राहुल गांधी की उद्दंत्ता के लिए जस्टिस बीआर गवई जिम्मेदार हैं और आज वो देश का, संविधान का, संवैधानिक संस्थाओं और मोदी का अपमान कर रहा है; कोर्ट को पूछना चाहिए था 2000 वर्ग किलोमीटर का झूट बोलने से पहले 38000 वर्ग किलोमीटर चीन के कब्जे में है, उसकी बात क्यों नहीं करता

सुभाष चन्द्र

2 साल पहले 4 अगस्त, 2023 को जस्टिस बीआर गवई(वर्तमान मुख्य न्यायाधीश), जस्टिस पीवी नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ ने राहुल गांधी की मोदी सरनेम वालों को चोर कहने पर दोषसिद्धि पर रोक लगा कर राहुल को उद्दंड बना दिया। गवई ने कहा था कि वो एक कांग्रेस परिवार से आते हैं और वो जानते थे कि राहुल गांधी ने मोदी सरनेम वालों को नरेंद्र मोदी को निशाना बना कर चोर कहा था लेकिन गवई ने फिर भी उसे छोड़ दिया जबकि इसके पहले भी वो “चौकीदार चोर” जा नारा लगा चुका था और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को गलत पेश करने पर कोर्ट की अवमानना के लिए सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी मांग चुका था 

राहुल गांधी ने कहा था “ ‘In sab choron ke naam Modi, Modi, Modi, Kyun hai? Nirav Modi, Lalit Modi, Narendra Modi” (Why are all these thieves named Modi? Nirav Modi, Lalit Modi, Narendra Modi). लक्ष्य नरेंद्र मोदी थे लेकिन जस्टिस गवई ने बस इतना कहा कि राहुल की टिप्पणी Distastful थी

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गवई की पीठ ने उसकी दोषी ठहराने और 2 साल की सजा को unjustified कहा था जबकि ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट उसे सही ठहरा चुके थे लेकिन फिर भी पीठ ने कहा कि जब तक गुजरात हाई कोर्ट ट्रायल कोर्ट के फैसले पर merits पर सुनवाई नहीं करता, तब तक राहुल की दोषसिद्धि पर रोक जारी रहेगी और याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी को कहा कि वह अपना पक्ष हाई कोर्ट में जल्द रखें आज दो साल तक कोई सुनवाई नहीं हुई है और राहुल गांधी की बदतमीजी लगातार बढ़ती गई

अब सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मसीह ने सेना पर घिनौने आरोप लगाने पर राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए पूछा कि आपके पास क्या सबूत हैं कि चीन ने हमारी 2000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर कब्ज़ा किया हुआ है अगर आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसी बात न कहते कोर्ट को यह भी पूछना चाहिए था कि चीन के कब्जे में जो 38000 वर्ग किलोमीटर भूमि है और जो रिकॉर्ड में है, आप उसकी बात क्यों नहीं करते

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर नेता विपक्ष ये मुद्दे नहीं उठा सकता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है एक सच्चा भारतीय यह कहे कि हमारे 20 सैनिको को पीटा गया और मार डाला गया तो यह चिंता का विषय है जबकि ये बातें मीडिया में प्रकाशित हुई थी ये बाते Left Liberal Media में आई होंगी जो राहुल गांधी और कांग्रेस के इको सिस्टम का हिस्सा हैं

दीपांकर दत्ता ने कहा कि जब सीमा पर संघर्ष होता है क्या दोनों पक्षों में हताहत होना क्या असमान्य बात है लेकिन ऐसे समय नेता विपक्ष को यह सब बोलना चाहिए? उसे बोलने उचित मंच है, वो संसद में प्रश्न कर सकते हैं

प्रियंका वाड्रा ने तो जजों की शक्ति पर ही सवाल खड़ा कर दिया कि उन्हें क्या अधिकार है किसी को भारतीय होने का प्रमाणपत्र देने का?

राहुल गांधी ने किसका अपमान नहीं किया, विदेश में जाकर ढोल पीटा कि भारत में लोकतंत्र ख़त्म हो गया, वीर सावरकर का अपमान किया और RSS पर गांधी हत्या के आरोप लगाए और न जाने कितने मामले में आजकल चुनाव आयोग को धमकी दे रहा है कि "बच नहीं पाओगे चाहे रिटायर भी हो जाओ"

अभिषेक मनु सिंघवी की दलील तो देखो, कहता है शिकायतकर्ता तो पीड़ित पक्ष है ही नहीं जबकि वह सेना में रहे है और एक बार जो फौजी होता है वह जीवन भर फौजी रहता है 

दीपांकर दत्ता की टिप्पणियां राहुल के और अन्य कांग्रेस नेताओं के लिए भी चेतावनी है जो आये दिन पाकिस्तान के पहलगाम हमले में सबूत मांगते फिरते हैं  

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