कमाल करता है सुप्रीम कोर्ट, एक तरफ मान रहा है कि राहुल गांधी ने सावरकर का अपमान किया तो फिर उसके खिलाफ केस “स्टे” करने का क्या मतलब है?

 सुभाष चन्द्र

आज सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने राहुल गांधी की वीर सावरकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों पर ट्रायल कोर्ट के समन के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील खारिज होने के खिलाफ सुनवाई करते हुए कहा कि -

“राहुल गांधी का स्वतंत्रता सेनानी के विरुद्ध बयान गैर जिम्मेदाराना था और अगर उसने ऐसा आगे कोई बयान दिया तो हम Suo Motu कार्रवाई करेंगे - लेकिन बेंच ने फिर भी मजिस्ट्रेट कोर्ट  में राहुल पर चल रहे आपराधिक केस में जारी किये गए समन पर रोक लगा दी”

सुभाष चन्द्र
यानी एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने यह माना कि राहुल गांधी ने अपराध किया है लेकिन फिर भी कहा कि You have a good point of law and you will get stay -But any further statement by him will be taken up suo motu. No words on our freedom fighters. They gave us freedom and we treat the like this? Issue notice. Stay on impugned order" 

The Bench while granting stay also highlighted that Gandhi's grandmother and former Prime Minister Indira Gandhi had written to Savarkar praising him.

"Does he (know) that even Mahatma Gandhi used the words 'your faithful servant'. Does he know his grandmother also sent a letter to the freedom fighter praising him? Let him not make irresponsible statements about freedom fighters. You cannot make such statements without knowing the history or geography of freedom fighters," the Court said, while addressing Senior Counsel Abhishek Manu Singhvi who appeared on behalf of Gandhi.

कथित भारत जोड़ो यात्रा में 17 नवंबर, 2022 को राहुल गांधी ने वीर सावरकर को अंग्रेजों का सहयोगी कहा और यह भी कहा कि सावरकर को ब्रिटिश सरकार से पेंशन मिलती थी - इस पर वकील नृपेंद्र पांडे की शिकायत पर लखनऊ मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 12 दिसंबर,2024 को राहुल गांधी को समन जारी किये जिसे रोकने के लिए वो इलाहाबाद हाई कोर्ट गया लेकिन जस्टिस सुभाष विद्यांर्थी ने उसकी अपील ख़ारिज कर दी -

अब राहुल गांधी इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और अंतत उसे वहां से Stay मिल गया - आखिर सुप्रीम कोर्ट अब “Bail court” और “Stay Court” ही तो बन चुका है -

सुप्रीम कोर्ट के जजों की बेंच ने प्रथम दृष्टया यह स्वीकार कर लिया कि जो भी शब्द राहुल गांधी ने सावरकर के खिलाफ बोले, वह एक अपराध था अन्यथा बेंच यह न कहती कि भविष्य में ऐसा कोई बयान दिया तो हम स्वत संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे - जब ऐसा दृष्टिकोण था सुप्रीम कोर्ट का तो फिर यह कैसे कहा कि You have a good point of law and you will get stay - आखिर कौन सा लॉ पॉइंट दिखाई दे गया सुप्रीम कोर्ट को केस स्टे करने के लिए और इसलिए मैं इसे दोहरा मापदंड मान कर इसकी निंदा करता हूं 

आपके स्टे और नोटिस का मतलब है कि वकील नृपेंद्र पांडे अब सुप्रीम कोर्ट के चक्कर लगाता रहेगा और क्या अब सुप्रीम कोर्ट ट्रायल कोर्ट की भूमिका भी निभाएगा - या तो कह देते कि राहुल गांधी पर मुकदमा गलत है लेकिन जब आप मान रहे हो कि उसने गलती की है तो फिर केस चलने देते ना -

एक प्रश्न यह उठता है कि जब राहुल गांधी ठोक बजा कर सावरकर का अपमान करता है और कहता है कि “मैं राहुल सावरकर नहीं हूं, मैं राहुल गांधी हूं,  सावरकर ने अंग्रेजों से माफ़ी मांगी”, तो फिर कोर्ट से भागता क्यों फिरता है - कोर्ट में लड़े और साबित करे कि जो उसने कहा वो सही था - उस पर तो 15 से ज्यादा मानहानि के मुक़दमे चल रहे हैं, सबको लड़े कोर्ट में, भागने का मतलब है डर गया और कब तक सुप्रीम कोर्ट बचाता रहेगा उसे

सुप्रीम कोर्ट के Stay का मतलब है मामला कई साल के लिए बर्फ में लग गया, वैसे भी एक कांग्रेसी वकील अभिषेक मनु सिंघवी खड़ा है उसके लिए -

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