मोदी है तो अमरावती से हरिद्वार तक ‘सिर तन से जुदा’ गैंग का उपद्रव करना मुमकिन है; कहीं पुलिस पर हमला-कहीं भगवाधारी का फूँका पुतला: बोले बीजेपी MLA- डासना मंदिर पर हमला करने वालों का एनकाउंटर हो

अमरावती और हरिद्वार में यति नरसिंहानंद पर कार्रवाई की आड़ में मुस्लिम भीड़ का उपद्रव (चित्र- वायरल वीडियो स्क्रीनशॉट)
डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानन्द को गुस्ताख़ करार देते हुए मुस्लिम भीड़ ने शुक्रवार (4 अक्टूबर 2024) को देश के कई हिस्सों में हिंसा की। इसमें UP के बुलंदशहर और गाजियाबाद, महाराष्ट्र का अमरावती और उत्तराखंड का हरिद्वार शामिल हैं। अमरावती में भीड़ द्वारा थाने पर किए गए हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। कई सरकारी वाहनों को तोड़ डाला गया है।

'सिर तन से जुदा' गैंग केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से जितना सक्रीय हुआ है, कभी नहीं हुआ। अगर मोदी सरकार समय रहते राज्य, केंद्र सरकारों से लेकर न्यायपलिकाएँ  होश में नहीं आयी, हिन्दुओं को मुंह सिलकर रहना पड़ेगा। कन्हैया लाल के कातिलों का क्या हुआ? नूपुर शर्मा के जिस बयान को विवादित बताया गया, उसमे मुस्लिम कट्टरपंथियों से कहीं अधिक केंद्र और सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। किसी में कट्टरपंथियों से यह पूछने की हिम्मत नहीं हुई कि किस सन्दर्भ में बात कही गयी, दूसरे जो कुछ नूपुर ने बोला वह तुम्हारी मजहबी किताबों के है या नहीं? लेकिन इस बात को कहने की हिम्मत TimesNow नवभारत चैनल पर एंकर सुशांत सिन्हा ने की। सिन्हा ने वायरल और original वीडियो दिखाकर मुल्ला, मौलवियों और इस्लामिक विद्यानों को खुली चुनौती दी थी। लेकिन 56 इंच वाली मोदी सरकार ने नूपुर को पार्टी से ही निकाल दिया। यही हाल बीजेपी ने तेलंगाना के गोशमहल विधायक टी राजा सिंह के साथ किया था, जब राजा ने कट्टरपंथियों को ईंट का पत्थर से दिया था। लेकिन वह लड़ाई राजा सिंह ने खुद लड़ी और ‘सिर तन से जुदा’ गैंग बिल में घुस गया। चुनाव से पहले राजा सिंह को पार्टी में वापस लिया और चुनाव भी जीते। लेकिन नूपुर के बाद राजा के साथ बीजेपी की हरकत से हिन्दू मतदाता में नाराजगी हो गयी और पार्टी को तेलंगाना विधान सभा चुनाव में कम से कम 30/35 सीटों का नुकसान हुआ।    

उस समय मोदी सरकार की जिम्मेदारी थी कि प्रेस कांफ्रेंस कर दोनों वीडियो दिखाती और सभी चैनलों को इसका सीधा प्रसारण करने को बोलती और साथ में यह भी कहती कि जो चैनल नहीं दिखाएगा 3 महीने के लिए सील कर दिया जाएगा। जितने भी कट्टरपंथी हैं सभी धराशाही हो गए होते। इस काम को करने के लिए 56 नहीं 56x2 सीना चाहिए। इसलिए मोदी है तो ‘सिर तन से जुदा’ गैंग उपद्रव करना मुमकिन है। 

अमरवती में कई पुलिसकर्मी घायल

जुमे की नमाज़ के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों में सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र का अमरावती रहा। यहाँ के नागपुरी गेट पुलिस स्टेशन पर शुक्रवार रात लगभग 8:30 पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग पहुँचे। इन्होंने यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायती पत्र देकर केस दर्ज करने की माँग शुरू कर दी। पुलिस ने इस शिकायत पर FIR दर्ज कर ली।
अभी पुलिस जरूरी कार्रवाई कर ही रही थी कि हजारों की तादाद में पहुँची मुस्लिम भीड़ ने थाने को घेर लिया और उन्मादी नारे लगाने लगी। पुलिसकर्मी भीड़ को समझाने की कोशिश ही कर रहे थे कि अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस पथराव के चलते कुल 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात काबू करने के लिए अतिरिक्त फ़ोर्स को बुलाया गया।
फोर्स के आने तक हमलावर भीड़ ने पुलिस के 10 वाहनों को तोड़ डाला। बाद में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया। इस मामले में पुलिस ने 1200 उपद्रवियों पर केस दर्ज कर लिया है। कुछ हमलावरों को भी चिन्हित किया गया है। इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299, 302 और 197 के तहत कार्रवाई की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CCTV फुटेज और अन्य माध्यमों से हमलावरों की पहचान की जा रही है। अब तक 26 हमलावरों को चिन्हित कर लिया गया है। इलाके में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लागू कर दी गई है। इसके तहत 5 या उससे अधिक लोगों के जुटने पर रोक लगा दी गई है।

हरिद्वार में अल्लाह हु अकबर के नारे

मज़हबी उन्माद की लम्बी श्रृंखला की चपेट में उत्तराखंड का हरिद्वार भी आया। यहाँ दिन में यति नरसिंहानंद पर एक्शन की माँग की आड़ में जुटी मुस्लिम भीड़ ने भगवा वस्त्र का पुतला बनाया और इस पुतले को आग के हवाले करद दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई। इसी के साथ रात में एक अन्य मुस्लिम भीड़ ने चौराहे पर जुटकर नारेबाजी की।
इस नारेबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि मुस्लिम भीड़ ‘अल्लाह हु अकबर’ जैसे भड़काऊ नारे के साथ-साथ ‘सिर तन से जुदा’ के नारे भी लगा रही है। यह नारेबाजी पुलिस के सामने ही की गई है। वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसकर्मी भीड़ की ओर से लौटते दिख रहे हैं।

मंदिर पर हमला करने वालों का एनकाउंटर हो

उधर, गाजियाबाद में डासना मंदिर पर उन्मादी भीड़ के हमले के बाद आसपास के लोगों में आक्रोश पनप रहा है। शनिवार (5 अक्टूबर) को लोनी से भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर मंदिर पहुँचे। उन्होंने हमलावरों का एनकाउंटर करने की माँग की। भाजपा MLA ने कहा कि बेहतर होता कि हमले के दौरान पुलिस लाठीचार्ज के बजाय गोलियाँ बरसातीं।
नंद किशोर के मुताबिक, नरसिंहानंद का बयान दुनिया भर में में हो रहे हिन्दुओं के साथ इस्लामी अत्याचारों की वजह से आया है। मंदिर घेरने को उन्होंने सनातन और हिन्दुओं की आस्था पर हमला बताया। विधायक का दावा है कि हमले में अधिकतर लोग बाहरी थे। नंदकिशोर ने कहा, “यहाँ का मुसलमान तो भगवान राम को मानने वाला है। ये बेचारे को बलत्कार से बचने के लिए मुस्लिम बन गए।”

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