राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार: लताड़ लगाते हुए कहा- सच्चे भारतीय होते तो ऐसा न कहते; चीन के साथ MoU आज तक गोपनीय, क्यों? मीडिया भी खामोश क्यों?

राहुल गाँधी LoP होने के बावजूद भी गंभीर मुद्दों पर गंभीर नहीं होने के कारण सुप्रीम कोर्ट से फिर फटकार मिलना बहुत शर्म की बात है। लगता है जब तक कांग्रेस का जनाजा नहीं निकलेगा राहुल गंभीर नहीं होंगे। सिर्फ राहुल ही नहीं पूरा गाँधी परिवार ही कांग्रेस का जनाजा निकालने के लिए कमर कसे हुए हैं। क्या सिर्फ एक या दो चुनावों के बात है जब कांग्रेस अपना आधार ही खो देगी? यह भी चर्चा है कि INDI गठबंधन में शामिल पार्टियां भी अंदरखाने कांग्रेस से दूरी बना रही है। 
जिस तरह राहुल बयानबाजी कर रहे है और वकील भी बेशर्मों की तरह इनके बचाव में खड़े होकर अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा रहे हैं।  
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें भारतीय सेना पर की गई कथित टिप्पणी को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। मामला 9 दिसंबर 2022 को भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प के बाद राहुल गांधी के उस बयान से जुड़ा है जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन ने भारत की 2000 किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। राहुल गांधी ने यह दावा करते हुए आरोप लगाया था कि चीनी सैनिक हमारे जवानों को पीट रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी से पूछा, “आपको ये जानकारी कैसे मिली कि चीन ने 2000 किमी जमीन कब्जा ली है? अगर आप एक सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसे बयान नहीं देंगे। आप विपक्ष के नेता हैं, अपनी बात संसद में कहिए, सोशल मीडिया पर नहीं।”

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियां:
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी पर नाराजगी जताते हुए मौखिक रूप से कई सख्त टिप्पणियां कीं:
*”अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा न कहते” – जजों ने टिप्पणी की कि अगर राहुल गांधी एक सच्चे भारतीय हैं, तो उन्हें इस तरह की बातें करने से बचना चाहिए।
*”कैसे पता चला चीन ने कब्ज़ा किया?” – कोर्ट ने पूछा कि राहुल गांधी को कैसे जानकारी मिली कि चीन ने 2000 वर्ग किमी भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया है। “क्या आप वहां मौजूद थे? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय सामग्री है?”
*”सोशल मीडिया क्यों? संसद में कहिए” – जब राहुल गांधी के वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि विपक्षी नेता को मुद्दे उठाने की आज़ादी होनी चाहिए, तो जस्टिस दत्ता ने कहा, “आपको जो कहना है, वो संसद में कहिए, सोशल मीडिया पर नहीं।”

याचिका पर कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की विशेष अनुमति याचिका (SLP) पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामले में गंभीर सवाल उठते हैं, जिन पर विचार होना चाहिए। इस टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को भी नोटिस जारी किया है। ये नोटिस राहुल गांधी की उस याचिका पर भेजा गया है जिसमें उन्होंने सेना पर टिप्पणी मामले में जारी समन को चुनौती दी थी। सिंघवी ने तर्क दिया कि BNSS की धारा 223 के अनुसार आरोपी की सुनवाई जरूरी थी, जिसे नजरअंदाज किया गया। हालांकि कोर्ट ने बताया कि यह बिंदु इलाहाबाद हाई कोर्ट में नहीं उठाया गया था। सिंघवी ने यह चूक स्वीकार की।

क्या है पूरा मामला?
2022 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प हुई थी। इसके कुछ ही दिन बाद राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक बयान में दावा किया था कि चीन ने भारत की लगभग 2000 किमी जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है, और सरकार इसे छिपा रही है। इस बयान पर भारी विवाद हुआ और कई जगह शिकायतें दर्ज की गईं। इसी मामले में उत्तर प्रदेश के एक जिले में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ और कोर्ट से समन जारी हुआ, जिसे राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

इससे पहले 29 मई 2025 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि “अभिव्यक्ति की आज़ादी की भी सीमाएं होती हैं, और इसमें सेना को बदनाम करने की छूट शामिल नहीं है।” यह मामला बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव की शिकायत पर आधारित है, जिन्होंने कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी भारतीय सेना के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली थी। आरोप है कि उन्होंने कहा था, “चीनी सैनिक हमारे जवानों को पीट रहे हैं, और भारतीय मीडिया चुप है।”

सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि “सेना पर इस तरह की टिप्पणी करना राष्ट्रहित में नहीं है।” कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि एक विपक्षी नेता की जिम्मेदारी है कि वह संसदीय मंच का इस्तेमाल करे, न कि सोशल मीडिया या सार्वजनिक मंचों पर सेना के मनोबल को प्रभावित करने वाली बातें कहे।

कांग्रेस नेताओं का रवैया दिखाता है कि प्रधानमंत्री मोदी से नफरत करते-करते वह भारत से भी नफरत करने लगे हैं। यह दिखाता है कि कांग्रेस पार्टी देश को लेकर किस प्रकार की सोच रखती है। इसके पहले खुद राहुल गांधी कह चुके कि इस देश में आग लगेगी, दंगे होंगे, प्रधानमंत्री पर हमला होगा।

बीजेपी के लिए पाकिस्तान दुश्मन होगा, हमारे लिए नहीं- बीके हरिप्रसाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य बीके हरिप्रसाद ने बुधवार, 28 फरवरी,2024 को ये कहकर विवाद पैदा कर दिया कि पाकिस्तान बीजेपी के लिए दुश्मन देश हो सकता है उनके लिए नहीं। उन्होंने साफ कहा कि बीजेपी के लिए पाकिस्तान दुश्मन देश हो सकता है, लेकिन हमारे लिए पाकिस्तान एक दुश्मन देश नहीं है। यह हमारा पड़ोसी देश है। इसके एक दिन पहले ही मंगलवार 27 फरवरी,2024 को राज्यसभा चुनावों में कर्नाटक से कांग्रेस उम्मीदवार सैयद नासिर हुसैन के विजयी होने के बाद उनके समर्थकों ने पकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। इसको लेकर बुधवार को काफी हंगामा हुआ और बीके हरिप्रसाद का ये विवादास्पद बयान सामने आया। राहुल गांधी के करीबी नेता के बयान पर बीजेपी ने कहा है कि यह कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। सिर्फ वोटों के लिए अल्पसंख्यकों और मुसलमानों को खुश करने के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है।

राहुल गांधी के करीबी सांसद ने की अलग देश की मांग
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कारण इंडी गठबंधन तो टूट ही रहा है, अब पार्टी नेता देश तोड़ने की भी बात करने लगे हैं। राहुल गांधी के करीबी कांग्रेसी सांसद डीके सुरेश ने दक्षिण भारत को अलग देश बनाने की मांग कर दी है। कांग्रेसी सांसद डीके सुरेश ने ये मांग ऐसे समय में की है जब राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि दक्षिण भारत के साथ भेदभाव किया जाता है और ऐसा ही चलता रहा तो देश को बांटना पड़ेगा। बेंगलुरु ग्रामीण सीट से सांसद डीके सुरेश ने बजट को लेकर कहा कि दक्षिण भारत का पैसा उत्तर भारत को आवंटित किया जाता है। इससे दक्षिण को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अगर यह जारी रहा तो हमें दक्षिण भारत को एक अलग राष्ट्र बनाने के लिए आवाज उठानी होगी।

पूर्वोत्तर को देश का हिस्सा नहीं मानते राहुल गांधी
संविधान की प्रस्तावना में ‘राष्ट्र की एकता तथा अखंडता सुनिश्चित’ करने का उल्लेख किया गया है। लेकिन कांग्रेस और उसके नेता संविधान को नहीं मानते हैं। क्योंकि आजादी के बाद से कांग्रेस ने सिर्फ ‘सत्ता’ को प्राथमिकता दी है देश की एकता और अखंडता को नहीं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 10 फरवरी, 2022 को ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा कि गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक भारत है। इसको लेकर पूर्वोत्तर के लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। असम बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष अंगूरलता डेका ने सोमवार (14 फरवरी, 2022) को देश को विभाजत करने के आरोप में राहुल गांधी के खिलाफ दिसपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

 

पूर्वोत्तर का जिक्र नहीं करने पर कड़ी आपत्ति
असम, त्रिपुरा और मणिपुर के मुख्यमंत्रियों ने राहुल गांधी के ट्वीट में पूर्वोत्तर का जिक्र नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उनका कहना है कि राहुल पूर्वोत्तर को भारत का हिस्सा नहीं मानते और चीन के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं। राहुल ने यह बयान देकर अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दुष्प्रचार को स्वीकार कर लिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राहुल पर हमला बोलते हुए कहा, ‘हम एक गौरवशाली राष्ट्र हैं। भारत को आपके टुकड़े टुकड़े दर्शन के लिए बंधक नहीं बनाया जा सकता है। क्या राष्ट्र, राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद के साथ आपकी समस्या है? बंगाल से परे, हम पूर्वोत्तर मौजूद हैं।’ गौरतलब है कि हाल ही में संसद में दिए अपने भाषण में राहुल गांधी ने भारत को एक ‘राष्‍ट्र’ मानने से इनकार कर दिया था और इसे राज्यों के संघ के रूप में वर्णित किया था। आज कांग्रेस भाषावाद, क्षेत्रवाद, प्रांतवाद, जातिवाद और संप्रदायवाद के आधार पर देश को विभाजित करने में लगी है।

कांग्रेस और चीन का अपवित्र रिश्ता
गलवान घाटी संघर्ष हो या फिर डोकलाम विवाद हो, जब भी भारत और चीन के बीच संघर्ष देखने को मिलता है कांग्रेस पार्टी को चीन का साथ देते या सुरक्षा मामलों पर भारत विरोधी बयान जारी कर चीन को खुश करते देखा जा सकता है। इसका प्रमाण 7 जुलाई, 2017 को मिला,जब राहुल ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। अगले दिन 8 जुलाई को चोरी से चीनी राजदूत से मुलाकात की। दरअसल कांग्रेस पार्टी देश के अंदर चीन के एजेंडे को चला रही है। चीन और कांग्रेस का रिश्ता जगजाहिर है। सोनिया और राहुल ने 2008 में चीन के साथ MoU किया था।

राहुल ने ट्वीट में जम्मू-कश्मीर को दिखाया पाकिस्तान का हिस्सा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से को पाकिस्तान के हिस्से के तौर पर दिखा दिया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कोरोना वायरस को लेकर किए गए ट्वीट में जम्मू-कश्मीर को पाक का हिस्सा दिखाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें लताड़ लगानी शुरू कर दी, जिसके बाद उन्होंने वह ट्वीट डिलीट कर दिया।

राहुल गांधी के बयान को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में बनाया था हथियार
पाकिस्तान ने 27 अगस्त, 2019 को कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र (UN) में दिए अपने प्रस्ताव में राहुल गांधी के बयान का जिक्र किया। पाकिस्तान ने कश्मीर मामले में संयुक्त राष्ट्र को चिट्ठी लिखकर भारत की शिकायत की। इस चिठ्ठी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों का हवाला दिया। इस चिट्ठी में भारत पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन और हिंसा को बढ़ाने का आरोप लगाया। इमरान खान सरकार में मंत्री डॉ शिरीन मजारी ने यूएन को लिखी अपनी आठ पेज की चिट्ठी में पेज छह और आठ पर राहुल गांधी का जिक्र किया।

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