संविधान की शपथ लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री बनी ममता बनर्जी को क्या मालूम कि देश का कानून संसद में ही बनता है ममता के घर पर नहीं। 2024 लोकसभा में विपक्ष नरेंद्र मोदी को हराने के लिए संविधान बचाने का कितना शोर मचा रहे थे, लेकिन खुद ही संवैधानिक पद पर बैठ भारतीय कानून और संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं संविधान की क्या रक्षा करेंगे? इन्ही कुर्सी के भूखों की वजह से कट्टरपंथी और देश विरोधी ताकतें भारत में अशांति फ़ैलाने में सफल होते हैं। आखिर अपनी कुर्सी की खातिर कितना नीचे गिरेगी? किस हैसियत से संसद और राज्यसभा में पारित हुए बिल का कानून बनने पर महामहिम राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बने कानून को लागू नहीं करके क्या देश के राष्ट्रपति को चुनौती दे रही हो? क्या बंगाल जलने पर उनकी आत्मा और पूर्वजों को शांति मिल रही है? ममता गनीमत जानो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है काश प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी होती तुम्हारी सरकार को कभी का धूमिल कर दिया होता। दूसरे, बंगाल के जलने में बंगाल का हिन्दू खुद जिम्मेदार है जो चुनाव के दौरान ममता द्वारा चोटिल होने का ड्रामा देख वोट दे देता है। चोटिल भी ऐसी होती है जो मतदान के बाद ठीक हो जाती है।
हिंदुओं के विरोध और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सारी हदें पार कर दी हैं। वह जब ऐलान कर रही हैं कि वक्फ कानून को उनके राज्य में वक्फ कानून लागू नहीं किया जाएगा, तो फिर राज्य में एक के बाद एक जगहों से हिंसा और आगजनी की खबरें क्यों आ रही हैं? जाहिर-सी बात है कि वक्फ कानून के विरोध में उठी आवाज को दबाने के बजाए उन्होंने और उनकी अफसरशाही ने ना सिर्फ हिंसा को उकसाने और प्रोत्साहित करने का काम किया, बल्कि उसका अपरोक्ष समर्थन भी किया। ताकि मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति की यह आग और फैल सके। पश्चिम बंगाल में हिंसा और आगजनी का ऐसा तांडव मचा हुआ है कि हिंदुओं को भागने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ममता बनर्जी सरकार की गैरजिम्मेदारी और लापरवाही से पश्चिम बंगाल संकट के मुहाने पर है। शुक्रवार की नमाज के बाद भड़की हिंसक मुस्लिम भीड़, धूलियान, मालंचा फरक्का, मालदा में मंदिरों में तोड़फोड़ कर रही है और हिंदुओं के घरों में आग लगा रही है। यह सब एक ऐसे वक्फ संशोधन के लिए है जिसे ज्यादातर लोगों ने पढ़ा भी नहीं है। वोट बैंक की राजनीति के तहत कानून और व्यवस्था को कुचल दिया गया है। मेटियाब्रुज उबल रहा है। इंटरनेट बंद है। पुलिस चुप है। प्रशासनिक अधिकारी मौन हैं। हिंदुओं को जलने-मरने के लिए छोड़ दिया गया है। यह शासन नहीं, कुशासन और विश्वासघात है।
ममता बनर्जी खुद गृह मंत्री, फिर भी राज्य में हिंसा का तांडवLesson for Hindus : schemes like Lakshmi Bhandar Scheme will give your women Rs 1000 per month but know that it also amounts to sacrificing safety of women of your household - today it is this woman of Samserganj, tomorrow it could be anyone from your own districts- Save Hindu… pic.twitter.com/x4S5B0yTAx
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) April 12, 2025
तुष्टिकरण की आग में जल रहे पश्चिम बंगाल की स्थिति को समझने के लिए पहले परिदृश्यों पर नजर डालिए। पहला परिदृश्य राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाले का है। ममता बनर्जी सरकार को इस घोटाले पर कोर्ट तक से फटकार लग चुकी है। इसके बावजूद जब शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने वाले शिक्षक अपने अधिकारों की मांग करते हैं, तो पश्चिम बंगाल की पुलिस इसका जवाब लाठीचार्ज, लात-घूंसे और मारपीट से देती है। बेकसूर शिक्षकों पर बिना किसी हिचकिचाहट के क्रूर बल का उपयोग करती है। दूसरा परिदृश्य है वक्फ कानून के विरोध का। चूंकि इसे केंद्र सरकार ने बनाया है, इसलिए ममता बनर्जी इसकी आग में अपने राजनीतिक हित साधने में लगी हैं। यह इससे साफ हो जाता है कि जब हिंसक भीड़ मुर्शिदाबाद, सूती और अमतला जैसी जगहों पर पुलिस वाहनों को आग लगाती है। हिंदुओं को मंदिरों पर तोड़फोड़ करती है। उपद्रव और हिंसा का माहौल बनाती है, तो ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस चुपचाप खड़ी रहती है। वह अराजकता के तांडव को देखने लिए मात्र मूकदर्शक बनी रहती है। इसीलिए हिंसा बढ़ती जाती है। यह सब भी तब हो रहा है, जबकि गृह विभाग खुद ममता बनर्जी के ही पास है।
अनदेखी से जल रहा बंगाल, आगजनी-पथराव, 4 को लगी गोलीDouble Standards in Policing under Mamata Banerjee’s Rule:
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) April 12, 2025
Scenario 1:
When peacefully protesting teachers demand their rights, the police respond with lathicharge, kicks, and punches — using brute force without hesitation.
Scenario 2:
When violent mobs torch police vehicles in… pic.twitter.com/nTc4wRYbGi
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को फिर वक्फ कानून के खिलाफ सुती में हिंसा भड़क उठी। सरकारी बसों में आग लगा दी गई है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। चार लोगों को गोली लगने की रिपोर्ट है। नवीनतम जानकारी के अनुसार, स्थिति अभी भी नियंत्रण से बाहर है। दूसरी ओर, हिंसा प्रभावित शमशेरगंज में बीएसएफ जवानों की तैनाती की गई है। इससे पहले रघुनाथगंज के उमरपुर में दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई थी। भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 सूती में लागू होने के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदेश के मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिले में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी और सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके गए। इसके अलावा सड़कें भी अवरुद्ध की गई। वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के बीच सीएम ममता बनर्जी का भड़काने वाला बयान सामने आया है। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वक्फ (संशोधन) कानून को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है और इस पर केंद्र से जवाब मांगा जाना चाहिए।
Bengal is on the brink — and Mamata Banerjee is to blame.
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) April 11, 2025
Violent Muslim mobs, stirred up after Friday prayers, are vandalizing temples and torching Hindu homes in Dhulian, Malancha Farraka, Malda. All over a WAQF Amendment most haven’t even read.
This is the price of years of… pic.twitter.com/k6sSxxfkS6
बंगाल को बांग्लादेश बनाना चाहती हैं ममता बनर्जी’
बीजेपी ने सीएम ममता बनर्जी पर वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य में हुई हिंसा की घटनाओं का “समर्थन करने, उकसाने और प्रोत्साहित करने” का आरोप लगाया। मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर बीजेपी ने ममता सरकार पर बड़ा हमला बोला है। अमित मालवीय ने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बंगाल को “दूसरा बांग्लादेश” बनाना चाहती हैं। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी को सत्ता में बनाए रखने के लिए बंगाल को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। वह राज्य को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती हैं।” यह बयान उस समय आया है जब वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क गई।बीजेपी का कहना है कि ममता सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य की पुलिस और मंत्री को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि विरोध करना सबका अधिकार है, लेकिन यह हिंसक तरीका बिल्कुल गलत है। सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “अगर कोई विरोध करना चाहता है तो शांतिपूर्ण तरीके से करे, लेकिन जो कुछ मुर्शिदाबाद में हुआ, वह सही नहीं है।” उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ” बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति के कारण जंगलराज बन गया है। यहां पुलिस कार्रवाई नहीं करती, जबकि दूसरे राज्यों में कानून के तहत सख्त कदम उठाए जाते हैं।” सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि कुछ लोग बंगाल में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें दूसरे राज्यों में ऐसा करने का मौका नहीं मिल रहा।
यह पहला मौका नहीं है, जबकि सीएम ममता बनर्जी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं। वे इससे पहले भी कई बार हिंदुओं की आस्था पर लगातार प्रहार करती रहती हैं। ममता राज में राज्य में पूरी तरह से तालिबानी शासन है। पश्चिम बंगाल में प्रभु श्रीराम ही नहीं, अन्य हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेना अपराध बन गया है। यहां हिन्दुओं को न तो मंदिरों में पूजा करने की आजादी है और न ही सार्वजनिक रूप से जय श्री राम बोलने की। यहां तक कि पश्चिम बंगाल में राम नाम मास्क बांटने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। अब एक बार फिर वक्फ कानून की आड़ लेकर ममता बनर्जी ने तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ाव दिया है।
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