अजमेर दरगाह के दीवान को डेढ़ करोड़ सैलरी सरकार से मिलती है : ओवैसी का आरोप; दीवान के बेटे ने कहा मानहानि का केस दायर करेंगे; ओवैसी और अन्य विरोधी बताएं वक़्फ़ की जमीन पर कब्ज़ा कर कितनी कमाई कर रहे हो

सुभाष चन्द्र

वक़्फ़ संशोधन बिल के समर्थन में दरगाह के दीवान Syed Zainul Abedin Ali Khan के बेटे और उनके उत्तराधिकारी सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती ने ईद के दिन बयान क्या दिया ओवैसी मियां तिलमिला उठे

ओवैसी भिड़ गए दीवान से और कहा कि दीवान ख्वाजा एक्ट के तहत एक सरकारी कर्मचारी है और उसे हर साल एक हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार डेढ़ करोड़ (1.5 करोड़ रुपये) मिलते हैं उस दीवान से पूछा जाना चाहिए कि उसने मुस्लिम महिलाओं के लिए, मुस्लिम बेवा महिलाओं के लिए और मुस्लिम यतीम बच्चों के लिए कौन सी मदद की है। 

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ओवैसी का अगर वास्तव में संविधान में जरा-सा भी विश्वास है, तो इनका फर्ज था एक-दूसरे पर आरोप लगाने की बजाए संसद में कहना था कि वक़्फ़ की जमीन पर कब्ज़ा कर करोडो की कमाई करने वालों पर भी कानून बनाया जाए, लेकिन जो खुद वक़्फ़ की जमीन पर कब्ज़ा कर करोड़ों की कमाई कर रहा हो उसका तिलमिलाना जायज है।     

नसीरुद्दीन चिश्ती ने ओवैसी पर मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही है वैसे गूगल सर्च में मुझे कहीं नहीं मिला कि दीवान सरकारी कर्मचारी है और किसी हाई कोर्ट ने उसकी सैलरी तय की थी

2013 में सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला जरूर किया था कि दरगाह को मिले चढ़ावे की गिनती होनी चाहिए जो उस समय करीब 60 करोड़ सालाना थी, इसके अलावा गोल्ड और अन्य जेवरात अलग होते थे

यह भी आदेश दिया गया कि दरगाह कमेटी हर चढ़ावे का हिसाब रखे और इसका बटवारा (Proper distribution) दीवान और अन्य खादिमों में किया जाए दरगाह पर कोई टैक्स नहीं लगता, इसलिए चढ़ावे और गोल्ड का हिसाब केवल अंजुमन कमेटी के रिकॉर्ड में होता है और वह चढ़ावे देने वाले को  रसीद देता है, अब समझ लीजिये तब 2013 में 60 करोड़ की आमदनी थी तो अब कितनी होगी और किस तरह बंदर बाट होती होगी, यह तो खुदा ही जाने अगर इतनी आय है दरगाह की तो दीवान को सरकार से सैलरी मिलने का क्या मतलब है?

ओवैसी मियां जो सवाल दीवान से पूछ रहे हैं, उनके जवाब तो सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड और हर राज्य के वक़्फ़ बोर्ड को भी देने चाहिए ट्रिपल तलाक का दंश झेलने वाली मुस्लिम महिलाओं, उनके यतीम हुए बच्चों और बेवा औरतों के लिए किसी भी बोर्ड ने क्या किया? खुद ओवैसी ने उनके लिए क्या किया जो मोदी के विरुद्ध झंडा लेकर खड़ा हुआ है?

किसी भी वक्फ बोर्ड ने एक भी घर किसी गरीब मुसलमान को बना कर दिया हो तो ओवैसी मियां बता दे जबकि मोदी ने 4 करोड़ घर गरीबों को बना कर दे दिए जिसमें अनेक मुस्लिमों को भी मिले आपके ऊपर तो स्वयं मुस्लिम आरोप लगा रहे हैं कि आपने वक़्फ़ की जमीन पर कब्ज़ा कर अपने फायदे के लिए मेडिकल कॉलेज बना लिया और कई सुविधाएं खड़ी कर ली

सारे विपक्ष के नेता राम मंदिर का विरोध करते रहे और सवाल खड़ा करते रहे कि मंदिर बनाने से किसी को क्या लाभ होगा? उन्हें पता चल गया होगा कि राम मंदिर ट्रस्ट ने पिछले 5 साल में 270 करोड़ GST समेत कुल 400 करोड़ का टैक्स सरकार को दिया है क्या किसी भी वक़्फ़ बोर्ड ने एक पैसा भी टैक्स दिया है?

अजमेर दरगाह की अंजुमन कमेटी के कुछ खादिमों ने नसीरुद्दीन चिश्ती के बयान पर मतभेद प्रकट किए है, यदि सही कहा जाए तो कमेटी में दो फाड़ हो गए हैं

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