आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले वर्ष वृन्दावन में हुई एक संघ की बैठक का किस्सा सुनाया। बैठक में 75 वर्ष पूरे होने पर मोरोपंत पिंगले को शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया था। तब मोरोपंत जी ने कहा था कि “75 वर्ष में शाल पहनने का अर्थ मैं जानता हूं, इसका मतलब है कि अब आपकी उम्र हो गई है, आप साइड में हो जाओ और अब बाकी लोगों को काम करने दो”।
भागवत जी के इस बयान से उनके रिटायर होने से जोड़कर देखा जा रहा था क्योंकि इस वर्ष सितंबर में वो 75 वर्ष के हो जाएंगे लेकिन उनके तो आरएसएस की शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम 2026 तक के तय हो चुके हैं। शताब्दी समारोह 2026 के नवंबर में दिल्ली में विशाल जनसभा से ख़त्म होगा जिसे स्वयं भागवत जी संबोधित करेंगे। इसका मतलब है उनका कोई रिटायरमेंट नहीं हो रहा। संघ में तो परंपरा है कि सरसंघचालक अंतिम समय तक कार्यरत रहता है और रिटायरमेंट का कोई प्रावधान नहीं है। जाने से पहले वह आपने उत्तराधिकारी के नाम भी गुप्त रूप से तय कर देते हैं।
![]() |
लेखक चर्चित YouTuber |
लेकिन कांग्रेस के मूढ़मति नेता भागवत के बयान से समझ रहे हैं कि उन्होंने मोदी के रिटायरमेंट की बात कही है क्योंकि मोदी भी सितंबर में 75 के हो जाएंगे। कांग्रेसी सपने देखने लगे कि अब तो मोदी से छुटकारा मिल जाएगा और कांग्रेसी ने तो मांग कर दी कि मोदी के बाद गडकरी को प्रधानमंत्री बना देना चाहिए।
कांग्रेस के लोग इतनी चिल्ल्पों करने से पहले बताएं कि क्या उन्हें भी 75 वर्ष की आयु रिटायरमेंट के उचित लगती है या यह वो केवल मोदी के लिए चाहते हैं? यह अगर सही लगता है तो अपनी पार्टी में भी इसे लागू करें और 79 साल की सोनिया गांधी को पहले विदा करें। जो मोदी दिन में 16 से 18 घंटे काम करता है, उससे छुटकारा चाहते हो लेकिन इटली से आयात की हुई मोदी से उम्र में बड़ी सोनिया को गद्दी पर सजा कर रखना चाहते हो। वाह गजब है गुलामी मानसिकता।
कांग्रेस ने तो स्मृति ईरानी के वापस सीरियल में काम करने पर भी मज़ाक उड़ाया है। जैसे स्मृति ईरानी को अपने पुराने व्यवसाय में जाने का अधिकार है, वैसे कांग्रेस के भी लोगों को अपने पुराने व्यवसाय में जाने का अधिकार है (आप समझिए मैं क्या कह रहा हूं)। कांग्रेस उन्हें भेज सकती है।
कांग्रेस को मोदी से छुटकारा चाहिए क्योंकि उसने कांग्रेस के वापस सत्ता में आने के मार्ग बंद कर दिए है। जिस मोदी को दुनिया के 27 देश (8 इस्लामिक देशों समेत) अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दे चुके हैं, उस मोदी के प्रति कांग्रेस और विपक्ष के दिल में नफरत कूट कूट कर भरी हुई है, इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है।
कुछ ज्योतिषी भी लगे हुए हैं मोदी को हटाने में और भविष्यवाणी करते हैं कि मोदी अपना यह कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे। ऐसे सभी लोगों को मैं कहना चाहता हूं कि मोदी के मन में क्या है, उसे मोदी के सिवाय कोई नहीं जान सकता। वह अपने कर्मों से अपना भाग्य रचता है जिससे सारे गृह नक्षत्र भी पलटा खा जाते हैं।
लेकिन मोदी के हटने के सपना देखने वालों, एक बार ख्याल कर लो कि अगर वह अपना उत्तराधिकारी योगी को बना गया तो तुम्हारा क्या हाल होगा, यह सोच कर अभी से अपनी योजनाएं बना लो। वैसे भी 2024 चुनाव होने से पहले ही ज्योतिष अगला प्रधानमंत्री बनने के योगी की कुंडली में योग बता रहे हैं।
भागवत जी को ऐसी बात पिंगले जी के संदर्भ में भी नहीं कहनी चाहिए थी जिसका मतलब कुछ और ही निकल गया। संघ का मार्गदर्शन और साथ भाजपा को मिलता जरूर है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि जो संघ चाहेगा, भाजपा उसे हर हाल में मानने के लिए बाध्य है।
सपनों के दुनिया से बाहर निकलो कांग्रेसियों, मोदी कांग्रेस को कब्र में दफ़न करके ही जाएगा।
जय श्री राम / भारत माता की जय -
No comments:
Post a Comment