प्राचीन काल से एक कहावत है कि किसी संयुक्त प्रतिष्ठित परिवार को बर्बाद करने के लिए पहले उस परिवार का आचरण और संस्कारों का विनाश कर परिवार अपने आप खंड-खंड हो जाएगा। परिणाम सबके सामने हैं संयुक्त परिवार छिनभिन्न हो चुके है। ठीक यही स्थिति किसी देश को बर्बाद करने की होती है।
कल तक सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत आज बिकाऊ और भ्रष्टाचारी हो गया। संभव हो, कुछ बिकाऊ शब्द पर ऐतराज करें।
बिकाऊ का एक उदाहरण जो अपने बुजुर्गों से सुना। भारत में चाय को कोई नहीं जानता था। इसे भारत में शुरू करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने लोगों को फ्री में चाय पिलाने के लिए 12 आने से लेकर 1 रूपया रोज का देती थी। दूध, चाय की पत्ती, चीनी, ईंधन और कप तक की व्यवस्था करके देती थी। और आज चाय हमारे खानपान का हिस्सा बनी हुई है।
लेकिन सच्चाई को जानना होगा। वोट मांगने तुम्हारे दरवाजे पर आने वाले नेताओं से पूछो चुनाव में कितना धन विदेश से मिला है? यह सिलसिला आज कोई नया नहीं बहुत पुराना है। जिस हिन्दू संस्कृति का विश्व में डंका बजता था हमारे नेताओं ने कुर्सी के लालच में पश्चिमी सभ्यता को लाद दिया। इसमें सिर्फ सियासतखोर नेताओं और उनकी पार्टियों को दोष देने से पहले जनता ही सबसे बड़ी दोषी है। क्यों नहीं सनातन पर अपशब्द बोलने के लिए एकजुट होते? क्यों नहीं उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाता? आज कई त्यौहार हिन्दू सिर्फ एक औपचारिकता की तरह मनाते हैं क्यों?
दूसरे, ड्रग्स। आखिर ड्रग भारत से कैसे आती है? कौन है इसके जिम्मेदार, सोंचा कभी? ड्रग की इस लत से भिखारी भी दूर नहीं। कई अपाहिज भिखारियों को ड्रग खरीदते देखा गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे देश में ड्रग का कितना गहरा और विस्तृत जाल बिछ चुका है। पुलिस भी ड्रग लेने वाले को पकड़ती है, लेकिन इसके सप्लायर को क्यों नहीं?
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लेखक चर्चित YouTuber |
कल 4 महाद्वीपों में 10 से ज्यादा देशों में फैले ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया है और भारत के साथ साथ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में 8 लोग गिरफ्तार हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के समन्वय से इस ऑपरेशन के दौरान अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से डग्स की 5 बड़ी खेप पकड़ने के साथ ऑस्ट्रेलिया में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी ध्वस्त किया गया है। नेटवर्क के पैसे का लेन देन और सप्लाई को संभालने वाले की पहचान हो चुकी है जो UAE में रहता है।
दिल्ली में पकड़ी गई ड्रग्स को 2022 से अब तक 7 बार नष्ट किया गया है जो इस प्रकार हैं -
-21 दिसंबर 2022 - 2,888 किलो;
-26 जून 2023 - 15,700 किलो;
-20 फरवरी, 2024 - 10,631 किलो;
-17 दिसंबर, 2024 - 10,621 किलो;
-24 जनवरी, 2025 - 1,575 किलो;
-4 अप्रैल, 2025 - 1,643 किलो और
-26 जून, 2025 - 1,629 किलो
पंजाब में पकड़ी गई ड्रग्स -
2020 - 37,364 किलो
2021 - 38,783 किलो
2022 - 49,421 किलो
ये आंकड़े “आप” सरकार के आने के पहले के हैं। “आप” ने क्या किया पता नहीं, अलबत्ता विज्ञापनों की भरमार चल रही है “युद्ध नशे के विरुद्ध”।
कुछ अन्य राज्यों में पकड़ी गई ड्रग्स के आंकड़े हैं -
2020 -
-सबसे ज्यादा तमिलनाडु में 298682 किलो;
-राजस्थान - 1,45,363 किलो;
-उत्तर प्रदेश - 1,44,434 किलो;
-आंध्र प्रदेश - 1,06,042 किलो;
-ओडिशा - 81,847 किलो
2021 -
-सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश में 1,91,712 किलो;
-ओडिशा - 1,69,432 किलो;
-राजस्थान - 1,35,220 किलो;
-उत्तर प्रदेश - 1,05,604 किलो;
-मध्य प्रदेश - 64,164 किलो
2022 -
-उत्तर प्रदेश - 10,35,259 किलो;
-आंध्र प्रदेश - 1,69,222 किलो;
-राजस्थान - 1,55,147 किलो;
-ओडिशा - 1,44,181 किलो,
-मध्य प्रदेश - 68,355 किलो
UPA काल में 2004 से 2014 तक 1,250 केस दर्ज हुए; 1,360 गिरफ़्तारी हुई; 1.52 लाख किलो ड्रग्स जब्त हुई जिसकी कीमत थी 5.9 हज़ार करोड़ रुपए।
इसके विपरीत NDA काल में 2014 से 2024 तक 4,150 केस दर्ज हुए; 6,300 गिरफ़्तारी हुई; 5.43 लाख किलो ड्रग्स जब्त हुई जिसकी कीमत थी 22 हज़ार करोड़ रुपए।
आप अनुमान लगा सकते हैं कि यदि यह ड्रग्स जब्त न होती और अलग अलग जगह बंट जाती तो कितना भयानक परिणाम हो सकता था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) का काम सराहनीय है।
गृह मंत्री अमित शाह ने जैसे नक्सलवाद को ख़त्म करने की बात कही है, वैसे ही उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार हर ड्रग्स कार्टेल को ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वे कहीं से भी चलाए जा रहे हों।
ड्रग्स सप्लाई करने वालों का लक्ष्य केवल भारत को ही बर्बाद करना नहीं है, उनकी चपेट में अमेरिका भी है और अन्य बहुत देश हैं।
जनता को भी जागरूक रहना चाहिए और यदि कोई ऐसे तत्व नज़र में आएं तो उसकी जानकारी NCB को गुप्त रूप से देनी चाहिए। यह ऐसा आतंकी हमला है जो व्यक्ति को जिंदा तो रखता है परंतु उसका जीवन मृत्यु से भी बदतर कर देता है।
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