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अनीला एहसान (बाएँ) पर लगा ईशनिंदा का आरोप |
ज्ञात हो, लगभग 10 वर्ष पूर्व डेनमार्क में पैगम्बर मोहम्मद पर एक विवादित कार्टून प्रकाशित करने पर भारत में कट्टरपंथियों ने कितना उपद्रव किया था, लेकिन आज इनके पाकिस्तान में पैगम्बर मोहम्मद द्वारा 19 निकाह किये जाने पर ऐतराज़ किये जाने भारत में कट्टरपंथी चुप्पी साधे हुए हैं, क्यों? यहाँ केवल CAA पर मुसलमानों को भड़का कर अपनी रोटियां सेकी जा रही हैं, लेकिन ईशनिंदा पर किसी में पाकिस्तान के विरुद्ध आवाज़ नहीं उठाई जा रही, यह कौन-सी सियासत है? जबकि पाकिस्तान में इसका घोर विरोध हो रहा है, लेकिन भारत में इस गंभीर मुद्दे पर ख़ामोशी छाई हुई है। इस पर कट्टरपंथियों का, संभव है, एक ही जवाब होगा, यह पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है, हमें क्या मतलब? फिर डेनमार्क में प्रकाशित विवादित कार्टून को भारत के कितने मुसलमानों ने देखा था, उसके बावजूद भारत को जंगे-मैदान बना दिया गया था। संभव है, कट्टरपंथियों को डर है कि कहीं उन पर पाकिस्तान समर्थक समझ कार्यवाही न हो जाये।
इतना ही पडोसी चीन में मुसलमानों पर जरुरत से ज्यादा पाबंदियां लगने के अलावा अपने हिसाब से कुरान लिखे जाने की कवायद हो रही है, फिर भी किसी में चीनी राजदूत कार्यालय पर धरना अथवा प्रदर्शन करने का साहस नहीं। और न ही चीनी उत्पादनों का बहिष्कार करने का साहस। कोई फतवा नहीं आ रहा, क्यों? अब भारत में किये जा रहे विरोधों को क्या नाम दिया जाए? क्या पाकिस्तान और चीन के विरुद्ध प्रदर्शन अथवा धरना देने के लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं मिल रही?
पाकिस्तान की अनीला एहसान ने पैगंबर मुहम्मद पर सवाल उठाकर वहाँ के कट्टरपंथियों को बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया। अब उन्हें इस्लामिक क़ानून के अनुसार, मज़हब के ख़िलाफ़ ‘ईशनिंदा’ के आरोप का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, पाकिस्तानी यूज़र्स ट्विटर पर उनकी गिरफ़्तारी और फाँसी की माँग करते हुए हैशटैग ट्रेंड करा रहे हैं।
अनीला ने ट्वीट के ज़रिए पैगंबर मुहम्मद की शादी से संबंधित सवाल उठाया और पूछा था कि उन्होंने (पैगंबर) खदीजा के अलावा 18 महिलाओं से निक़ाह क्यों किया था? इसी सवाल के जवाब में, पाकिस्तानियों ने अपने ट्वीट में अपने प्रधानमंत्री इमरान खान को टैग करते हुए अनीला को सार्वजनिक तौर पर फाँसी देने की माँग की।
हालाँकि, कुछ लोग चाहते हैं कि उन्हें ट्रायल के बाद मौत के घाट उतारा जाए। किसी भी इस्लामिक राज्य में ईशनिंदा की सज़ा मौत होती है। साथ ही नबी के अपमान को निन्दा के सबसे ख़राब रूपों में से एक माना जाता है।
कुछ लोग कह रहे हैं कि अनीला अपने ट्वीट्स के कारण ‘इस्लाम-विरोधी और चरमपंथी’ प्रतीत हो रही हैं। वे चाहते हैं कि अधिकारी इस बात की जाँच करें कि वह इस तरह के चरमपंथी एजेंडे पर काम क्यों कर रही हैं?
آقا کریم پچیس سال مجرد اس لئے رہا کہ ایک بھوکے ننگے مرگی کے بدشکل مریض کو کوئی لڑکی نہیں دیتا تھا. خدیجہ بیوہ تھی اور اپنی عیاشیوں پر پردہ ڈالنے کیلئے محمد سے شادی کا ڈھونگ رچایا مگر اسے ہمیشہ تجارت کیلئے ملک شام دوڑائے رکھتی. حضور کی ساری کی ساری "اولاد" خدیجہ سے ہی کیوں ہے؟ https://t.co/WP7CJRIiuU— Aneela Ehsan (@AneelaEhsan) December 27, 2019
#ArrestAneela— Usama Tahir (@usamatahir717) December 29, 2019
I lost my words after reading her tweets. @pid_gov @PTAofficialpk @SHABAZGIL @OfficialDGISPR @UsmanAKBuzdar @ImranKhanPTI
Sir, arrest her and hang her in D-Chowk to make an example for others even thinking about blasphemy. We love Muhammad PBUH & we r hurt. pic.twitter.com/Ox8sTvQWU6
We request @PakPMO @ImranKhanPTI to detail concerned authorities so as to arrest a blasphemer @AneelaEhsan, and put her up for trial.— 🇵🇰 Sohail Ejaz Mirza 🇧🇭 (@S_E_Mirza) December 28, 2019
Her twitter timeline is loaded with blasphemous content against Islam and our Prophet Mohammadﷺ#ArrestAneela#محبت_مافیا pic.twitter.com/pwlkRjShqg
The user @AneelaEhsan seems to be an anti islamist and extremist. In common interest it is suggested to arrest her and investigate why she is working on such extremist agenda.#ArrestAneela pic.twitter.com/F25IqSDmQg— Prof Muhammad Naeem Shehzad (@MNaeemShehzad) December 28, 2019
After reading few of her tweets, I couldn't read more. The tweets tweeted from the account @AneelaEhsan are insulting & is open blasphemy. FIA cybercrime cell should immediately launch inquiry and arrest the person who is spreading hate!#ArrestAneela— Mohammad Bakhsh khan (@MBkhaNodho) December 28, 2019
अन्य लोगों ने अनीला पर “नफ़रत फैलाने” का आरोप लगाया और कहा कि वे अलीना के कुछ ही ट्वीट्स पढ़ सके उससे अधिक वो नहीं पढ़ सकते थे क्योंकि उन ट्वीट्स में “खुले तौर पर ईशनिन्दा” की गई है।
पाकिस्तान में ईशनिन्दा के लिए एक बड़ी सज़ा है, यहाँ तक कि इसके लिए फाँसी की सज़ा भी हो सकती है। इतना ही नहीं जो लोग ईशनिंदा करने वालों का समर्थन करते देखे जाते हैं, उनके जीवन पर भी ख़तरा मँडराने लगता है। पाकिस्तान में ईशनिंदा क़ानूनों से छुटकारा पाना असंभव है और अधिकारी ईशनिंदा को बहुत गंभीरता से लेते हैं क्योंकि ऐसा करने में विफल होने से क़ानून-व्यवस्था पर संकट आ सकता है। यदि अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो मौलाना वर्ग एक उन्मादी भीड़ को इकट्ठा कर उत्पात मचाएगा। इस तरह की उन्मादी भीड़ सैन्य पकड़ को अस्थिर करने की पूरी क्षमता रखती है।
पाकिस्तान में ईशनिंदा क़ानूनों को खत्म करने के पैरवी करने वाले सलमान तासीर की हत्या की गई थी। इतना ही नहीं हत्यारे को पाकिस्तानी समाज ने नायक के रूप में सम्मानित भी किया था।
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