क्या मिलता था महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को?

सुभाष चन्द्र 

मोदी विरोधी जरूर नरेंद्र मोदी का विरोध करें जो उनका काम है, लेकिन मोदी सरकार के आने से अनेक ऐसे काम हुए हैं जिनकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। मोदी सरकार ने अन्य कामों के साथ खेलों पर खूब ध्यान देने के कारण देश में पदकों की भरमार होनी शुरू हो गयी। पदक विजेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान देने ने खिलाडियों में नयी ऊर्जा भरने का काम किया। इतना ही नहीं, महिला क्रिकेटर्स को जो सम्मान दिया है किसी भी सरकार ने इस दिशा में सोंचा नहीं था। यानि पुरुष क्रिकेटर्स को जो वेतन मिलता था उसके मुकाबले महिला क्रिकेटर्स को ऊंट को मुंह जीरे के सामान। लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद इस असमानता को ख़त्म कर महिला क्रिकेर्ट्स को पुरुष क्रिकेटर्स के समान्तर खड़ा करने का काम किया। 

जय शाह के BCCI अध्यक्ष बनने से पहले जितने भी अध्यक्ष रहे सबने सिर्फ अपनी तिजोरी पर ध्यान रखा लेकिन महिला क्रिकेटर्स हो रहे भेदभाव पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। शाह से पहले महिला क्रिकेटर्स को मात्र एक टाइम पास खिलाडी समझा जाता था। इतना ही नहीं लोक/राज्य सभा में इतने खिलाडी सदस्य बने किसी ने भी महिला क्रिकेटर्स के कम वेतन का मुद्दा नहीं उठाया। सचिन तेंदुलकर ने अपना राज्यसभा कार्यकाल समाप्त होते ही कार्यकाल में मिले वेतन को सरकार को वापस देकर सुर्खियां तो बटोर ली लेकिन महिलाओं का मुद्दा नहीं उठाया।      

WCAI संस्था थी महिला क्रिकेट के लिए जैसे BCCI पुरुषों की टीम को देखती थी 2006 में WCAI का विलय BCCI में किया गया जब शरद पवार उसके अध्यक्ष थे 

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पूर्व महिला क्रिकेट कप्तान मिताली राज ने बताया है कि जब 2005 में उनकी टीम world cup में दूसरे स्थान पर थी (runner up) तब उन्हें एक मैच खेलने के मात्र 1000 रुपए और टूर्नामेंट में 8 मैच खेलने के मात्र 8000 रुपए मिले थे 

महिला क्रिकेट एसोसिएशन की पहली अध्यक्ष थी बेगम हामिदा हबीबुल्लाह का परिचय -

“She was President of Mahila Congress, UPCC from 1972 to 1976. Thereafter, she was a member of the Rajya Sabha from 1976 to 1982”.

उसके बाद 1991 से अनुराधा दत्ता अध्यक्ष थी उनका आरोप था कि सरकार और NGOs को विदेशी ताकतें प्रभावित करती है दत्ता के बाद Ranee Narah अध्यक्ष रही WCAI के BCCI में विलय तक और वे भी एक कांग्रेसी नेता थी उनका परिचय भी देखिए -

“Narah was elected to the National Council of the Indian Youth Congress in 2003. She was appointed Deputy Chief Whip of the Indian National Congress in the Lok Sabha in 2009. In 2012, Narah was inducted into the Union Cabinet of India as Minister of State in the Tribal Affairs ministry”.

केवल शुभांगी कुलकर्णी क्रिकेटर थी जो WCAI की 2002 में सचिव बनाई गई -

लेकिन BCCI में WCAI विलय के बाद महिला क्रिकेटर के मानदेय में कोई बदलाव नहीं हुआ यह बदलाव केवल अक्टूबर, 2022 में प्रतीत हुआ जब BCCI ने पुरुष और महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के समान मानदेय तय किया जिसके अनुसार टेस्ट मैच के लिए 15 लाख, ODI के लिए 6 लाख और टी-20 के लिए 3 लाख रुपए तय किये गए अक्टूबर, 2022 से पहले महिला खिलाड़ियों के मानदेय में क्या बढ़ोतरी की गई, यह मुझे कहीं नहीं मिली

मोदी सरकार के आने के बाद खेलों और खिलाड़ियों पर भरपूर पैसा खर्च किया गया है और इसी का परिणाम है कि 2022 के एशियाई खेलों में भारत को अब तक के सबसे अधिक 106 पदक मिले जिसमें 28 स्वर्ण पदक थे जापान olympics में सबसे ज्यादा 7 पदक जीते 2020 में जिसमे एक गोल्ड मैडल था और 2024 के पेरिस olympics में 6 मैडल थे 

अबकी बार BCCI ने महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को 51 करोड़ रुपए दिए हैं जो सराहनीय है लेकिन मेरे विचार में अभी भी पुरुषों के मुकाबले शायद यह राशि कम है क्योंकि 2024 के T-20 विश्व कप जीतने पर टीम को 125 करोड़ दिया गया था 

लेकिन अबकी विश्व कप जीतने से मिताली राज की बताई गई बातों से तथ्य तो सामने आए जो शायद लोगों को पता नहीं थे

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