एक और संत सदगुरु जग्गी वासुदेव के मिशन को ख़त्म करने का षड़यंत्र रचा गया; हाई कोर्ट के जजों का आचरण संदेह के दायरे, जिनके आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई; क्या बेंच एक Predetermined Notion से काम कर रही है?

सुभाष चन्द्र

मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी. शिव गणनम ने एक तरह से सदगुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ लगता है किसी सोची समझी साजिश के तहत उसे कलंकित करके बंद करने की कोशिश शुरू की थी। एक व्यक्ति S Kamaraj, a retired professor, की याचिका में लगाए गए आरोपों पर तथ्यों से हट कर फाउंडेशन के विरुद्ध आदेश दिए और पुलिस जांच शुरू करा दी

कामराज ने आरोप लगाया कि उसकी 42 साल की और 39 साल की दो बेटियों का ईशा फाउंडेशन ने ब्रेन वॉश कर साध्वी बना दिया जबकि जग्गी वासुदेव ने खुद अपनी बेटी की शादी कर दी उसने यह भी कहा कि जग्गी वासुदेव के फाउंडेशन के खिलाफ कई आपराधिक केस दर्ज हैं और लंबित हैं

पीठ की 2 बातें बिल्कुल अनावश्यक थी याचिका के संदर्भ में - 

-पहली: “चूंकि फाउंडेशन के खिलाफ कई आपराधिक शिकायतें हैं, इसलिए इस मुद्दे पर आगे विचार किया जाना चाहिए”; और 

-दूसरी: "हम जानना चाहते हैं कि एक शख्स जिसने अपनी बेटी की शादी कर दी और उसे जीवन में अच्छी तरह से स्थापित किया, वह दूसरों की बेटियों को सिर मुंडवाने और एकांतवासी का जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित क्यों कर रहा है. यही संदेह है" यह बात अपनी मक्कारी भरी आदत के अनुसार “मौखिक” टिप्पणी में कहीं 

जो मामला कामराज ने उठाया है अपनी बेटियों का, आप केवल उस पर विचार कीजिए, इसका अन्य शिकायतों से क्या मतलब है, वो शिकायतें कामराज की तो नहीं है और यह इंगित करता है कि बेंच एक Predetermined Notion से काम कर रही है

लेखक 
चर्चित YouTuber 

दूसरी बात, गुरु जग्गी की बेटी ने की तो इसका भी कामराज की याचिका से कोई लेना देना नहीं है कोई व्यक्ति शादी करना चाहता है, उसके लिए वह स्वतंत्र है और कोई सन्यासी बनना चाहता है, तो उसके लिए वह भी स्वतंत्र है गुरु जग्गी की बेटी ने शादी करनी चाही तो कर ली और कामराज की बेटियों ने साधवी बनना चाहा तो बन गई अगर गुरु जग्गी ब्रेन वॉश कर रहे होते तो अभी तक तो फाउंडेशन में लाखों लोग सन्यासी बन गए होते

हाई कोर्ट के आदेश पर 150 पुलिस कर्मियों की टीम एक वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में ईशा फाउंडेशन में ऐसे रेड मारने गई थी जैसे किसी आतंकी संगठन के ठिकाने पर रेड करने गई हो

सुप्रीम कोर्ट में फाउंडेशन की अपील की अपील पर 3 अक्टूबर को हुई सुनवाई में कामराज की दोनों बेटियों ने video conferencing से बताया कि वे स्वेच्छा से वहां रह रही है और उन पर किसी का कोई दबाव नहीं है CJI चंद्रचूड़, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने हाई कोर्ट के आदेश और पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया आरोप में कोई सच्चाई नहीं लगती कि दोनों महिलाओं को वहां जबरन रोका हुआ है

हाई कोर्ट के दोनों जज कहीं DMK के सनातन ख़त्म करो अभियान के पैरोकार तो नहीं है जो आनन फानन में जग्गी वासुदेव पर तलवार तान दी लगता है मंदिरों की तरह Isha Foundation से कमाई नहीं हो रही DMK सरकार को

इन सनातन के शत्रुओं को सदगुरु जग्गी वासुदेव ने ठोक कर जवाब देते हुए कहा है -

“सनातन ही इस दुनिया का भविष्य है;

हमारे देश में कुछ जोंक जैसे लोग रहते हैं;

ये हमारे देश में रहकर देश का ही खून चूस रहे हैं;

वो लोग नहीं चाहते कि इस देश में सनातन का अस्तित्व रहे, आप कुछ भी कहेंगे तो वो आपको गाली देंगे;

लेकिन हम लोग भी कायर नहीं हैं, हमारे भगवान शिव को ही देखिए उनके हाथ में त्रिशूल है;

अगर आप अपने सनातन के लिए लड़ना सीख जाएंगे तो ऐसे जोंक का अस्तित्व स्वतः ही समाप्त हो जाएगा”

सनातन के खिलाफ षड्यंत्रों से सावधान रहना चाहिए

No comments: