राहुल गाँधी आपके दादा गांधी नही फिरोज खान हैं; आप मुस्लिम/कैथोलिक डीएनए का एक संयोजन मात्र हैं : श्रीकृष्ण कुलकर्णी , महात्मा गाँधी प्रपौत्र

आखिर कब तक कांग्रेस महात्मा गाँधी और नाथूराम गोडसे के नाम से जनता को पागल बनाती रहेगी? कब तक इन दोनों के नाम से जनता को पागल बनाकर सियासत की जाती  रहेगी? कांग्रेस और गोडसे विरोधियों राष्ट्र को बताओ :-

1. अगर गोडसे ने गलत मारा था क्यों गोडसे के 150 बयानों को सार्वजनिक होने पर पाबन्दी लगवायी थी?

2. गोडसे के गोली मारने के बाद 40 मिनट तक गाँधी जी जीवित थे, क्यों नहीं उन्हें डॉ राममनोहर लोहिया तत्कालीन विलिंग्डन हॉस्पिटल ले जाया गया? जबकि घटना स्थल से हॉस्पिटल का मुश्किल से 10 मिनट का रास्ता है। क्या ये किसी साज़िश को इंगित नहीं करता? इसका पर्दाफाश होना बहुत जरुरी है। 

3. क्या तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व गाँधी को जीवित नहीं देखना चाहता था? 

4. अगर गाँधी का मारा जाना गलत था, घर-घर नाथूराम गोडसे के बयानों का वितरण कर निर्णय जनता पर छोड़ दो। जस्टिस खोसला ने गोडसे को माइक से बयानों की इजाजत देकर विश्व रिकॉर्ड बनवा दिया, जिसे आज तक कोई नहीं तोड़ पाया कि किसी अपराधी को माइक से बयान पढ़ने की किसी कोर्ट ने इजाजत दी हो। आदि आदि प्रश्न बहुत हैं, जिनका राष्ट्र जवाब मांगता है। 

उगता भारत  द्वारा प्रकाशित महात्मा गाँधी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी के पत्र को प्रकाशित कर एक बहुत बड़े मिथ्या को दूर करने का सफल किया है। फिर भी परिवार के अंधभक्त आंखे बंद रखे उसका इलाज नहीं। कुलकर्णी ने बहुत ही स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि तुम हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम/कैथोलिक डीएनए का एक संयोजन हो।  

कांग्रेस द्वारा गांधी के प्रपौत्र को लिखे गये एक पत्र में कहा गया था कि RSS ने ही गांधी की हत्या की थी, ताकि वे भाजपा के विरुद्ध कांग्रेस का साथ देने आ जायें। इसके जवाब में गांधीजी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने राहुल गांधी को ये खुला पत्र लिखा, जो उन्होंने पब्लिक डोमेन में भी प्रसारित किया था।

प्रिय राहुल गांधी!

"गांधीजी मेरे परदादा थे। उनकी हत्या श्री नाथूराम गोडसे ने की थी। कई जांचों और आयोगों ने इस मामले पर शोध किया है और किसी ने भी आरएसएस को नहीं फंसाया है। मेरे दादा स्व. रामदास गांधी ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल को श्री गोडसे को मृत्युदंड से मुक्त करने के लिए लिखा था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1969 में जब रामदास गांधी मुंबई में शरीर त्याग कर रहे थे, तब श्री नाथूराम गोडसे के छोटे भाई श्री गोपाल गोडसे ने उनसे मुलाकात की थी। यह मुद्दा पूरी तरह से अतीत का है और मेरा परिवार उससे आगे बढ़ चुका है। आपके लोगों को मेरा विनम्र सुझाव है कि जो कांग्रेस और आपकी भलाई चाहते हैं, वो आगे बढ़ें और गांधी के नाम और इस मुद्दे को अपने स्वार्थ के लिए दुहना बंद कर दें। आप सभी विभिन्न आयोगों के निर्णयों को स्वीकार करने की उदारता दिखायें। यह कहते रहना कि आरएसएस ने गांधी को मारा, यह कहने के समान है कि सिखों ने आपकी दादी को मार डाला, जबकि यह झूठ है, क्योंकि इसमें सारे सिख शामिल नहीं हैं।"

"आप गांधी परिवार से नहीं हैं। आपने भारत में गांधी के नाम का उपयोग करके बहुत से लोगों को बहुत लंबे समय तक बेवकूफ बनाया है। एक अवसरवादी की तरह गांधी के नाम का प्रयोग करना अब बन्द कर दें।"

"आपके दादा गांधी नही फिरोज खान हैं। वे जूनागढ़ के गुजराती पठान 'नवाब खान' के पुत्र थे। नवाब खान की पत्नी एक पारसी थीं, जिन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था। आपकी दादी इंदिरा भी मुस्लिम थीं, क्योंकि फिरोज खान से शादी करने के लिए उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था। आप मुस्लिम और ईसाई के मिश्रण हैं। आपमें न तो कुछ राहुल ही है न ही गांधी ही। आप कहीं से भी हिंदू होने के करीब नहीं हैं। बल्कि आप मुस्लिम/कैथोलिक डीएनए का एक संयोजन मात्र हैं।"

"मैं इसे इसलिए सार्वजनिक कर रहा हूं ताकि गांधी परिवार के किसी भी व्यक्ति को आप अब झांसा न दे सकें"।

श्री श्रीकृष्ण कुलकर्णी                                                                                                                                                             (साभार : उगता भारत)

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