वर्ष 2022 में एक व्यक्ति बिकाश साहा ने त्रिपुरा हाई कोर्ट में एक PIL दायर करके मुकेश अंबानी और उनके परिवार को सुरक्षा न देने के लिए मांग की। बिकाश साहा के लिए 22 जुलाई, 2022 को Law Beat ने लिखा था।
“He had no Locus in the matter and is just a meddlesome interloper*, claiming himself to be a social worker and student by profession” (* इसका मतलब होता है। दूसरों के मामलों में दखलअंदाजी करने वाला घुसपैठिया या अतिचारी”। यह बयान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सुप्रीम कोर्ट में दिया।
पहली बात तो त्रिपुरा हाई कोर्ट को साहा जैसे व्यक्ति की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार ही नहीं करनी चाहिए थी बल्कि उसे पूछना चाहिए था कि देश की प्रगति में अंबानी के मुकाबले तेरा क्या योगदान है लेकिन हाई कोर्ट ने केवल उसकी याचिका पर सुनवाई ही नहीं की बल्कि केंद्र को नोटिस देकर मुकेश अंबानी की Threat Perception की फ़ाइल और क्या खतरा है अंबानी और उनके परिवार को, उसकी Assessment रिपोर्ट पेश करे। यानी एक निठल्ले छात्र, जो वास्तव में कोई सिरफिरा वामपंथी या कांग्रेसी होगा, को कोर्ट ने इतना भाव दे दिया। और इस व्यक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट को भी अपना समय बर्बाद करना पड़ा।लेखक
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सुप्रीम कोर्ट में CJI एन वी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी सिन्हा और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने केंद्र की अपील सुनकर हाई कोर्ट की करवाई ख़त्म करते हुए केंद्र को आदेश दिया कि मुकेश अंबानी और उनके परिवार को देश और विदेश में Z+ सुरक्षा देती रहे। इस आदेश में भी बदलाव के लिए बिकाश साहा फिर सुप्रीम कोर्ट चला गया और 28 फरवरी, 2023 को जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने उसकी याचिका को खारिज करते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिया कि अंबानी और परिवार को सुरक्षा जारी रखी जाए जिसका सारा खर्च मुकेश अंबानी वहन करेंगे।
कई बार सुप्रीम कोर्ट के दिए निर्णय हंसी के पात्र बन जाते हैं। मुद्दा वही लेकिन व्यक्ति को देख फैसला देना, क्या देश में दो कानून हैं?
यह सारा मामला मैंने इसलिए रखा है कि जब देश को आर्थिक मजबूती देने वाले अंबानी को अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं खर्च करना पड़ रहा है तो जनता को जानने का अधिकार है कि 2900 करोड़ की Net Worth वाले सलमान खान की सुरक्षा का खर्च कौन दे रहा है जिसे Y+ सुरक्षा मिली है जिसे बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद और बढ़ा दिया गया है? इसके अलावा भी कई और हैं जिन्हें सुरक्षा मिली हुई है, क्या वे भी खर्च वहन कर रहे हैं या फ्री में सुरक्षा मिल रही है?
कुल 8 Bollywood के सितारों को सुरक्षा मिली हुई है, जिनके नाम हैं -
-शाहरुख़ खान Y+ security महाराष्ट्र सरकार से - हत्या की धमकी के बाद;
-SRK से पहले सलमान खान को महाराष्ट्र सरकार से Y+ security मिली हुई थी बिश्नोई की धमकी के बाद;
-अमिताभ बच्चन सुरक्षा Y से X category की कर दी गई मुंबई पुलिस द्वारा;
-कंगना रनौत - 2020 में केंद्र के गृह मंत्रालय ने Y+ सुरक्षा दी गई जब शिवसेना और NCP के लोगों ने सुशांत सिंह केस के बाद कंगना ने मुंबई को POK से compare किया;
-अनुपम खेर X+ सुरक्षा दी गई जब फिल्म The Kashmir Files के जारी होने के बाद जान से मारने की धमकियां मिली;
-विवेक अग्निहोत्री Y category सुरक्षा दी गई - The Kashmir Files के जारी होने के बाद;
-अक्षय कुमार को X+ सुरक्षा महाराष्ट्र सरकार द्वारा दी गई जब उसे धमकियां मिली;
-आमिर खान को भी Z+ सुरक्षा दी गई जब PK की release के बाद उसे फिरौती के लिए धमकियां मिली।
किसी के पास जानकारी हो तो साझा करें कि क्या इन सबकी सुरक्षा का खर्च महाराष्ट्र सरकार उठा रही है या ये लोग स्वयं वहन कर रहे हैं?
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