आज(अक्टूबर 24) सुबह India TV पर बाबा रामदेव शो में 2 महिलाओं द्वारा गया गीत "ए मालिक तेरे बन्दे हम, कब होंगे नेता कम... कब आएगा उन्हें लेने यम" लगता है यह जनता में जागृति लाने वाला गीत सनातन विरोधी नेताओं को सचेत यानि सावधान करने के लिए रचित किया है। यह केवल गीत ही नहीं संकेत दे रहा है कि इन सनातन विरोधियों के लिए जनता में क्या सोंच चलनी शुरू हो रही है। यानि सनातन पक्षधर इन सनातन विरोधियों के लिए यम से प्रार्थना करने लगे हैं।
कर्नाटक में मुस्लिम 12.92% थे जिनके दम पर कांग्रेस पिछले चुनाव की 55 सीट से 135 पर पहुंच गई भाजपा 104 से 66 सीट पर रह गई और आज देख लो कांग्रेस ने राज्य को कंगाल तो बनाया ही, साथ में हिंदुओं की क्या दुर्दशा की हुई है। हिंदू एकजुट होते तो ऐसा न होता।
इसी तरह तेलंगाना में मुस्लिम 12.68% हैं और उनके दम पर कांग्रेस पिछले चुनाव की 19 सीट से 64 सीट पर पहुंच गई और मुस्लिमों को तबियत से लाभ पहुंचाने वाली KCR की पार्टी 88 सीट से 39 पर आ गई। कांग्रेस मुस्लिमों को अपनी तरफ खींचने में कामयाब रही। भाजपा की 1 सीट से 8 हो गई और वोट 6.98% से बढ़ कर करीब दोगुना हो गया 13.90%। तेलंगाना के हैदराबाद में जैसे मंदिरों की मूर्तियां तोड़ने की और शोभा यात्राओं पर हमलों की जैसे बहार आ गई, हिंदू एकजुट होते तो ऐसा न होता।
महाराष्ट्र में भी मुस्लिम 11.54% यानी 1.5 करोड़ हैं और मुस्लिम वोटर 35-40 सीट पर हार जीत तय कर सकते हैं। विधानसभा की सभी सीटों पर 5-10% मुस्लिम वोटर हैं और कुल मिला कर 125 सीटों पर मुस्लिम प्रभाव रहता है।
लेखक चर्चित YouTuber |
लेकिन एकनाथ शिंदे दावा करते हैं हैं कि वे ही बालासाहेब की नीतियों के असली वारिस हैं, उनकी शिवसेना को भी असली शिवसेना मान लिया गया है और मुस्लिमों की दुश्मन भाजपा भी उनके साथ है जिसके कारण शिंदे की सेना और भाजपा को मुस्लिम वोट की उम्मीद करना एक दिवास्वप्न ही होगा। लेकिन शिंदे और अजित पवार “कमल” में भी कुछ गंदगी लगा देंगे।
इसलिए हिंदुओं को एकजुट होकर “मुस्लिम विकास अघाड़ी” के खिलाफ वोट करना करना होगा महाराष्ट्र की सुख शांति के लिए जिसे वैसे भी ये अघाड़ी वाले तुष्टिकरण के चलते रहने नहीं देते। जिसका प्रमाण है हाल ही में गणेश उत्सव में शोभा यात्राओं और मंदिरों पर हमले और बांग्लादेश और फिलिस्तीन के समर्थन में हुड़दंगबाजी।
MVA सरकार लाने का मतलब होगा कर्नाटक, तेलंगाना, और हिमाचल प्रदेश की तरह महाराष्ट्र को भी कंगाल करना। उनकी सरकार बनी तो एक बार फिर से -
-नरेंद्र मोदी के चलते प्रोजेक्ट या तो रोक दिए जाएंगे या बंद कर दिए जाएंगे जिनमें प्रमुख होगा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट;
-कोई सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान निशाना बनेंगे;
-Bollywood में Drugs का धंधा खुलकर चलेगा;
-Bollywood को हिंदुओं के अपमान का मौका मिलेगा;
-हर महीने व्यापारियों से 100 करोड़ की उगाही होगी;
-शरद पवार के लिए कुछ लिखने पर किसी केतकी चिताले पर 22 FIR होंगी और 34 दिन जेल में रखा जायेगा;
-अर्नब गोस्वामी को जबरन किसी पुराने केस में घसीट कर जेल ले जाया जाएगा;
-कंगना रनौत का घर खंडित किया जाएगा;
-पालघर भी दोहराया जाएगा; और
-हिंदुओं के त्यौहारों पर हमले करना आम बात हो जाएगी, आदि आदि।
फैसला हिंदुओं को करना है। हरियाणा ने कुछ समझा, महाराष्ट्र भी कुछ समझे महाराष्ट्र के लिए, महाराष्ट्र वालों के लिए। कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना की जनता अपनी हालत के लिए खुद जिम्मेदार है, महाराष्ट्र वालों को उनकी गलती दोहराने से बचना चाहिए।
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