बिहार के वैशाली में एक Male टीचर को Maternity leave दे दी गई। और यह जानकारी शिक्षा विभाग के सरकारी पोर्टल पर अपलोड कर दी गई। जिसके बाद से शिक्षा विभाग की फजीहत हो रही है।
मैटरनिटी लीव (Maternity leave) का कॉन्सेप्ट प्रेग्नेंसी और उसके बाद महिलाओं को आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए लाया गया था। लेकिन नीति नियंताओं को भी कहां पता होगा कि बिहार (Bihar Education Department) का शिक्षा विभाग इतना उदार होगा कि एक पुरुष टीचर को भी मेटरनिटी लीव दे देगा। और टीचर ने भी शिक्षा विभाग की उदारता का मान रखा। और कई दिनों तक स्कूल से गायब रहे। जब यह जानकारी पब्लिक में आई तब जाकर कहीं विभाग को याद आया कि अभी वैज्ञानिक कोई ऐसी खोज नहीं कर पाए हैं जो बायोलॉजिकल ऑर्डर में बदलाव ला सके। और पुरुष मातृत्व का अनुभव कर सके।
इंडिया टुडे से जुड़े संदीप आनंद की ख़बर के मुताबिक, मामला वैशाली जिले के महुआ ब्लॉक के हसनपुर उच्च माध्यमिक विद्यालय का है। यहां तैनात शिक्षक जीतेंद्र कुमार को 2 दिसंबर से 10 दिसंबर तक की मैटरनिटी लीव दी गई थी। यह जानकारी शिक्षा विभाग के सरकारी पोर्टल ई शिक्षा कोष से सामने आई. इस पोर्टल पर ये जानकारी अपलोड की गई थी कि जीतेंद्र कुमार को मैटरनिटी लीव मिली हुई है। जैसे ही यह जानकारी वायरल हुई। लोगों ने सोशल मीडिया पर इसका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। और विभाग को आलोचना का सामना करना पड़ा।
तकनीकी गलती के चलते हुई गड़बड़
इस घटना के बारे में जब शिक्षा विभाग को खबर मिली तो उन्होंने मामले की जांच शुरू की. स्थानीय प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि यह तकनीकी गड़बड़ के चलते हुआ है। उन्होंने बताया कि सरकारी पोर्टल पर छुट्टी का आवेदन अपलोड करते समय मैटरनिटी लीव की इंट्री हो गई। जो कि पुरुष शिक्षक के लिए गलत थी।
अर्चना कुमारी ने आगे बताया कि यह डाटा इंट्री की गलती थी। और इसे सुधार लिया जाएगा. शिक्षा अधिकारी ने इस गड़बड़ी के लिए खेद भी व्यक्त किया है। शिक्षा अधिकारी अब सफाई दे रही हैं। लेकिन इस मामले ने शिक्षा विभाग की किरकिरी करवा दी है। और अब विभाग डैमेज कंट्रोल में जुटा हुआ है।
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