सुप्रीम कोर्ट में एक “काल्पनिक केस”, मीलार्ड मोदी को रोको, पागल कर दिया हम सबको उसने, हमें “बाबरी मस्जिद” दे दो

सुभाष चन्द्र 

रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवाने वकील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध फिर कोर्ट पहुँच गए। लेकिन इस बार  सुप्रीम कोर्ट खचाखच वकीलों से भरा हुआ था आज जब करीब 50 वकील एकसाथ खड़े हो गए चीखते हुए। मीलार्ड हमें बचा लो, मोदी से बचा लो, उसे रोको, उसने हम सबको पागल कर दिया है, राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को रोक दो जनाब, चुनाव के बाद होना चाहिए जो कुछ होना है, हम कहीं के नहीं रहेंगे, अपना फैसला बदल दो जनाब, हमें हमारी “बाबरी मस्जिद” वापस दे दो अगर मस्जिद वापस नहीं मिली तो मीलॉर्ड हम भूखे मर जाएंगे। हमारी दुकानें बंद हो जाएँगी। हमारे परिवारों और ऐशोआराम पर रहम करिये। रहम करिये महाराज, रहम करिये महाराज। 

जज साहब भड़क गए, मोदी को हम कैसे रोक सकते हैं, वो क्या कोई illegal काम कर रहा है, उसने जो किया हमारे आदेश के बाद किया। और तुम लोग पागल हो रहे हो तो उसमे हम क्या करें, यहां क्यों आये हो, पागलखाने जाइए

जनाब उन्होंने हमारे “बाबर” की बनाई मस्जिद तोड़ी जिस पर मंदिर बनाया है उन्होंने, हमें हमारे “बाबर” की मस्जिद लौटा दो

अच्छा, तो वो तुम्हारा “बाबर” था जिसने रामजन्मभूमि मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाई थी और मंदिर वापस पाने के लिए हिन्दू 500 साल से लड़ाई लड़ रहे थे तो एक बात बताइए, आपका “बाबर” से क्या रिश्ता है, कहां से आया था और क्यों आया था हिन्दुस्थान

जनाब वो तो अफगानिस्तान का था, हिन्दुस्थान को लूटने की मंशा से आया था लेकिन मुसलमानों के लिए उसने जो मस्जिद बनाई थी, हम तो वो मांग रहे हैं, मंदिर तो हिन्दू कहीं भी बना सकते हैं लेकिन जब कोई मस्जिद शहीद होती है तो दुनिया भर कर मुसलमान दुखी होता है

यानी एक लुटेरे से तुम्हे इतनी मोहब्बत है उसने क्या हिन्दुस्थान में “मोहब्बत की दुकान” खोली थी और अगर मंदिर कहीं भी बन सकता है तो मस्जिद भी कहीं और बना सकते हो, हमने तुम्हे उसकी भी इज़ाज़त दी थी जो न भी देते तो कुछ गलत नहीं होता

अब आगे जज साहब और तैश में आ गए, तुम कहते हो मस्जिद टूटने से दुनियाभर के मुसलमान दुखी होते हैं तो भैय्या ये बताओ, चीन ने 1500 मस्जिद ख़ाक में मिला दी और इज़रायल ने गाज़ा में 200 मस्जिद तोड़ दी, कभी कोई उनके लिए बोलता है और क्या तुम कभी उन मस्जिदों के लिए लड़ने चीन या गाज़ा जाओगे? बोलो बोलो, जवाब दो हमें समझ नहीं आता जब “बाबर” से ऐसी मोहब्बत है तो आप लोग भारत में क्या कर रहे हैं, किस अधिकार से रहते हो?

हमने तो सुना है जहां इस्लाम शुरू हुआ, उस सऊदी अरब सरकार ने तो पैगम्बर साहब और उनके रिश्तेदारों की भी कब्र उखाड़ दी सड़कें बनाने के लिए, कई मस्जिदें भी गिरा दी, कभी कोई बोला क्या ?

एक बात सोच कर बता दो कि यदि किसी इस्लामिक देश में ऐसे मस्जिद का मामला होता जैसा भारत में राम मंदिर का था, तब क्या मुसलमान 500 साल प्रतीक्षा करते जबकि वो तो दूसरे धर्म के मंदिरों को विदेशों में तो ध्वस्त करते ही रहे हैं अपने मुल्कों में भी करते रहे हैं बामियान के बुद्ध के मंदिर याद होंगे?

लेखक 

सारे वकील खामोश सन्नाटे में आ गए!

आगे जनाब ने कहा, तुम तो पहले भी आए थे कि मुक़दमे की सुनवाई 2019 चुनाव के बाद कीजिए, अब कह रहे हो 2024 चुनाव तक सब कुछ रोक दो हम क्या किसी के बाप के नौकर हैं? 

हमें पता चला है एक पार्टी जिसने हमारे सामने हलफनामा दाखिल करके भगवान राम को काल्पनिक कहा था, उसके 3 नेता खुद अफगानिस्तान में “बाबर” की कब्र पर जा चुके हैं फूल चढ़ाने जबकि अपने रिश्तेदार की कब्र पर इलाहबाद नहीं जाते

एक वकील बोला, जनाब सुना तो हमने भी है कि उनके एक नेता ने “बाबर” की कब्र पर कहा था कि हम आपके वंशज हैं, अभी भी भारत हमारे कब्जे में है

फिर हमसे या अदालत से क्या उम्मीद रखते हो? जैसे आए हो वैसे ही वापस लौट जाओ, तुम्हारी याचिका हम खारिज करते हैं जो कूड़ेदान में डालने के काबिल है - Get Lost 

1 comment:

Ravi Bhushan Pandey said...

waaah.... kya tabiyat se dhoya hai Mahanubhav ne