हमें कांग्रेस समेत किसी विपक्षी दल से पाकिस्तान को 3 दिन में धूल चटाने के लिए मोदी की प्रशंसा की न कोई उम्मीद है और न चाहत है। लेकिन फिर भी जिस तरह मोदी ने पाकिस्तान के आतंक पर प्रहार किया और उसकी 3 दिन में कमर तोड़ दी, उस समय कांग्रेस का इंदिरा गांधी के नाम का जाप करना एक घटिया सोच है।
कांग्रेस क्या समझती है इंदिरा गांधी तोप लेकर लड़ने गई थी और अगर वह लड़ने गई थी तो मोदी भी भी खुद पाकिस्तान को माटी में मिला रहा था। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए कहा कि इससे देश के एकजुट होने का प्रदर्शन किया जा सकेगा। लेखक
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पार्टी के नेताओं ने इस मौके पर 1971 के युद्ध में भारत की जीत का जिक्र करते हुए इंदिरा गांधी के नेतृत्व और साहस को याद किया और प्रशंसा की।
जयराम रमेश को चुल मची हुई है, वो कह रहा है कि संसद सत्र बुला कर उसमें पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से लेकर “आगे की रणनीति” तक पिछले 18 दिनों की घटनाओं पर चर्चा की जाए और सामूहिक संकल्प प्रदर्शित किया जाए।
जयराम रमेश ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही मांग कर रहा था कि सरकार हमें विश्वास में लेकर बताएं वह क्या करना चाहती है? मतलब हम पहले से पाकिस्तान और चीन को सूचना दे सकें।
सामूहिक संकल्प की बात करते हो और कांग्रेस के नेता अलग अलग तरह की भाषा बोलकर सरकार की निंदा भी कर रहे हैं। संसद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था कांग्रेस राज में कि POK हम वापस लेकर रहेंगे और यह हमारा कर्तव्य है। क्या कभी कांग्रेस ने इसके लिए कोई कोशिश की या मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कभी यह मांग उठाई। आज कांग्रेस के कई चापलूस लिख रहे हैं, POK वापस लिए बिना युद्ध विराम क्यों किया, ऐसे लोग यह नहीं बोलते कि POK पाकिस्तान को दिया किसने?
कांग्रेस का नजरिया देखो, चंद्रयान चंद्रमा पर उतरा तो कांग्रेस ने नेहरू को श्रेय देते हुए कहा था कि नेहरू जी ने ISRO बनाया इसलिए हम चाँद पर पहुंच सके। 1971 के युद्ध जीतने का श्रेय इंदिरा गांधी को देते हैं जबकि उस युद्ध में हमारे 4000 बलिदान हो गए, 54 सेना के हमारे वरिष्ठ सैनिक पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त नहीं कराए और पाकिस्तान के 95000 युद्धबंदी बिना POK लिए इंदिरा गांधी ने छोड़ दिए। और इंदिरा गांधी के इस साहस की प्रशंसा कर रही है कांग्रेस।
लेकिन एक प्रधानमंत्री के नाते नरेंद्र मोदी का कोई योगदान नहीं मानती कांग्रेस और न विपक्ष।
कांग्रेस को यह भी आपत्ति हुई है कि भाजपा ने कांग्रेस के समय में आतंकियों से डील करने के लिए उसकी बुराई क्यों की? भाई, मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट और अब ऑपरेशन सिंदूर करके पाकिस्तान के आतंक की कमर तोड़ी लेकिन कांग्रेस सरकार मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी के “सुपर प्रधानमंत्री” होते हुए 26/11 में 170 निर्दोषों की हत्या के बाद भी चुप रही तो सवाल तो उठेगा ही। आपके नेता तो ऑपेरशन सिंदूर के नाम पर ही कलेश कर रहे हैं।
आज कांग्रेस और विपक्ष जो सेना की तारीफ कर रहे हैं, उन्होंने ही सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट के सेना से सबूत मांगे थे।
कांग्रेस और विपक्ष मोदी की तारीफ में बेशक कुछ न कहे, लेकिन देश की जनता ने मोदी की शक्ति को एक बार फिर परख लिया। कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं के भारत विरोधी बयान तो पाकिस्तान में सुर्खियां बटोर रहे हैं। कांग्रेस अपनी कब्र खुद खोद रही है और अपने जनाजे के ताबूत में आखिरी कील लगा रही है।
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