भाजपा की हरियाणा में जीत से कांग्रेस इस कदर बौखला गई कि उसे दीवारों पर लिखी इबारत में लिखी अपनी हार भी नज़र नहीं आ रही। कांग्रेस के जयराम रमेश कह रहे हैं -
“हरियाणा में तंत्र की जीत हुई, लोकतंत्र हार गया”, “हरियाणा के नतीजे स्वीकार्य नहीं है” ।
लोकतंत्र की हार तो आपके चुनाव नतीजों को Reject करने से हुई है क्योंकि कोई लोकतांत्रिक दल जनादेश का ऐसे अपमान नहीं कर सकता जो कांग्रेस ने किया।
लेखक चर्चित YouTuber |
योगेंद्र यादव ने चुनाव में 3 संभावनाएं बताई थीं। या तो कांग्रेस की हवा चलेगी, या आंधी चलेगी और या सुनामी चलेगी। ये पाखंडी अबकी कांग्रेस के लिए “Pitch” तैयार कर रहा था।
बीजेपी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी “नायाब नायक नायब” बनकर उभरे हैं। बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार साढ़े 3% वोट ज्यादा मिले और सीट 40 से 48 हो गई।
जबकि JJP की वोट तो जैसे ख़त्म ही हो गई। पिछली बार 14.8% वोट थी और सीट थी 10 लेकिन इस बार वोट रह गया 0.90% और कोई सीट नहीं मिली।
सबसे बढ़िया performance सबसे ईमानदारों की पार्टी “AAP” का रहा 1.79% वोट सीट जीरो और 89 सीटों पर जमानत जब्त।
केजरीवाल ने कहा था कि कोई भी सरकार “आप” के समर्थन के बिना नहीं बन सकेगी।
“आप” का ये रिजल्ट केजरीवाल को जमानत देने वालों को तमाचा है।
कांग्रेस के युवराज ने जलेबी का प्रचार किया लेकिन जलेबी लुट गई और अब शायद वो जलेबी की फैक्ट्री 10 जनपथ में शुरू करेगा। महाराष्ट्र में अब मुंबई का वड़ा पाव और भेलपूरी International करेगा।
कांग्रेस को पहलवानों और किसानों का कुछ सहारा मिल गया वरना हालत बहुत बुरी हो सकती थी। आज कांग्रेस के रथ घोड़े और ड्रम बजाने वाले लौट गए जीत का जश्न जो नहीं मना।
किसानों के नेताओं को चुनाव में औकात दिखाई दे गई।
गुरनाम सिंह चढूनी को मात्र 1170 वोट मिले और जमानत जब्त।
गेहाल सिंह संधू को मात्र 890 वोट मिले और जमानत जब्त।
और ये लोग राहुल गांधी और केजरीवाल के इशारे पर किसानों का तांडव करते हैं और शम्भू बॉर्डर पर सड़कें घेर कर बैठे है।
कांग्रेस और इन किसानों का मुसलमानों के साथ कांग्रेस की जीत के बाद दिल्ली में बलवा करने का षड़यंत्र फिलहाल हरियाणा ने विफल कर दिया।
उधर जम्मू कश्मीर में सेबों को international मार्किट में भेज रहा था जो पहले से जा रहे हैं। Make in India कुछ नहीं होता, इज़रायल के माल पर अडानी छाप दिया जाता है और Make in India बना देते हैं।
ऐसे मक्कारी के झूठे प्रचार से कुछ नहीं मिलता। राहुल की फोटो हटा कर खड़गे की लगा दी गई कि हार ठीकरा खड़गे पर फूटे लेकिन जीत होती तो सेहरा राहुल गांधी के सिर बंधता, और खड़गे को तो अब मृत्यु भी नहीं आएगी। इच्छामृत्यु का संकल्प पूरा नहीं हो सकता क्योंकि मोदी तो हिला नहीं।
J&K में जीत NC की हुई लेकिन असली जीत भारत की हुई है क्योंकि जो International Level पर propaganda करते थे कश्मीर के विरोध में, ये चुनाव उनके लिए तमाचा था और भारत ने साबित कर दिया कि हमारे जम्मू कश्मीर में पूरा लोकतंत्र है।
वहां PDP की 2014 के चुनाव में 22.67% वोट थी और सीट 28 थी लेकिन इस बार वोट गिर कर 8.87% रह गई और सीट केवल 3।
NC की वोट बढ़ी 3% लेकिन सीट हो गई 15 से 42।
इसी तरह बीजेपी की वोट भी करीब 3% बढ़ी और सीट 25 से 29 हुई।
जबकि कांग्रेस ने यहां गोता लगाया।
उसका वोट गिरा 6% और सीट भी रह गई 12 से 6।
चुनाव कोई भी हो अंतरराष्ट्रीय शक्तियां इंडी ठगों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर मोदी को हराने के लिए काम करती है लेकिन हर बार विफल होती है। कुछ तो बात है मोदी के “करिश्मे” में।
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