एबीवीपी प्रत्याशी अंकिव बसोया अध्यक्ष, शक्ति सिंह उपाध्यक्ष और ज्योति चौधरी |
एबीवीपी के ये थे प्रत्याशी |
इससे कुछ घंटे पहले ‘ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी’ होने पर मतगणना रुक गई थी और संगठनों ने हंगामा किया था। ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के बाद, कांग्रेस से जुड़े संगठन एनएसयूआई ने नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की जबकि आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने मतगणना फिर से शुरू कराने को कहा।
एनएसयूआई के ये प्रत्याशी मैदान में थे |
दिल्ली डूसू चुनावों के लिए सितम्बर 12 को शाम साढ़े सात बजे तक करीब 44.46 प्रतिशत मतदान हुआ।मतदान शांतिपूर्ण रहा. एक अधिकारी ने सितम्बर 12 को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के कॉलेजों में 52 केंद्रों पर मतदान हुआ।
इस बार डूसू चुनाव में जहां एनएसयूआई और एबीवीपी ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति ने वामपंथी छात्र संगठन अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के साथ गठबंधन किया था।
एनएसयूआई ने इन चुनावों में दिल्ली विश्वविद्यालय को ‘उत्कृष्टता संस्थान’ का दर्जा दिलाने और दस रुपये की थाली का वादा किया था जबकि एबीवीपी ने छात्र संघ का 50 फीसदी बजट महिलाओं और सामाजिक न्याय संबंधित गतिविधियों पर खर्च करने तथा खेलों को बढ़ावा देने और कॉलेज परिसरों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाने का वादा किया था।
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