साकिब नाचन जिसे 2002 और 2003 में मुंबई धमाकों के मास्टरमाइंड के रूप में 2016 में दस साल की जेल हुई, वह जून 28 को Brain Hemorrhage से मर गया। 63 वर्षीय साकिब मूल रूप से मुंबई के ठाणे जिले के बोरीवली का रहने वाला है। नाचन 3 बच्चों का अब्बा, जिसमें 2 बेटे और एक बेटी शामिल हैं। एनआईए की छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद, धारदार हथियार, बड़ी मात्रा में नकदी जब्त की गई थी। बोरीवली गांव एक वक्त में पडघा का आतंकी हॉटस्पॉट बन गया था।
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| लेखक चर्चित YouTuber |
मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर 6 दिसंबर, 2002 को बम धमाके में 27 लोग मारे गए; 27 जनवरी, 2003 को विले पार्ले में धमाके में 25 घायल हुए और 13 मार्च, 2003 मुलुंड की ट्रेन में ब्लास्ट हुआ, इस सभी आतंकी हमलों में साकिब को 2016 में 10 वर्ष की सजा हुई। अभियोजन पक्ष ने मुज़म्मिल अंसारी के लिए फांसी की सजा की मांग की जिसने विस्फोटक लगाए थे, उस पर क्या हुआ पता नहीं। फांसी की सजा तो साकिब को भी होनी चाहिए थी लेकिन नहीं हुई।
साकिब को ये सजा ऐसे हुई जैसे माफ़ कर दिया गया हो क्योंकि नवंबर, 2017 में वो जेल से रिहा हो गया। इसलिए कि उसने सजा का अधिकांश समय undertrial के रूप में जेल में ही बिता दिया था लेकिन यह अवधारणा कोर्ट की गलत है। क्योंकि इतने भयंकर अपराध के लिए सजा तो मिली होगी कठोर कारावास की (Rigorous Imprisonment) जबकि Undertrial के रूप में साधारण तरीके से जेल में रहा होगा।
साकिब सचान पूर्व SIMI का वरिष्ठ अधिकारी था और जेल से रिहा होने के बाद उसने 2017 में ही उसने ISIS को जॉइन कर लिया और लोगों की भर्ती शुरू कर दी, उसने उन्हें Sabbath की ट्रेनिंग दी और बोरीवली के इलाके पगढा को अल शाम कह कर उसे स्वतंत्र घोषित कर दिया, NIA ने वहां रेड कर 2023 में उसे गिरफ्तार कर लिया।
अब देखिए NIA के उसके ISIS को आतंकी संगठन कहने के खिलाफ उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइया ने उसे Virtual Hearing का अवसर दिया और यह भी कहा कि आप अपना Amicus नियुक्त करें “You can appear online from jail. If you want to add something, we will allow you.” It added, “We will ask jail authorities to allow you to meet the amicus,”
एक आतंकी को सुप्रीम कोर्ट का इस तरह सुविधा देना अपने आप में Judicial Terrorism था। क्या सुप्रीम कोर्ट के Learned Judges को ISIS के आतंकी संगठन होने में कोई शंका थी जो साकिब सचान की याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी? आप क्या आतंकी संगठनों को भी Clean Chit देना चाहते हैं खासकर ISIS को जिसके आतंकी कारनामों ने पूरे विश्व में कोहराम मचाया था?
मैं CJI बीआर गवई से पूछना चाहता हूं जो रोज संविधान को सर्वोपरि बता रहे हैं कि क्या संविधान में आतंकी संगठनों पर भी कृपा करने का प्रावधान है?
आज की खबर है कि साकिब की मौत की जांच करके उसका शव उसके घरवालों को दिया जाएगा जिसे पगढा में ही दफनाया जाएगा जिसे साकिब ने Liberated Zone घोषित किया था और कोई बड़ी बात नहीं है कि कुछ दिन बाद वहां उसे कोई पीर घोषित कर दिया जाए जो कमाई का जरिया बन जाएगा।


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