आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर विवाद पर सुनवाई शुरू होने से कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने विवादित बयान दिया है। शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि 'अच्छे हिन्दू अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं चाहते।' शशि थरूर के इस बयान पर नए सिरे राजनीतिक विवाद शुरू हो सकता है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने थरूर के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि थरूर का यह बयान कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचाएगा।थरूर ने कहा है, 'कोई भी अच्छा हिन्दू किसी दूसरे के पूजास्थल को गिराकर और बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर का निर्माण नहीं चाहता है।' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट 29 अक्टूबर से राम मंदिर विवाद पर सुनवाई शुरू करने जा रहा है।
वहीं शशि थरूर ने इस विवादित बात कहने के साथ ही भाजपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का भी आरोप लगाया। वह कहते हैं कि, हिंदी भाषी तीन राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने सॉफ्ट हिंदुत्व से आगे जाकर धार्मिक कार्ड खेला है। मध्य प्रदेश में उसने ‘राम वन गमन पथ’ का निर्माण और प्रत्येक पंचायतों में गोशाला का निर्माण कराने का वादा किया है। ऐसे में अब थरूर के इस विवादित बयान से काफी हलचल मचने वाली है और कांग्रेस को भी थरूर के इस बयान से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
लगता है थरूर ने मंत्री होते हुए भी कभी भारत देश का वास्तविक इतिहास पढ़ने का प्रयास नहीं किया। थरूर तो क्या किसी भी कोंग्रेसी ने नहीं किया होगा। अगर किया होता, कोर्ट में रामसेतु और पुरुषोत्तम राम को काल्पनिक नहीं कहते। कोर्ट से खुदाई में मिले राम मन्दिर के अवशेषों को नहीं छुपवाते। थरूर जी कुछ तो शर्म कर लो।
दरअसल कांग्रेस गुड़ तो खाती है, लेकिन गुलगुलों से परहेज़ भी करती है। अब कोई कांग्रेस से पूछे : राममन्दिर के ताले किसने खुलवाए, तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी ने। शिलान्यास किसने करवाया, तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी ने। राजीव भाजपा, शिव सेना, आरएसएस या हिन्दू महासभा से नहीं थे, बल्कि कांग्रेस से थे। फिर किस आधार पर राजीव गाँधी ने किसी की जगह पर शिलान्यास करने की कोर्ट से आज्ञा दिलवाई? यानि कांग्रेस अयोध्या में राममन्दिर बनवाना तो चाहती है, परन्तु अपने वोट-बैंक अर्थात मुस्लिम वोट नहीं खोना चाहती। मुझ जैसे वरिष्ठ पत्रकार इस सच्चाई से पूर्णरूप से परिचित होंगे कि किन परिस्थितियों में राजीव ने इन कामों को अन्जाम दिया था। वह था सुप्रीम कोर्ट का शाहबानो के पक्ष में निर्णय।संसद से सुप्रीम कोर्ट निर्णय को बदले जाने पर कांग्रेस से हिन्दू वोटर नाराज़ न हो जाए, इसलिए ताला खुलवाया गया। दूसरे अर्थों में यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस में हिन्दू "मुँह में राम बगल में छुरी" कहावत को चरितार्थ कर रही है।
अवलोकन करें:--
कांग्रेस अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को जनेऊधारी हिन्दू और शिवभक्त बता चुकी है। ऐसे में थरूर का मंदिर विरोधी बयान कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से असहज स्थिति पैदा कर सकता है। थरूर का यह सामने आने के बाद भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने निशाना साधने में देरी नहीं की। उन्होंने कहा कि थरूर के इस बयान से कांग्रेस पार्ट को भारी नुक्सान होगा। कांग्रेस थरूर के इस बयान से दूरी बना लेगी।
Who is he (Shashi Tharoor) to decide?, asks @Swamy39, BJP MP on his comment on Ram Mandir
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