकर) के चुनाव तक लोकसभा की कार्यवाही के संचालन में महताब की सहायता करने के लिए नियुक्त किया गया था। इससे पहले राष्ट्रपति ने लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने में महताब की सहायता के लिए कोडिकुन्निल सुरेश (कांग्रेस), टी आर बालू (द्रमुक), राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते (दोनों भाजपा) तथा सुदीप बंदोपाध्याय (तृणमूल कांग्रेस) को नियुक्त किया था।
प्रोटेम स्पीकर के विवाद पर TMC के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा है कि विपक्ष का गठबंधन इंडिया प्रोटेम स्पीकर के पैनल से दूर रहेगा #18thLokSabhaSession #ParliamentSession2024 #ProTemSpeaker @theanupamajha @nirajjournalist pic.twitter.com/lOKJa2dYC3
— News18 India (@News18India) June 24, 2024
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