पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हमास ने इतिहास का सबसे निर्मम हमला किया था इज़रायल पर और उसके बाद से हिज़्बुल्ला एवं हूती ने भी रह रह कर इज़रायल पर हमले किए। इन तीनो आतंकी संगठनों के पीछे खड़ा था ईरान जो इनकी हर तरह से मदद कर रहा था लेकिन ईरान में इस्माइल हनिया की हत्या के बाद ईरान ने जोर शोर से इज़रायल को सबक सिखाने की धमकी दी लेकिन एक बार 300 मिसाइल फ़ेंक कर कोई निर्णायक युद्ध नहीं किया इज़रायल के साथ। भिड़ाता रहा तो हिज़्बुल्ला, हमास और हूती को इज़रायल से।
हमास को लगभग खत्म करते करते इज़रायल ने अपना टारगेट हिज़्बुल्ला पर फोकस किया। वैसे तो इज़रायल हर समय युद्ध की तैयारी में रहता है लेकिन जिस तरह हिज़्बुल्ला को ठिकाने लगाया है उसे देख कर लगता है इज़रायल ने इसके लिए काफी समय से तैयारी की थी और नसरुल्ला को आंसू बहाने पर मजबूर कर दिया।
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लेखक चर्चित YouTuber |
भीषण हमला शुरू करते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के लोगों से साफ़ संदेश देकर कहा
“मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि IDF ने जो आपको चेतावनी दी है कि हमारे निशाने से हट जाइए, उसे गंभीरता से लें;
हिज़्बुल्ला को आपकी जिंदगी और आपके अपनों की जिंदगी को खतरे में मत डालने दीजिए;
हिज़्बुल्ला को लेबनान को खतरे में मत डालने दीजिए;
हथियारों के सामने से हट जाइए”
इज़रायल ने पेजर ब्लास्ट किए, वाकी टाकी ब्लास्ट किए, कंप्यूटर्स और अन्य electronic चीज़ों में ब्लास्ट कर 1000 से ज्यादा आतंकी निपटा दिए। सबसे घातक हमले में इज़रायल ने हिज़्बुल्ला के कमांडर इब्राहिम कोबेसी को मार गिराया, उसके अलावा भी कई कमांडर ख़त्म कर दिए। कोबेसी हिज़्बुल्ला की मिसाइल रॉकेट यूनिट का मुखिया था जो इज़रायल पर रॉकेट हमलों का जिम्मेदार था। इज़रायल ने हिज़्बुल्ला के 1600 ठिकाने उड़ा दिए जिनमें अनेक इज़रायल के लिए घातक थे। इज़रायल ने लेबनान में रेडियो सिस्टम हैक कर लिए और रेडियो मैसेज सुनाया गया कि लोग हिज़्बुल्ला के इलाके खाली करें।
ऐसा सुनने में आया है कि इज़रायल ने लेबनान के हिज़्बुल्ला प्रभुत्व के कुछ इलाको को गाज़ा बनाने का फैसला किया है।
इसलिए मुझे लगता है कि इज़रायल ने यह सब अचानक नहीं किया और इसके पीछे Long Term Strategic Planning थी कि हिज़्बुल्ला को मटियामेट ही कर देना है।
सबसे बड़े आश्चर्य की बात है कि हिज़्बुल्ला लगातार इज़रायल पर हमले करता रहा लेकिन उसे किसी वैश्विक ताकत ने नहीं टोका परंतु जैसे ही इज़रायल ने 1 हफ्ते में उसकी गर्मी निकाल दी, अनेक देश इज़रायल के पीछे पड़ गए कि इसे रोक दो। जबकि सच यह है कि आज यदि यह अघोषित युद्ध बंद भी हो जाए तब भी हिज़्बुल्ला फिर से इज़रायल पर हमले की तैयारी शुरू कर देगा लेकिन आज एक हफ्ते की पिटाई के बाद “एक आतंकी संगठन पीड़ित” बन गया।
लेबनान की आम जनता को सच में हिज़्बुल्ला ने खतरे में डाल दिया है। लेकिन 1975 से पहले के उन्नत लेबनान को गृह युद्ध में झोक कर इस्लामिक ताकतों ने स्वयं ही आज के हालात में पहुंचाया था तो कोई क्या करे।
जो गाज़ा और लेबनान में किया इज़रायल ने आतंकियों को ठिकाने लगाते हुए, वह पाकिस्तान में भी एक दिन होना चाहिए जो न जाने कितने आतंकियों को पाल रहा है। खाली जेब होते हुए दुनिया भर में कटोरा हाथ में पकड़े भीख मांगते हुए अब जाकिर नाइक की अगले महीने 15 दिन तक मेजबानी करेगा और बदले में वो पाकिस्तानियों को आतंक के नए गुर सिखाएगा। जाकिर नाइक को शायद ध्यान नहीं रहा कि पाकिस्तान में 25 से ज्यादा आतंकियों का “unknown Gunman” शिकार कर चुका है। जब जाकिर से मोहब्बत है तो भारत से क्या बातचीत करना चाहता है पाकिस्तान।
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