सुभाष चन्द्र
ऑपरेशन सिंदूर के सफल होने पर कांग्रेस और विपक्ष ने सेना के शौर्य और साहस की तारीफ की और यह भी कहा था कि वे सरकार के साथ हैं। यह सुन कर बड़ा आश्चर्य हुआ था कि हर समय पाकिस्तान का साथ देने वाली कांग्रेस मोदी सरकार का साथ कैसे दे रही है? हकीकत यह है कि पाकिस्तान और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे की ऑक्सीजन है। इसीलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पाकिस्तान जाकर बीजेपी नहीं मोदी को हराने गिड़गिड़ाने पहुंच जाते हैं। पाकिस्तान को हाशिए पर लाने के कांग्रेस को हाशिए पर लाना होगा।
लेकिन धीरे धीरे कांग्रेस के पत्ते खुलने लगे। उधर पाकिस्तान ने पिटाई होने के बाद भी मुल्ला मुनीर को Field Marshal बना दिया, उसी तरह बार बार Relaunch होकर पिटने के बाद राहुल गांधी पार्टी का Failed General बना हुआ है जो पाकिस्तान की गोद में बैठ गया।
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| लेखक चर्चित YouTuber |
पता नहीं उसके दिमाग में किसने फितूर घुसा दिया कि डॉ जयशंकर ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की सूचना पहले ही पाकिस्तान को दे दी और पाकिस्तान की बांछें खिल गई राहुल गांधी का बयान पढ़ कर। पाकिस्तान में उसका बयान सुर्ख़ियों में छापा गया और राहुल गांधी पाकिस्तान का “Cheer Boy” बन गया।
राहुल गांधी के अनुसार सरकार ने कांग्रेस को “गोपनीय” जानकारी नहीं दी। फिर यह कैसे हो सकता है कि वह “गोपनीय” जानकारी विदेश मंत्री पाकिस्तान को दे देंगे। जो पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने हमारे राफेल गिराए, वह सवाल राहुल गांधी ने किए। यानी अपनी सेना पर कोई भरोसा नहीं। तो फिर कहां गया सेना का शौर्य और साहस।
एक कार्यक्रम में TV Today के मालिक अरुण पुरी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि आपकी सरकार से हमें केवल एक शिकायत है कि कोई भी Information हमें गोपनीय तरीके से नहीं मिलती जो पहले मिल जाती थी। ऐसा होने पर भी अगर राहुल गांधी सोचता है कि जयशंकर ने कुछ पाकिस्तान को बताया तो राहुल जैसा पागल कोई हो नहीं सकता।
खड़गे ने कहा है कि “ऑपेरशन सिंदूर” एक छिटपुट युद्ध था। याद करा दूं कि 26/11 के बाद महाराष्ट्र सरकार में NCP की तरफ से उपमुख्य मंत्री RR Patil ने भी कहा था। “ऐसी छोटी मोटी घटना होती रहती हैं”। ये बड़ी बात है कि खड़गे ने ऑपेरशन सिंदूर को मोदी का युद्ध नहीं कहा जैसे कारगिल युद्ध को कांग्रेस ने BJP का युद्ध बता दिया था।
कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए कहा कि “3-4 विमान भेज कर कुछ कथित आतंकियों को मारना केवल दिखावा है। इससे पहलगाम में मारे गए 26-28 लोगों को क्या इंसाफ मिलेगा और उन महिलाओं का दुःख इस तरह कम होगा? क्या पक्के तौर पर पता है कि 100 आतंकी मारे गए, उनकी पहचान क्या है और क्या वो ही थे जो बैसरन में हमला करने आये थे”?
राशिद अल्वी ने पूछा “क्या चुन चुन कर आतंकी मारे गए हैं, क्या फिर पहलगाम नहीं होगा?
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सरकार ने भावनात्मक लाभ के लिए “ऑपरेशन सिंदूर” नाम रखा।
ये लोग एक बार तो बताएं कि कांग्रेस सरकार ने 26/11 समेत अन्य आतंकी हमलों पर पाकिस्तान पर क्या कार्रवाई की और अगर की होती तो पहलगाम न होता?
पाकिस्तान जमात-उद-दावा का टेरर ऑफिस फिर से बनाएगी। बेहतर होगा कांग्रेस पाकिस्तान से कहे कि उसका भी तुर्की की तरह एक कार्यालय पाकिस्तान में बना दे और कांग्रेस खुद को पाकिस्तान का आधिकारिक प्रवक्ता घोषित कर दे।
कांग्रेस ने देश विरोध की सभी हदें पार कर दी हैं। ये पार्टी “गद्दार पार्टी” बन चुकी है और इसके नेता गद्दार हैं।
सईद नासिर हुसैन को कांग्रेस ने सरकार की विदेशों में जाने वाली टीम में शामिल करने को कहा था। ये जब राज्यसभा के लिए चुने गए तब कर्नाटक विधानसभा में “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगे थे। कांग्रेस उसे पाकिस्तान को बेनकाब करने भेजना चाहती थी, साबित होता है न पार्टी गद्दार हो चुकी है।


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