दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता कैलाश गहलोत की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. सुत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग को छापे के दौरान करीब 100 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामले का पता चला है. छापे के दौरान गहलोत और उनके सहयोगियों की विदेश में भी प्रोपर्टी का पता चला है.
सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली स्थित कैलाश गहलोत के आवास पर आयकर विभाग के छापे में करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ। टैक्स डिपार्टमेंट ने यहां से 35 लाख नकद और लगभग करोड़ों के बेनामी संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए।
इसके अलावा इनकम टैक्स ने उनके यहां से सवा दो करोड़ रुपये से ज्यादा रकम के जेवरात बरामद किए हैं. सूत्र यह भी बता रहे हैं कि गहलोत ने शैल कंपनियों के जरिए भी पैसा और प्रापर्टी खरीदी हैं, क्योंकि उसे एक ड्राइवर के नाम भी प्रोपर्टी मिली है. लिहाजा, अब सूत्र बता रहे हैं कि आयकर विभाग की इस जांच के बाद ईडी और सीबीआई भी उनके खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है.
विभाग के अधिकारियों ने अक्टूबर 10 को बताया था कि दिल्ली के परिवहन मंत्री गहलोत से जुड़े कई परिसरों पर कथित कर चोरी मामले की जांच के सिलसिले में उन्होंने छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी और गुड़गांव में स्थित कम से कम 16 परिसरों पर करीब 60 आयकर अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की टीम छापेमारी की कार्रवाई की.
छापेमारी करने वाले दलों ने वसंत कुंज और डिफेंस कॉलोनी जैसे इलाकों में स्थित परिसरों में कार्रवाई की. इनके अलावा पश्चिम विहार, नजफगढ़, लक्ष्मी नगर तथा गुड़गांव के पालम विहार इलाकों में भी दफ्तरों और आवासों पर छापेमारी की गई.
यह कार्रवाई ब्रिस्क इंफ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपर्स प्रा.लि. और कॉर्पोरेट इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेस नाम की दो फर्मों के खिलाफ कर चोरी मामले की जांच के सिलसिले में की गई. इन फर्मों के मालिक गहलोत के परिजन हैं, वे ही इनका संचालन भी करते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि कई लेनदेन के चलते और लाभ को कथित तौर पर कम करके बताने के कारण विभाग ने दोनों प्रतिष्ठानों के प्रमोटरों के खिलाफ कर चोरी की जांच शुरू की. पहली कंपनी रीयल एस्टेट क्षेत्र की है जबकि दूसरी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है. नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक गहलोत दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में परिवहन, कानून और राजस्व मंत्री हैं.
सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली स्थित कैलाश गहलोत के आवास पर आयकर विभाग के छापे में करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ। टैक्स डिपार्टमेंट ने यहां से 35 लाख नकद और लगभग करोड़ों के बेनामी संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए।
इसके अलावा इनकम टैक्स ने उनके यहां से सवा दो करोड़ रुपये से ज्यादा रकम के जेवरात बरामद किए हैं. सूत्र यह भी बता रहे हैं कि गहलोत ने शैल कंपनियों के जरिए भी पैसा और प्रापर्टी खरीदी हैं, क्योंकि उसे एक ड्राइवर के नाम भी प्रोपर्टी मिली है. लिहाजा, अब सूत्र बता रहे हैं कि आयकर विभाग की इस जांच के बाद ईडी और सीबीआई भी उनके खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है.
विभाग के अधिकारियों ने अक्टूबर 10 को बताया था कि दिल्ली के परिवहन मंत्री गहलोत से जुड़े कई परिसरों पर कथित कर चोरी मामले की जांच के सिलसिले में उन्होंने छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी और गुड़गांव में स्थित कम से कम 16 परिसरों पर करीब 60 आयकर अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की टीम छापेमारी की कार्रवाई की.
छापेमारी करने वाले दलों ने वसंत कुंज और डिफेंस कॉलोनी जैसे इलाकों में स्थित परिसरों में कार्रवाई की. इनके अलावा पश्चिम विहार, नजफगढ़, लक्ष्मी नगर तथा गुड़गांव के पालम विहार इलाकों में भी दफ्तरों और आवासों पर छापेमारी की गई.
यह कार्रवाई ब्रिस्क इंफ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपर्स प्रा.लि. और कॉर्पोरेट इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेस नाम की दो फर्मों के खिलाफ कर चोरी मामले की जांच के सिलसिले में की गई. इन फर्मों के मालिक गहलोत के परिजन हैं, वे ही इनका संचालन भी करते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि कई लेनदेन के चलते और लाभ को कथित तौर पर कम करके बताने के कारण विभाग ने दोनों प्रतिष्ठानों के प्रमोटरों के खिलाफ कर चोरी की जांच शुरू की. पहली कंपनी रीयल एस्टेट क्षेत्र की है जबकि दूसरी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है. नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक गहलोत दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में परिवहन, कानून और राजस्व मंत्री हैं.
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