कथित खालिस्तानियों को पनाह देने और उनकी हिंदुओं एवं भारत के खिलाफ हरकतों को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन पूरी तरह लिप्त है। ट्रुडो तो कुछ हजार “कथित खलितस्तानियों” के लिए कनाडा को गर्त में धकेलने को उतारू है। उसे इस बात का आभास नहीं है कि आज ये “खालिस्तान समर्थक” सिर उठाए हुए हैं तो कल को कनाडा के 5% मुस्लिम जब शरिया की मांग करेंगे तो क्या हश्र होगा?
अमेरिका में केवल 1.1% मुस्लिम होते भी अमेरिका को इस्लामिक देश बनाने की आवाज़ उठने लगी है। ब्रिटेन भारत को हिंदू मुस्लिम के आधार पर तोड़ कर गया और आज वह कथित खलितानियों को भारत से अलग करने की कोशिश में लगा है लेकिन उसे उसके कर्मों का फल मिलना शुरू हो गया है जो अनेक प्रांतों में शरिया लागू करने की मांग होने लगी है और एक दिन ब्रिटेन एक दो नहीं कई टुकड़ों में बटेगा। उसकी Divide & Rule की नीति लोग उसी पर थोपेंगे। एक बात जितने भी सनातन विरोधी है उन्हें याद रखनी चाहिए कि अरबों-खरबों वर्ष प्राचीन धर्म का कोई माई का लाल बाल बांका नहीं कर पाया। इतिहास साक्षी है कोई इंकार नहीं कर सकता। सभी -चाहे वह कोई देश है या मजहब- अपने ही बुने जाल में फंस रहे हैं।
लेखक चर्चित YouTuber |
कनाडा का ट्रूडो स्वयं कथित खालिस्तानियों को बढ़ावा दे रहा है, उनकी पार्टी के साथ सरकार चला रहा था और अब ब्रेम्पटन में खालिस्तानी समर्थकों के हिंदू मंदिर पर हमले के लिए टसुए बहा रहा है और ऐसा करते हुए भी वह खालिस्तानियों की ही भाषा बोल रहा है।
उसने कहा है -
“आज ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं, साथ में यह भी कह दिया कि प्रत्येक कनाडाई को स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से अपने धर्म के पालन करने का अधिकार है, समुदाय की रक्षा करने और इस घटना की जांच करने और तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए पील क्षेत्रीय पुलिस का धन्यवाद”।
हिंदुओं को स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन तो नहीं करने दिया गया लेकिन खालिस्तान समर्थकों ने जरूर अपने “धर्म” का स्वतंत्र रूप से पालन किया और हिंदुओं पर हमला किया। यदि टुडो शुरू से उन्हें ना पाल रहा होता तो आज यह नौबत ही नहीं आती और इसलिए वो ही इसके लिए जिम्मेदार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं, हमारे राजनयिकों को डराने - धमकाने के कायराना प्रयास भी उतने ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी”।
ट्रूडो की पुलिस कथित खलितानियों का साथ दे रही थी। एक अधिकारी के लिए वीडियो में बताया गया कि उसने हिंदुओं पर लाठी बरसाई। कनाडा पुलिस में मौजूद यह खालिस्तानी सार्जेंट हरिंदर सोही था जिसे सारा कांड करने की बाद सस्पेंड किया गया है लेकिन वह अकेला नहीं होगा इसके कृत्यों का दोषी बल्कि उसे समर्थन देने वाले और भी अधिकारी होंगे।
कहते हैं ये लोग हमारे पंजाब और पाकिस्तान के जरिए बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी करते हैं और इसलिए भारत सरकार को इस सभी के OCI कार्ड रद्द कर देने चाहिए जिससे इनका भारत में घुसना ही बंद हो जाए।
आपको याद दिला दूं 2 मार्च, 1995 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस AS Anand और जस्टिस Faizan Uddin पंजाब सरकार के 2 कर्मचारियों को खालिस्तान के पक्ष में नारे लगाने के आरोप से बरी कर दिया था और कहा था कि Stray slogans do not attract Section 124A pertaining to sedition (देशद्रोह) - casual expressions without intent to incite hatred or disorder do not fall under the ambit of the cited sections - 124A (Sedition) and 153 A (promoting enmity”.
सुप्रीम कोर्ट की इस शह ने खालिस्तान का बरगद का पेड़ खड़ा कर दिया। सत्यानाश कर दिया जो आज देश भुगत रहा है। वो नारे ही आज रंग दिखा रहे हैं।
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