एक समय था जब दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम सईद अब्दुल्ला बुखारी के दरवाजे पर सेकुलर दलों के नेता मुस्लिम वोटों के लिए माथा रगड़ते थे और वहां सौदा किया जाता था। शाही इमाम कहलाते थे बुखारी जिन्हें कुछ “सेकुलर कीड़े” मौलाना आज़ाद के बाद मुसलमानों का मसीहा समझते थे और जो मुसलमानों की वोट जिस मर्जी को डलवाने की ताकत रखने वाला मुस्लिमों का नेता मानते थे।
बुखारी से मिल कर “आशीर्वाद” मांगने वालों की लिस्ट में शामिल थे वी पी सिंह, इंद्र कुमार गुजराल, बूटा सिंह, HKL Bhagat, रोमेश भंडारी, राजीव गांधी के प्रतिनिधि RK Dhawan और पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह। इंदिरा गांधी ने भी 1980 में इमाम बुखारी को दाना डालने की कोशिश की थी। इमाम साहब जिसके भी हक़ में वोट देने के लिए मुसलमानों को “फतवा” जारी करते थे, उस दल को बड़ी उम्मीद होती थी और जाहिर है “फ्री’ में फतवा जारी होता नहीं था।
लेखक चर्चित YouTuber |
आज बुखारी के रोल में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आ गया है। बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना साजिद नोमानी ने MVA से पूरी सौदे बाजी की है और 17 शर्तें मनवा कर मुसलमानों का समर्थन देने का ऐलान किया है। कांग्रेस, शरद पवार और उद्धव ने मौलाना की हिंदुओं के प्रति नफरत मांगों को स्वीकार कर लिया है, उन मांगों में संघ को बैन करना भी शामिल है - मौलाना ने यह भी कहा है कि महाराष्ट्र चुनाव में जीत देश में हमारी पहचान बनाएगा और यदि हार हुई तो दिल्ली में “आप” भी हारेगी। मौलाना ने दिल्ली में “आप” को भी समर्थन का ऐलान कर दिया।
लेकिन सवाल यह है कि क्या AIMPLB ने मौलाना नोमानी को यह सब करने के लिए अधिकृत किया भी है और यदि किया है तो अब AIMPLB के कार्यों पर सख्ती करना जरूरी है और उसके खातों का ऑडिट भी होना चाहिए।
समस्या यह है कि चुनाव आयोग इन सब बातों पर मरणासन्न क्यों है और हमेशा रहता है क्योंकि ये हरकत मुस्लिम संगठन हर चुनाव में करते हैं? अपने आप आयोग कुछ नहीं करता। आज भाजपा के किरीट सोमैया ने आयोग में शिकायत दर्ज की है।
इसलिए मेरा सुझाव है कि निम्नलिखित हिन्दू संत अब भाजपा के लिए प्रचार करें:-
-आचार्य विक्रमादित्य जी,
-बाबा बागेश्वर धीरेन्द्र शास्त्री जी,
-पंडित देवकीनंदन ठाकुर जी,
-आचार्य सूर्य सागर जी
-स्वामी दीपांकर जी और
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी
ये सभी आज से ही 3 दिन तक महाराष्ट्र और झारखंड में हिंदुओं से भाजपा को वोट देने के लिए अपील करें और प्रचार करें जिसके लिए मीडिया पर संयुक्त रूप से इंटरव्यू दिए जा सकते हैं।
लगता है सौदा पैसे का इस तरह हुआ है कि 12 खातों में एक खबर के अनुसार 125 करोड़ रूपया जमा किया गया है। जांच तुरंत करके पैसा जमा करने वालों को अंदर करना चाहिए, लेकिन योगी के नारे पर विलाप करने वाले, हिंदुओं को हर समय निशाना बनाने वालों के सामने आज मुस्लिम वोटों के लिए घुटने टेक चुके हैं।
हिंदुओं को किसी भी हाल में कांग्रेस, शरद पवार और उद्धव की पार्टी को वोट नहीं देना चाहिए।
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