कमलेश तिवारी हत्याकांड: कामरान के बाद अब सौदागरन मोहल्ला आया रडार पर, दाउद कनेक्शन भी आ रहा सामने


आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जिस प्रकार कमलेश की हत्या के प्रकाश में आते नए-नए तार पैगेम्बर के विरुद्ध बयान नहीं कुछ और नहीं किसी षड़यंत्र के मातहत खेल खेला जा रहा है। जिस ओर केन्द्र और सभी राज्य सरकारों को वोट बैंक की तुच्छ राजनीति को त्याग देशहित में बहुत ही सतर्कता और गहन जाँच करनी चाहिए। इस बात की भी गहन जाँच होनी चाहिए कि अपने आपको मजलूम और गरीब बताने वाली कौम के पास फतवों के लिए कहाँ से इतना धन आता है? देशहित में सरकार को देश का सौहार्द बिगाड़ने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए, चाहे वह किसी भी जाति, पार्टी अथवा सम्प्रदाय से हो। 
कमलेश के विरुद्ध बोलने वाले
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वोट के भूखे नेता आतंकवाद के विरुद्ध होती किसी सख्त कार्यवाही पर सरकार से सबूत मांगने वालों को अमेरिका से शिक्षा लेनी चाहिए, अमेरिकी फौज ने आईएसआईएस (ISIS) के सरगना बगदादी को मारे जाने पर किसी ने कोई सबूत नहीं माँगा। ये सबूत मांग वाले देश का सौहार्द बिगाड़ने वालों को राजनीतिक संरक्षण देते हैं। वोट के भूखे नेताओं का वोट बैंक हिन्दू देवी-देवताओं के विरुद्ध क्या भद्र टिप्पणी नहीं की, किसी हिन्दू ने सर कलम करने का फतवा नहीं दिया। प्रदर्शन और धरना आदि से विरोध किया, लेकिन खून-खराबे का फतवा नहीं दिया।  
कमलेश तिवारी हत्याकांड में हत्यारोपियों की मदद करने वालों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि आए दिन पुलिस किसी न किसी को गिरफ्तार कर रही है। इस कड़ी में अभी हाल में पुलिस ने पेशे से वकील नावेद और उसके 3 साथियों को गिरफ्तार किया। लेकिन अब खबर है कि एटीएस, एसटीएफ समेत तमाम जाँच एजेंसियों की नजर सौदागरन नाम के मोहल्ले पर है। मीडिया खबर के अनुसार यहाँ कादरी होटल से लेकर कई संगठन सक्रिय है, जिनपर कार्रवाई करने के लिए पुलिस उनके नाम और नंबर की लिस्ट जुटा रही है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों नावेद की गिरफ्तारी के बाद मौलाना सैयद कैफी अली को भी एटीएस गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा अशफाक का फोन ट्रेन में रखकर पुलिस को भ्रमित करने वाले कामरान को भी जाँच में जुटी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी तरह के तमाम खुलासे होने के बाद अब जाँच टीमों ने सौदागरान मोहल्ले की हर गतिविधि पर अपनी नजर टिकाई हुई है।
जानकारी के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने ऐसे तमाम संगठन और मशहूर लोगों के नाम की सूची बनाकर उनके नंबर जुटाने शुरू कर दिए हैं, जिनसे मामले के संबंध में पूछताछ होनी है। कहा जा रहा है पुलिस इन लोगों से पूछताछ में उन नामों के बारे में पूछेगी, जिन्होंने बरेली में हत्यारों की हर मुमकिन मदद की।
कमलेश तिवारी हत्याकांड हालिया जाँच के दौरान पूरा नया मोड़ लेता नजर आ रहा है। दरअसल, जाँच एजेंसियों की रडार पर इस मोहल्ले के अलावा एक नया कोड वर्ड भी आया है, जिसे अभी तक ‘दाउद इब्राहिब’ की डी कंपनी से जुड़ा हुआ माना जा रहा है। न्यूज 18 की खबर के अनुसार हत्याकांड की जाँच में जुटी टीम इस संबंध में जल्द ही नया खुलासा कर सकती है।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जाँच एजेंसियों ने अपनी जाँच में कुछ फोन कॉल ट्रेस किया है। जिसमें प्रमोद नाम का खुलासा हुआ। जिसके बाद बताया गया कि प्रमोद नाम का शख्स हकीकत में मुस्लिम समुदाय का है, जो देश से बाहर है और जाँच एजेंसियों से बचने के लिए हिंदू नाम का इस्तेमाल कर रहा है। प्रमोद के मिडिल ईस्ट कंट्री में होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं जाँच एजेंसियों का दावा है कि वो जल्द ही प्रमोद नाम के कोड को डिकोड कर लेंगे और इस शख्स का असली नाम का पता लगा लेंगे।   

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