
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई। पाकिस्तान सरकार की ओर से भारत को हमले तक की धमकी दी गई। वैश्विक मंच पर भारत के इस आंतरिक मसले में दखलअंदाजी करते हुए पाकिस्तान ने इसे गलत साबित करने की कोशिश की, लेकिन उसकी ये कोशिश उस पर ही भारी पड़ती नजर आई। धारा 370 खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को घेरने की कवायद में जुटा, परन्तु सब तरफ से केवल निराशा ही हाथ लगी। लेकिन अब उसने भी मान लिया है कि उसे कहीं से कोई उम्मीद मिलती नहीं दिख रही है। पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी अप्रत्यक्ष रूप से माना कि संयुक्त राष्ट्र में कोई हार लेकर नहीं खड़ा है । इस मसले पर उन्हें खासा संघर्ष करना होगा।
पाकिस्तान ने मानी हार
पाकिस्तानी मंत्री ने लोगों को अकसाने वाला बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तानी और कश्मीरियों को यह जानना चाहिए कि कोई आपके लिए नहीं खड़ा है। हमें मूर्खों के स्वर्ग में नहीं रहना चाहिए। आपको संघर्ष करना होगा। अभी कुछ दिन पूर्व, शाह महमूद कुरैशी ने विपक्षी दलों से कश्मीर पर एक साथ आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूरा पाकिस्तानी राष्ट्र और राजनीतिक नेतृत्व कश्मीर के मुद्दे पर एकजुट है और कश्मीरियों के समर्थन में 14 अगस्त को एक आवाज सुनाई देगी।
दुनियाभर के किसी भी देश से समर्थन नहीं मिलने से बौखलाए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि इस मसले पर जज्बात उभारना बहुत आसान है, मुझे दो मिनट लगेंगे। उन्होंने कहा कि 35-36 साल से सियासत कर रहा हूं,ऐसा करना मेरे लिए बाएं हाथ का काम है। इस मसले पर जज्बात उभारना आसान है और ऐतराज जताना उससे भी आसान है।
Foreign minister Shah Mamood Quereshi is saying no Pakistani or Kashmiri should live in a fool's paradise re Kashmir, UN Security Council is not standing with pholon k haar. pic.twitter.com/TRjf6e3VG1— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) August 12, 2019
पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माकूल समर्थन नहीं मिल पा रहा है। इसलिए, अब उसे कुछ भारतीयों में ही उम्मीद की किरण दिखाई पड़ रही है। पाकिस्तान ने भारत में पल रहे उसके समर्थकों या दूसरे अर्थों में कहा जाये जयचन्द ही भीतरघात लगाकर हमारे मकसद को पूरा करवा सकते हैं। कुछ तो मोदी को हराने के लिए पाकिस्तान आकर मिन्नतें करते थे, क्यों न अब "घर का भेदी लंका ढहाहे" नीति अपनाई जाए। पाकिस्तान के लोगों को लगने लगा है कि भारत की कुछ बड़ी हस्तियां, राजनेता और राजनीतिक पार्टियां उनसे सहानुभूति रखते हैं। ऐसे में वहां यह मांग होने लगी है कि पाकिस्तान को भारत को घेरने के लिए अन्य विकल्पों के अलावा उसके इन भारतीय पैरोकारों का भी समर्थन हासिल करने के लिए पूरजोर कोशिश करनी चाहिए। पाकिस्तान को पक्का यकीन है कि जम्मू-कश्मीर जैसे राष्ट्रीय मसलों पर भी भारत में अपनी ही सरकार और प्रधानमंत्री की टांग खींचने वाले हस्तियों की फेहरिस्त लंबी है।
पाकिस्तान को इनसे है बड़ी उम्मीद
पाकिस्तान कुछ भारतीयों से उम्मीद लगाए बैठा है तो वह बेवजह भी नहीं है। ये सारे के सारे लोग और सारी की सारी पार्टियां पहले दिन से ही ऐसा बयान दे रहे हैं, जिससे पाकिस्तान को ही फायदा मिल रहा है। कांग्रेस पार्टी की स्थिति तो ये हो चुकी है कि इस मुद्दे पर वह लगभग विभाजन के मुहाने पर खड़ी है। लेकिन, फिर भी उसके कुछ नेता कश्मीर के मुद्दे पर ऐसी लाइन ले रहे हैं, जिससे भारत को ही नुकसान हो सकता है। संसद में भी इस मुद्दे पर कांग्रेस, सीपीआई-सीपीएम और टीएमसी जैसी पार्टियां अपना विरोध जता चुकी हैं। सीपीएम महासचिव ने तो जमीनी हालात का जायजा लेने के नाम पर कश्मीर पहुंचने की भी कोशिश की थी। जबकि, उन्हें पूरा इल्म है कि अभी वहां हालात को सामान्य करने में कुछ वक्त लग सकता है। अरुंधति रॉय और सागरिका घोष जैसे पत्रकार तो विवादास्पद मुद्दों पर अलग राय रखने के लिए हमेशा ही सुर्खियों में रही हैं। शायद यही वजह है कि पाकिस्तानियों को भले ही अपनी सरकार के राजनयिक सूझबूझ और अपनी आर्मी की ताकत पर भरोसा नहीं है, लेकिन मुट्ठी भर भारतीयों से ज्यादा उम्मीद है।
जबकि जम्मू-कश्मीर पर भारत के कदम से बौखलाये पाकिस्तान ने अब भारतीय कलाकारों को दिखाने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी संस्था ने भारतीय कलाकारों को दिखाने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक अधिकरण ने 14 अगस्त को एक पत्र जारी करते हुए प्रतिबंध की घोषणा की है। नियामक ने कहा कि डिटॉल सॉप, सर्फ एक्सल पाउडर, पेंटिन शैम्पू, हेड एंड शॉल्डर शैम्पू, लाइफबॉय शैम्पू, फॉग बॉडी स्प्रे, सनसिल्क शैम्पू, नॉर नुडल्स, फेयर एंड लवली फेश वॉश जैसे उत्पादों के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे पूर्व राजनायिक सम्बन्ध, व्यापारिक सम्बन्ध और भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगा चुका है, उसके बावजूद भी पाकिस्तान समर्थक भारतीयों को पाकिस्तान का समर्थन करने में शर्म नहीं आती।
दूसरे यह कि कल तक आतंकवाद से जो पाकिस्तान भारत को डरा कर रखे हुए था, आज मोदी सरकार की आतंकवाद पर कार्यवाही से वही पाकिस्तान डर के साये में रहने को मजबूर हो गया है। जिस देश से सहायता माँग रहा है, वही देश भारत के आंतरिक मामले में हाथ डालने से पाकिस्तान की मदद नहीं कर रहे, और भारत में रह रहे पाकिस्तान समर्थक पाकिस्तान को समर्थन देकर, अपने ही राष्ट्र से खिलवाड़ कर रहे हैं, आखिर ऐसी छिछोरी राजनीती क्या देश का भला करेगी?
लाल किले के प्राचीर से स्वतन्त्रता दिवस पर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में अनुच्छेद 370 के समर्थकों से पूछा कि "यदि अनुच्छेद 370 और 35A हितकारी था, फिर किस आधार पर इसे अस्थायी रखे हुए थे, क्यों नहीं इसे स्थायी किया गया?"
सारे लोग तो नहीं हैं मोदी के साथ- मुशाहिद हुसैन
पाकिस्तान के लोग जिन भारतीयों के आसरे बैठे हुए हैं, ये खुलासा वहां हुए एक टीवी डिबेट से हुआ है। इसमें पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ, पत्रकार और जियो स्ट्रैटजिस्ट मुशाहिद हुसैन ने ये दावा किया कि भारतीय लेखकर अरुंधति रॉय, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममत बनर्जी, सोनिया गांधी की कांग्रेस पार्टी और लेफ्ट पार्टियां कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ सहानुभूति रखते हैं। पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो टीवी पर हुए बहस के दौरान एंकर ने मुशाहिद से पूछा के कश्मीर के लोगों का कथित 'दुर्भाग्य' कैसे खत्म होगा? इसके जवाब में हुसैन बोले, भारत बहुत बड़ा देश है और हर कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थक नहीं है। उन्होंने कहा, "इंडिया बहुत बड़ा मुल्क है। कई हिंदुस्तान के लोग आपके साथ सहानुभूति रखने वाले भी हैं, अरुंधति रॉय है, ममता बनर्जी है, कांग्रेस पार्टी है, कम्यूनिस्ट पार्टी है....लेफ्ट पार्टियां हैं...दलित पार्टियां हैं.....हिंदुस्तान....सारे लोग तो नहीं हैं मोदी के साथ ....."
14 अगस्त को 'कश्मीर एकता दिवस' मनाएगा पाकिस्तानQ. "Kashmir ko Azaadi Kaise Milegi?"— Jammu-Kashmir Now (@JammuKashmirNow) August 11, 2019
Pakistani Politican & Geo-Strategist Mushahid Hussain-
"Kai Hindustan ke log aapke (Pakistan) saath sympathizer bhi hain. Arundhati Roy hai, Mamta Banerji hai, Congress party hai, Communist Party......Saare Modi ke saath nahi hain." pic.twitter.com/O6e3EsZmEC
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अपने स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को 'कश्मीर एकता दिवस' और 15 अगस्त को 'काला दिवस' मनाने का ऐलान किया है। दरअसल, जब से जम्मू-कश्मीर में धारा-370 खत्म किया गया है और राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों का दर्जा दिया गया है, पाकिस्तान आपे से बाहर हो चुका है। वह अपनी अंदरूनी आर्थिक तंगी से जनता का ध्यान हटाने के लिए कश्मीर के नाम पर पूरी दुनिया का ध्यान खींचने की कोशिश में लगा हुआ है। वह अपनी सेना को भी तैयार कर रहा है और आतंकियों की फौज को भी भारत में घुसपैठ कराने की ताक में लगा हुआ है। पाकिस्तान को लग रहा है अगर भारत के कदम से कश्मीर में शांति कायम हो गई तो उसके नेताओं का वह दानापानी ही उठ जाएगा, जिसके नाम पर उनकी रोजी-रोटी टिकी हुई है।

इस बीच इंडियन आर्मी चीफ जनरन बिपिन रावत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है। जनरल रावत ने कहा है कि अगर पाकिस्तान युद्ध भड़काना चाहता है तो फिर उसे हमारी प्रतिक्रिया के लिए भी तैयार रहना होगा। आर्मी चीफ जनरल रावत ने कहा है, 'अगर एलओसी को दुश्मन फिर से सक्रिय करना चाहता है तो यह उसकी मर्जी है। हर कोई सावधानी और सुरक्षा के लिए सेना तैनात करता है और ऐसे में हमें इस बात से चिंतित नहीं होना चाहिए। सेना हमेशा जवाब देने के लिए तैयार है।' सेना प्रमुख जनरल रावत की मानें तो सेना और कश्मीरी नागरिको के बीच होने वाला संवाद बिल्कुल सामान्य है। सेना पहले भी उनसे बिना बंदूक के मिलती थी और उम्मीद है कि आगे भी ऐसा होता रहेगा। सेना प्रमुख के शब्दों में, '70 और 80 के दशक में सेना और कश्मीर के लोगों के बीच जैसा भाई-चारा रहता था, सेना फिर से उसी तरह का रिश्ता कश्मीर के लोगों के साथ बनाना चाहती है।' इससे पहले चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने भी पाक को चेतावनी दी है। उन्होंने आगाह किया है कि अगर घाटी में कोई भी शांति भंग करने के लिए आएगा तो हम उसे खत्म कर देंगे। इस बीच पाकिस्तान के नापाक मंशा को नाकाम करने के लिए इंडियन नेवी की तरफ से वॉरशिप्स को भी हाई अलर्ट पर रख दिया गया है। पाकिस्तान से सटे 754 किलोमीटर की तटीय सीमा पर संभावित हमले के मद्देनजर नेवी चौकन्नी है।
अवलोकन करें:-
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