नए कांग्रेस भवन में राहुल के भाषण में "हमारी लड़ाई इंडियन स्टेट के खिलाफ" भी ने दिल्ली चुनाव में रायता फैला दिया; कांग्रेस के नए भवन का उद्घाटन ही ख़राब


कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि पार्टी केवल भाजपा और आरएसएस—जो “हमारे देश की हर संस्था पर कब्जा कर चुके हैं”—के खिलाफ नहीं लड़ रही है, बल्कि वह “भारतीय राज्य” के खिलाफ भी एक “सभ्यतागत युद्ध” लड़ रही है

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने नई दिल्ली में कांग्रेस के नए पार्टी मुख्यालय “इंदिरा भवन” के उद्घाटन के मौके पर कांग्रेस की वैचारिक लड़ाई पर अपना रुख स्पष्ट किया

राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय 'इंदिरा भवन' के उद्घाटन भाषण के दौरान एक टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कथित रूप से अपने बयान में कहा है कि उनकी लड़ाई इंडियन स्टेट के खिलाफ भी है। राहुल गांधी यहां बीजेपी-आरएसएस और मोहन भागवत को घेर रहे थे और उसी दौरान कांग्रेस सांसद ने विवादित टिप्पणी की।

 

 

कांग्रेस ने जनवरी 15 को अपने नए दफ्तर में प्रवेश किया। सोनिया गांधी ने इस भवन का उद्घाटन किया, जहां बाद में राहुल गांधी ने भाषण दिया। राहुल ने बयान दिया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सिर्फ बीजेपी-आरएसएस से नहीं, बल्कि भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं। कांग्रेस सांसद के बयान पर भारतीय जनता पार्टी भड़की है। बीजेपी के नेता प्रदीप भंडारी कहते हैं- 'राहुल गांधी ने अपनी मंशा साफ कर दी है! उन्होंने कहा- हम भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं। राहुल गांधी उन ताकतों के रिमोट कंट्रोल में हैं जो भारतीय राज्य को खत्म करना चाहते हैं। उनके इरादे राष्ट्रीय हित के खिलाफ हैं।'

राहुल गांधी ने बयान में क्या कहा?

राहुल ने बयान में कहा- 'आरएसएस की विचारधारा जैसी हमारी विचारधारा हजारों साल पुरानी है और ये हजारों सालों से RSS की विचारधारा से लड़ रही है। ऐसा मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। अगर आप मानते हैं कि हम बीजेपी या RSS से लड़ रहे हैं, तो आप समझ नहीं पाए हैं कि क्या हो रहा है। बीजेपी और RSS ने हमारे देश की हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम बीजेपी, आरएसएस और इंडियन स्टेट से ही लड़ रहे हैं।' कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, ‘हमें नहीं पता कि हमारी संस्थाएं काम कर रही हैं या नहीं। ये बिल्कुल स्पष्ट है कि मीडिया क्या कर रहा है। यहां तक कि लोग भी जानते हैं कि मीडिया अब स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं रहा।’

रअसल, कांग्रेस संघ, मोदी और योगी के विरोध में अपनी सुधबुध ही खो चुकी है। सरसंघचालक मोहन भागवत ने राममन्दिर बनने पर सांस्कृतिक आज़ादी की बात कही, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के ने इसे देश की आज़ादी से जोड़ दिया। जहाँ तक देश की आज़ादी की बात है संघ, मोदी और योगी विरोधियों फ्रेंच ज्योतिष नॉस्त्रेदमस को पढ़ना चाहिए। नॉस्त्रेदमस ने 1555 में भविष्यवाणी की थी कि हिन्द (भारत) को असली आज़ादी 2014 में होने वाले चुनावों में मिलेगी जब एक अधेड़ उम्र के सख्त प्रशासक के नेतृत्व में एक नयी पार्टी सत्ता में आएगी।      

कांग्रेस दफ्तर का नाम मनमोहन सिंह के नाम पर नहीं रखने पर कार्यकर्ता पार्टी पर उन्हें नजरअंदाज करने के आरोप भी लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पूर्व पीएम के निधन के बाद अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर पार्टी ने सरकार पर अपमान करने के आरोप लगाए थे। लेकिन अब जब सम्मान देने की बात आई तो उन्हें नजरअंदाज कर रही है।

लेकिन उद्घाटन में राहुल गाँधी ने अपने भाषण में जो जहर उगला है, उसका असर दिल्ली विधानसभा ही नहीं अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों पर भी पड़ेगा। कांग्रेस परिवार भक्ति में इतनी अंधी हुई पड़ी है कि राहुल को सभलकर बोलने के लिए कहने की हिम्मत नहीं। बीजेपी, मोदी और योगी से नफरत करते-करते देश के विरुद्ध लड़ने की बात करते हैं। क्या देश गुलाम है जो देश के विरुद्ध लड़ रहे हो?

 

दूसरे, जब भारत ब्रिटिश सरकार के हाथों गुलाम था, उस समय भी लड़ाई ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध लड़ी गयी थी ना कि देश के विरुद्ध। मनमोहन सिंह के निधन के बाद राहुल का वियतनाम जाना क्या देश विरोधियों से चर्चा करने गए थे? दिल्ली चुनावों में जनता कांग्रेस से सवाल करेगी। कांग्रेस के आक्रामक रुख को देख सम्भावनायें थी कि कांग्रेस अपना वोटबैंक अपनी तरफ करने में सफल होगी, लेकिन राहुल द्वारा उगले जहर ने रायता फैला दिया है। उसका खामियाजा कांग्रेस को ही भुगतना पड़ेगा। आखिर कौन देशविरोधी राहुल के भाषण लिख रहा है? कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व को इस मुद्दे पर गंभीरता से चिंतन करना होगा, अगर राहुल ने इसी तरह जहर उगलना बंद नहीं किया बहुत जल्द इस नए भवन पर ताला पड़ने से कोई रोक नहीं सकता।     

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