कल रात(जनवरी 28/29) महाकुंभ में जो हादसा हुआ, वह दुखी करने वाला है जिसमें 30 श्रद्धालुओं के प्राण चले गए लेकिन यह हादसा कोई कुप्रबंधन की वजह से नहीं हुआ। इसका कारण साफ़ नज़र आया कि कुछ लोगों ने व्यवस्था को ध्वस्त करने की चेष्टा की और अति उत्साह में बेरिकेड्स को तोड़ दिया जिससे भगदड़ मच गई।
दरअसल मौनी अमावस जनवरी 28 की सायं 7.30 बजे लग गयी थी जिस कारण लोग सुबह ही नहान करने की इच्छा से रात को संगम तट पर सो गए लेकिन रात 1 बजे से आने वाले श्रद्धालुओं ने नीचे सोते हुए लोगों को नहीं देखने की वजह से दुर्घटना हुई। दूसरे, यह कहना कि VIP कल्चर की वजह से हादसा हुआ। अब कोई इन सनातन विरोधियों से पूछे रात 1 बजे कौन-सी VIP कल्चर थी? ये लोग अब तक लाशों पर बैठ मालपुए खाते रहे हैं।
फिर 14 पहले अखिलेश यादव के कार्यकाल में हुए कुम्भ में 36 लोगों की मौत होने पर अखिलेश के खासमखास आज़म खान, जिसके जिम्मे कुंभ की व्यवस्था की थी, ने कहा था 3 करोड़ की भीड़ में इस तरह ऐसे होना कोई बात नहीं। किसी को दोष नहीं देना चाहिए। फिर आज 10 करोड़ की भीड़ में 30 की मृत्यु होने पर अखिलेश को विधवा विलाप कर किस समुदाय को खुश करने छिछोरी सियासत करनी छोड़ो राजनीति करना सीखो जो शायद अखिलेश तो क्या विपक्ष के DNA में नहीं।
जिस महाकुंभ के आयोजन की तारीफ दुनिया भर में हो रही है, वह देख कर विपक्ष जला भुना बैठा था। इसके पहले टेंट सिटी में अग्निकांड हुआ और ये दोनों हादसे किसी षड़यंत्र का परिणाम हो सकते हैं और षड़यंत्र भी इसलिए किया गया कि आज तक 17 दिन में करीब 28-30 करोड़ लोग शांति से स्नान कैसे कर गए? विपक्ष ने हाय तौबा मचा दी है कि जैसे योगी की वजह से यह हादसा हुआ। मृतात्माओं के लिए भावभीनी श्रद्धांजलि और उनके परिवारों के लिए संवेदना; योगी जी ने मृत लोगों के परिवारों के लिए 25-25 लाख रूपए मुआवजे की घोषणा की है।
![]() |
लेखक चर्चित YouTuber |
अभी 3 दिन पहले कांग्रेस के नेता हुसैन दलवई ने कुंभ को लेकर अत्यंत घिनौना बयान देते हुए कहा था कि लाखों लोगों के नहाने से बीमारियां फ़ैल जाएंगी और उसने हज के जैसे प्रबंध करने की वकालत की। उसके बयान पर ज्यादा कुछ बोलने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये मुस्लिम नेता बस हिंदुओं के पर्वों का या तो मजाक उड़ाना जानते हैं या उनमें पत्थरबाजी कर सकते हैं। फिर कहते हैं देश में गंगा यमुना तहजीब होनी चाहिए। दलवई के विचार अकेले उसके नहीं हैं बल्कि लाखों मुस्लिमों के होंगे।
कुंभ में सभी देवता आते हैं और यह हम सनातन धर्म को मानने वालों की आस्था है। कुंभ का विरोध करने वाले या उसकी निंदा करने वाले ईशनिंदा के अपराधी है।
इसलिए जो लोग कुंभ के लिए अपशब्द बोल रहे हैं वे अपने आप में महापाप कर रहे हैं जिसका दंड उन्हें अवश्य मिलेगा। ये विपक्ष ने नेता और हुसैन दलवई जैसे लोग, यह भी देख लें कि कुंभ का पर्व कितना पावन है जिसमें ईद उल जुहा की तरह जानवरों का रक्त नहीं बहाया जाता।
विपक्ष के नेताओं और हुसैन दलवई को हज का गुणगान करने के लिए याद दिला दूं कि हर साल हज में अनेक मौतें होती है। कुछ उदाहरण दे रहा हूं -
-1987 - 402 लोग ईरान वालों के अमेरिका विरोध में मारे गए;
1990 - 1426 लोग भगदड़ में मरे;
1994 - 270 लोग शैतान को पत्थर मारते हुए भगदड़ में मरे;
1997 - 343 लोग आग लगने की वजह से मरे;
1998 - 118 लोग भगदड़ में मरे;
2004 - 250 लोग कुचले जाने से मरे;
2006 - 264 लोग मीना जमरात पुल पर कुचले जाने से मरे:
सबसे भयकर भगदड़ 2015 में हुई जिसमें 2426 लोग मरे। यह संख्या कम नहीं होती।
और पिछले ही साल 23 जून, 2024 को 1301 लोग भीषण गर्मी के कारण मरे जब मक्का का तापमान 51.8 C हो गया।
2012 से 2017 के बीच कितने लोग विभिन्न कारणों से मरे यह भी देख लो -
2012 - 1315
2013 - 637
2014 - 657*
2016 - 714
2017 - 657
2015 का आंकड़ा पहले ही ऊपर दे दिया है।
दलवई जरा यह भी पता कर लें कितनी मौतें है हज में बीमारियों से होती है जिनमें यौन रोग और Infectious Disease भी शामिल हैं। और पाकिस्तानियों की मौज होती है जो वह चोरी करते हैं।
वह बात अलग है कांग्रेस या समाजवादी पार्टी के हाथ में कुंभ का आयोजन होता तो उनके नेताओं के घर भर जाते और शायद इसलिए ही खड़गे पूछ रहे हैं कुंभ से किसी को खाना मिलेगा क्या, तो भाई खड़गे अपनी पार्टी के नेताओ कुंभ में भिक्षा मांगने बैठ जाओं, मौज करा देंगे महादेव!
No comments:
Post a Comment