"बंटोगे तो कटोगे" नारा ही प्रभावी बना ; कनाडा में हिल गया पक्ष और विपक्ष ; हिंदू मंदिर के बाहर प्रदर्शन करने वाला खालिस्तानी पुलिसवाला सस्पेंड, कनाडा के पुलिस एसोसिएशन ने सुरक्षा और मदद का दिया प्रस्ताव; पूज्यनीय शंकराचार्य जी ने भी किया सचेत

भारत में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिए केवल 3 शब्दों के नारे "बंटोगे तो कटोगे" का मुस्लिम कट्टरपंथियों के सुरताल मिलाते कुर्सी के भूखे नेता और उनकी पार्टियां विरुद्ध कर रहे हैं। लेकिन इस नारे के दूरगामी परिणाम से इन सब सनातन विरोधियों की नींद हराम होने के साथ-साथ रोटी-पानी तक ख़त्म हो रहा है। ये सभी अच्छी तरह जानते हैं कि हिन्दू के एकजुट होते ही इन सबकी दुकाने बंद हो जाएंगी। भारत से सात समुद्र पार कनाडा में लगे इस नारे ने भारत में सनातन विरोधियों को ही नहीं, विश्व को चेतावनी दे दी है। कल(नवंबर 4) से ऑनलाइन एक petition sign की जा रही जिसमे अब तक लगभग 37774 sign कर चुके हैं, इसमें हर पल निरंतर वृद्धि हो रही है। जो केवल कनाडा ही नहीं, समस्त विश्व को गंभीर चेतावनी है।
      

अपनी जीवन में कभी किसी पूज्यनीय शंकराचार्य जी महाराज को इस्लाम के विरुद्ध बोलते देखा। दूसरे, दिल्ली में 16 नवंबर को होने सनातन बोर्ड बनाने की मांग को लेकर साधु समाज का सड़क आना भी किसी भी सनातन विरोधी के शुभ संकेत नहीं है। इतना ही नहीं, भारत के हर क्षेत्र में "सिर तन से जुदा" गैंग के विरुद्ध भी ग्रुप विचाराधीन है। अगर किसी को हिन्दू देवी-देवताओं पर अपशब्द बोलने का freedom of speech अधिकार है तो इनके मजहब के विरुद्ध बोलने पर "सिर तन से जुदा" क्यों? अब कोई कमलेश आदि किसी "सिर तन से जुदा" गैंग का शिकार नहीं होगा। एक ही मजहब को freedom of speech अधिकार क्यों? इस अभियान में हिन्दुओं के साथ एक्स मुस्लिम साथ खड़ा होगा। 

एक और अति गंभीर चर्चा सुनने में आ रही कि एक्स मुस्लिम अली सीना की पुस्तक Understanding Mohammad And Muslims और अनवर शेख की पुस्तकों को उपलब्ध कर घर-घर वितरण करने की। वैसे अली सीना की किताब को पढ़ लगता है कि यह अनवर शेख द्वारा लिखित समस्त पुस्तकों को समायोजन कर वर्तमान जेहादी हरकतों को जोड़ा गया है।             

कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा हिंदू सभा मंदिर पर हमला किए जाने के मामले में कनाडाई पुलिस ने अपने एक अधिकारी को निलंबित किया है। अधिकारी पर आरोप है कि वो खालिस्तानियों के साथ मंदिर के बाहर किए जा रहे प्रदर्शन में शामिल था।

ऑफिसर की पहचान सार्जेंट हरिंदर सोही के तौर पर हुई है। प्रशासन ने 18 साल से फोर्स में कार्यरत हरिंदर पर कार्रवाई एक वीडियो वायरल होने के बाद की। उस वीडियो में वो ब्रैम्पटन स्थित मंदिर के बाहर खालिस्तानी भीड़ के बीच झंडा लेकर खड़ा था।

वीडियो में पहचान होते ही लोग कनाडा पुलिस पर सवाल उठाने लगे और इसी बीच पील पुलिस के प्रवक्ता रिचर्ड चिन ने इस सस्पेंशन की जानकारी दी।

अवलोकन करे:-

खालिस्तानियों ने किया हमला, पर कनाडा की पुलिस ने हिंदुओं को ही पीटा: छड़ी-मुक्का मारते वीडियो वा
खालिस्तानियों ने किया हमला, पर कनाडा की पुलिस ने हिंदुओं को ही पीटा: छड़ी-मुक्का मारते वीडियो वा

 

एक तरफ लोग हरिंदर की केवल सस्पेंशन कार्रवाई से असंतुष्ट है तो दूसरी ओर पता चला है कि सोशल मीडिया पर मिली कथित धमकियों के कारण कनाडा की रीजनल पुलिस ने उसे मदद और सुरक्षा का प्रस्ताव दिया है।

No comments: