आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
प्रदेश की राजधानी में कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के रोड शो के लिए हवाई अड्डे से कांग्रेस कार्यालय तक के करीब 12 किलोमीटर मार्ग को होर्डिंगों, पोस्टरों और बैनरों से पाट दिया गया। इन होर्डिंग-बैनरों में प्रियंका को दुर्गा के रूप में दिखाया गया है।
होर्डिंगों और बैनरों पर लिखा है, ‘मां दुर्गा का रूप बहन प्रियंका जी का लखनऊ आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।’ इसके आगे की लाइन है, ‘दहन करो झूठे मक्कारों की लंका, बहन प्रियंका, बहन प्रियंका...'।
उत्तर प्रदेश जिसे हिन्दुओं में आस्था का प्रदेश कहा जाता है, उस प्रदेश में किसी नेता को किसी देवी-देवता के समान्तर प्रस्तुत करना,क्या उस देवी अथवा देवता का अपमान नहीं? आखिर कब तक कांग्रेस हिन्दू धर्म को अपमानित करती रहेगी? माना किसी भी देवी-देवता पर किसी पार्टी का एकाधिकार नहीं, लेकिन जिनके दादा पारसी मुस्लिम हों, उनका कभी दत्तात्रेय गोत्र बताना, तो कभी जनेऊधारी हिन्दू बनना,आखिर ये पाखण्ड कर कब तक जनता को भ्रमित किया जाता रहेगा आखिर कब तक इन पाखंडों से भ्रमित होती रहेंगी? राहुल गाँधी नहीं मालूम कि जब संसद में उनके दादा फिरोज बोलने के लिए खड़े होते ही, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पसीने बहने लगते थे। वह अपने जीवनकाल में "व्हीसिल ब्लोअर" के नाम से चर्चित थे और आज भी हैं। इतिहास साक्षी है। भ्रष्टाचार होने पर अपने ससुर जवाहरलाल तक से सवालों-जवाब करने से नहीं चूकते थे। परन्तु आज उन्ही की बहु(सोनिया गाँधी), पौत्र राहुल और पौत्र-दामाद भ्रष्टाचार के आरोपों में जमानत पर हैं। बेटे राजीव पर भी भ्रष्टाचार के आरोप थे। यानि जिस व्यक्ति ने अपने सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ी हो, आज उसी भ्रष्टाचार विरोधी का परिवार उसी अपराध पर जमानत पर बाहर सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्षरत हैं।
लाल बाग हजरतगंज के नावेल्टी चौराहे को चारों तरफ से होर्डिंग और पोस्टरों से पाट दिया गया है। कुछ ऐसा ही नजारा हुसैनगंज चौराहे, चारबाग रेलवे स्टेशन, जीपीओ चौराहे, बर्लिंगटन चौराहे तथा आलमबाग चौराहे का भी है । इन सभी स्थानों पर पानी, चाय और पूड़ी सब्जी के स्टाल भी कार्यकर्ताओं के लिए लगाए गए हैं।
प्रियंका के स्वागत के लिए लखनऊ में माल एवेन्यू स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को फूलों और झंडों से सजाया गया है। कांग्रेस कार्यालय की ओर जाने वाली हर सड़क पूरी तरह से कांग्रेस के पोस्टरों, बैनरों और होर्डिंगों से पटी है।
अवलोकन करें:--
किसी के पास जादू की छड़ी नहीं -- प्रशान्त किशोर
बिहार में सत्ताधारी जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त की गईं प्रियंका गांधी वाड्रा को वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए चुनौती के तौर पर नहीं देखते क्योंकि 'किसी के पास जादू की छड़ी नहीं है' जो चीजों को घुमा दे। किशोर ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए प्रतिद्वंद्वी नहीं बनेंगी, लेकिन राजनीति में उनके आने का भविष्य में प्रभाव होगा।
भाजपा की अगुवाई वाले राजग के घटक दल जदयू के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रशांत से जब पूछा गया कि प्रियंका भविष्य में राजग के लिए कितनी बड़ी चुनौती साबित होंगी, इस पर जदयू नेता ने कहा, ‘एकदम से बहुत कम समय में...दो-तीन महीने में या आगामी लोकसभा चुनाव के नजरिए से मैं उन्हें चुनौती के तौर पर नहीं देखता। मैं ऐसा नहीं कहा रहा हूं कि उनमें क्षमता है या नहीं, लेकिन किसी भी व्यक्ति के लिए तुरंत आकर दो-तीन महीने में परिणामों पर बहुत व्यापक असर डालना संभव नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अगर लंबे समय के नजरिए से आप देखेंगे तो वे एक बड़ा चेहरा और नाम हैं। काम करेंगी और जनता उनके काम को पसंद करेगी तो उसका असर दिख भी सकता है।’यह पूछे जाने पर कि प्रियंका के राजनीति में आने का कांग्रेस को फायदा होगा या नहीं, इस पर प्रशांत ने कहा कि यह आगामी चुनाव (लोकसभा चुनाव) में पता चलेगा। इस बारे में अभी कोई अटकल लगाना उचित नहीं है।
कांग्रेस के पूर्वी उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी महासचिव नियुक्त किए जाने के बाद प्रियंका आज पहली बार उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने लखनऊ में एक भव्य रोड शो किया। जदयू में शामिल होने से पहले चुनावी रणनीतिकार के तौर पर 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रणनीति बनाने में कांग्रेस की मदद कर चुके प्रशांत ने कहा कि उस समय ‘हम लोगों की सोच थी कि अगर प्रियंका गांधी कांग्रेस के युवा प्रकोष्ठ का नेतृत्व करेंगी तो उससे इस दल को फायदा हो सकता है। किसी कारण से इस सुझाव पर अमल नहीं हो सका।’
क्या प्रियंका अपने बड़े भाई राहुल गांधी की प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर सकती हैं, यह पूछे जाने पर प्रशांत ने कहा, ‘निश्चित तौर पर नहीं। राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष हैं, जबकि प्रियंका कई राष्ट्रीय महासचिवों में से एक हैं...लेकिन उनके प्रवेश का लंबे समय में प्रभाव पड़ेगा।’
बिहार में विपक्षी ‘महागठबंधन’, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत ने कहा कोई भी गठबंधन जिसमें पांच या अधिक पार्टियां हैं, वे कागज पर मजबूत दिख सकते हैं। लेकिन इस तरह के गठबंधन के साथ चुनावी कामयाबी हासिल करना बहुत मुश्किल है। लेकिन, अगर महागठबंधन अच्छा प्रदर्शन करता है, तो यह हम सभी के लिए सीखने का अनुभव होगा।
मुंबई की अपनी यात्रा में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान लोकसभा चुनाव के बाद की संभावनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर राजग में स्वीकारोक्ति नहीं मिलने की स्थिति में पूर्व में ‘पीएम मटैरियल’बताए गए बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बनाने को लेकर चर्चा की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत ने स्पष्ट किया, ‘राजग के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पहले से हैं और आगे भी वही रहेंगे। ऐसे में किसी और की उम्मीदवारी का सवाल ही कहां उठता है?’
प्रदेश की राजधानी में कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के रोड शो के लिए हवाई अड्डे से कांग्रेस कार्यालय तक के करीब 12 किलोमीटर मार्ग को होर्डिंगों, पोस्टरों और बैनरों से पाट दिया गया। इन होर्डिंग-बैनरों में प्रियंका को दुर्गा के रूप में दिखाया गया है।
होर्डिंगों और बैनरों पर लिखा है, ‘मां दुर्गा का रूप बहन प्रियंका जी का लखनऊ आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।’ इसके आगे की लाइन है, ‘दहन करो झूठे मक्कारों की लंका, बहन प्रियंका, बहन प्रियंका...'।
उत्तर प्रदेश जिसे हिन्दुओं में आस्था का प्रदेश कहा जाता है, उस प्रदेश में किसी नेता को किसी देवी-देवता के समान्तर प्रस्तुत करना,क्या उस देवी अथवा देवता का अपमान नहीं? आखिर कब तक कांग्रेस हिन्दू धर्म को अपमानित करती रहेगी? माना किसी भी देवी-देवता पर किसी पार्टी का एकाधिकार नहीं, लेकिन जिनके दादा पारसी मुस्लिम हों, उनका कभी दत्तात्रेय गोत्र बताना, तो कभी जनेऊधारी हिन्दू बनना,आखिर ये पाखण्ड कर कब तक जनता को भ्रमित किया जाता रहेगा आखिर कब तक इन पाखंडों से भ्रमित होती रहेंगी? राहुल गाँधी नहीं मालूम कि जब संसद में उनके दादा फिरोज बोलने के लिए खड़े होते ही, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पसीने बहने लगते थे। वह अपने जीवनकाल में "व्हीसिल ब्लोअर" के नाम से चर्चित थे और आज भी हैं। इतिहास साक्षी है। भ्रष्टाचार होने पर अपने ससुर जवाहरलाल तक से सवालों-जवाब करने से नहीं चूकते थे। परन्तु आज उन्ही की बहु(सोनिया गाँधी), पौत्र राहुल और पौत्र-दामाद भ्रष्टाचार के आरोपों में जमानत पर हैं। बेटे राजीव पर भी भ्रष्टाचार के आरोप थे। यानि जिस व्यक्ति ने अपने सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ी हो, आज उसी भ्रष्टाचार विरोधी का परिवार उसी अपराध पर जमानत पर बाहर सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्षरत हैं।

प्रियंका के स्वागत के लिए लखनऊ में माल एवेन्यू स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को फूलों और झंडों से सजाया गया है। कांग्रेस कार्यालय की ओर जाने वाली हर सड़क पूरी तरह से कांग्रेस के पोस्टरों, बैनरों और होर्डिंगों से पटी है।
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बिहार में सत्ताधारी जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त की गईं प्रियंका गांधी वाड्रा को वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए चुनौती के तौर पर नहीं देखते क्योंकि 'किसी के पास जादू की छड़ी नहीं है' जो चीजों को घुमा दे। किशोर ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए प्रतिद्वंद्वी नहीं बनेंगी, लेकिन राजनीति में उनके आने का भविष्य में प्रभाव होगा।
भाजपा की अगुवाई वाले राजग के घटक दल जदयू के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रशांत से जब पूछा गया कि प्रियंका भविष्य में राजग के लिए कितनी बड़ी चुनौती साबित होंगी, इस पर जदयू नेता ने कहा, ‘एकदम से बहुत कम समय में...दो-तीन महीने में या आगामी लोकसभा चुनाव के नजरिए से मैं उन्हें चुनौती के तौर पर नहीं देखता। मैं ऐसा नहीं कहा रहा हूं कि उनमें क्षमता है या नहीं, लेकिन किसी भी व्यक्ति के लिए तुरंत आकर दो-तीन महीने में परिणामों पर बहुत व्यापक असर डालना संभव नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अगर लंबे समय के नजरिए से आप देखेंगे तो वे एक बड़ा चेहरा और नाम हैं। काम करेंगी और जनता उनके काम को पसंद करेगी तो उसका असर दिख भी सकता है।’यह पूछे जाने पर कि प्रियंका के राजनीति में आने का कांग्रेस को फायदा होगा या नहीं, इस पर प्रशांत ने कहा कि यह आगामी चुनाव (लोकसभा चुनाव) में पता चलेगा। इस बारे में अभी कोई अटकल लगाना उचित नहीं है।
कांग्रेस के पूर्वी उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी महासचिव नियुक्त किए जाने के बाद प्रियंका आज पहली बार उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने लखनऊ में एक भव्य रोड शो किया। जदयू में शामिल होने से पहले चुनावी रणनीतिकार के तौर पर 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रणनीति बनाने में कांग्रेस की मदद कर चुके प्रशांत ने कहा कि उस समय ‘हम लोगों की सोच थी कि अगर प्रियंका गांधी कांग्रेस के युवा प्रकोष्ठ का नेतृत्व करेंगी तो उससे इस दल को फायदा हो सकता है। किसी कारण से इस सुझाव पर अमल नहीं हो सका।’
क्या प्रियंका अपने बड़े भाई राहुल गांधी की प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर सकती हैं, यह पूछे जाने पर प्रशांत ने कहा, ‘निश्चित तौर पर नहीं। राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष हैं, जबकि प्रियंका कई राष्ट्रीय महासचिवों में से एक हैं...लेकिन उनके प्रवेश का लंबे समय में प्रभाव पड़ेगा।’
बिहार में विपक्षी ‘महागठबंधन’, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत ने कहा कोई भी गठबंधन जिसमें पांच या अधिक पार्टियां हैं, वे कागज पर मजबूत दिख सकते हैं। लेकिन इस तरह के गठबंधन के साथ चुनावी कामयाबी हासिल करना बहुत मुश्किल है। लेकिन, अगर महागठबंधन अच्छा प्रदर्शन करता है, तो यह हम सभी के लिए सीखने का अनुभव होगा।
मुंबई की अपनी यात्रा में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान लोकसभा चुनाव के बाद की संभावनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर राजग में स्वीकारोक्ति नहीं मिलने की स्थिति में पूर्व में ‘पीएम मटैरियल’बताए गए बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बनाने को लेकर चर्चा की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत ने स्पष्ट किया, ‘राजग के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पहले से हैं और आगे भी वही रहेंगे। ऐसे में किसी और की उम्मीदवारी का सवाल ही कहां उठता है?’
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