तमिलनाडु : I.N.D.I. गठबंधन को वोट देने वालों शर्म करो; बकरे को पहनाई अन्नामलाई की फोटो और फिर बीच सड़क काट डाला: DMK समर्थकों का Video ; BJP नेता की हार का जश्न मटन बिरयानी खाकर मनाया; I.N.D.I. गठबंधन खामोश क्यों? क्या सरकार बनने पर ऐसा ही हुड़दंग करने की योजना थी?

डीएमके नेताओं ने अन्नामलाई की फोटो लगाकर काटा बकरा (फोटो साभार: वायरल वीडियोज)
लोकसभा नतीजे सामने आने के बाद एक बहुत दिल दहलाने वाली वीडियो सामने आई है। ये वीडियो तमिलनाडु से है जहाँ भाजपा को मजबूत करने का काम अन्नामलाई कर रहे थे। नतीजे आने के बाद यहाँ डीएमके कार्यकर्ताओं ने अन्नामलाई की फोटो बकरे के गले में टांगकर उसका सिर खुली सड़क पर धारदार हथियार से एक बार में अलग कर दिया। इसके बाद बाकी सब लोग जश्न मनाते दिख रहे हैं।

जिस तरह बीजेपी उम्मीदवार अन्नामलाई की हार DMK मना रही है, I.N.D.I. गठबंधन को वोट देने वालों में अगर .00000001%भी शर्म हो, कसम खानी होगी कि भविष्य में कभी इस गठबंधन को वोट नहीं देंगे। और अगर जातपात और मजहब की आड़ में ऐसी डूब मरने वाली गन्दी सियासत करनी है, जो साबित करेगी कि तुम भारत विरोधी उपद्रवियों के हाथ एक कठपुतली हो। गठबंधन के किसी भी नेता ने विरोध कर इन्हें दण्डित करने की आवाज़ नहीं उठाई। मतलब अगर देश में I.N.D.I. गठबंधन की सरकार बन गयी होती उस स्थिति में देश में कितना उपद्रव मच रहा होता।      

इस वीडियो को देखकर साफ पता चलता है कि डीएमके कार्यकर्ता सिर्फ बकरे का गला नहीं काट रहे बल्कि प्रतीकात्मक तौर पर भाजपा अध्यक्ष का सिर तन से जुदा करते दिखा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इसे शेयर करके सवाल किए हैं कि ये क्या अन्नामलाई की फोटो लगाकर इस तरह बकरे का सिर काटना निर्मम हत्या करने के इशारे को नहीं दर्शता।

लोगों ने ऐसी हरकत करने वाले डीएमके कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई की माँग की है। कहा जा रहा है कि ऐसा करके अन्नामलाई के बैकग्राउंड का भी मखौल उड़ाया गया है। वो किसान परिवार से हैं और बकरी पालन का काम भी करते हैं। इसके अलावा उन्होंने पहले कहा भी था कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है, उनके पास सिर्फ कुछ बकरियाँ हैं। यही वजह है कि उनकी तस्वीर बकरे पर लगा उसका सिर काटा गया है।

4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कोयंबटूर में डीएमके कार्यकर्ताओं ने जश्न के तौर पर ऐसी हरकत को अंजाम दिया है। पहले उन्होंने ऐलान किया था कि अन्नामलाई हारे तो बकरे की बिरयानी बनेगी। इसके बाद नतीजे देख मटन बिरयानी बनी और डीएमके कार्यकर्ताओं को समर्थकों में बँटी।

इस तरह प्रतीकात्मक हत्या दिखाए जाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले 2022 में भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा का पुतला बनाकर उसे सरेआम सड़क पर फाँसी देने की घटना कर्नाटक के बेलगावी में सामने आई थी। इसके अलावा साल 2021 में केरल में पीएफआई ने एक रैली आयोजित की थी। इस रैली में आरएसएस की ड्रेस पहनाकर हिंदुओं के नरसंहार को दर्शाया गया था।

मालूम हो कि भले ही ये प्रतीकात्मक तौर पर किए गए प्रदर्शन हिंसा में नहीं आते लेकिन ये उस भीड़ की मानसिकता को जरूर उजागर करते हैं जो प्रतिद्वंदियों को मारने को अपनी बहादुरी मानते हैं।

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