मालदीव के मंत्रियों का क्या कसूर जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ही भारत विरोध में है - प्रधानमंत्री मोदी के अपमान पर कांग्रेस खड़ी हो गई मालदीव के साथ

सुभाष चन्द्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप में थोड़ी देर समुद्र किनारे चहलकदमी की, पानी की लहरों का आनंद लिया और कुछ देर के लिए कुर्सी डाल कर धूप सेक ली। बस इतना करके लोगों से अपील कर दी कि लक्षदीप पर्यटन के लिए अच्छी जगह है। इसके लिए 1156 करोड़ के नए प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास कर दिया जिससे 68 हजार जनसंख्या की 97% मुस्लिम आबादी को नए आयाम मिल सकें। 

लक्षद्वीप का यह प्रचार मालदीव के मंत्रियों को रास नहीं आया उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और भारत के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर दिया।  उनके बयानों से मालदीव सरकार ने खुद को अलग बता कर उन्हें बर्खास्त कर दिया लेकिन सवाल यह उठता है कि ऐसे आचरण के लिए उन मंत्रियों का क्या कसूर है जब मालदीव के राष्ट्रपति  मोहम्मद मुइज्जू  ने ही भारत के खिलाफ रुख अपनाया हुआ है।  एक पोशाक वो ऐसी पहनते है जिस पर लिखा है - India Out - फिर उनके मंत्री तो कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं 

लेखक 
मात्र 5.25 लाख की आबादी वाला देश मालदीव चीन के उकसाए में उस पर आश्रित होकर भारत जैसे देश को आंखे दिखाने निकल पड़ा जबकि उसे पता है उसके लोगों का जीवनयापन का आधार पर्यटन है। उसके अनेक नेताओं के अलग अलग टापुओं में होटल हैं जिनके लिए बुकिंग भारत से जाने वालों ने रद्द कर दी और जिसकी वजह से वहां सब कुछ वीरान हो गया 

यह सब तब हुआ जब मालदीव के मंत्रियों की अभद्र भाषा पर भारत के लोगों ने (सरकार ने नहीं) Boycott Maldive trend कर दिया और ऐसा करना किसी भी नागरिक का कर्तव्य बनता है। मालदीव ऐसी जगह है जहां बॉलीवुड भी शूटिंग करता है और इसलिए बॉलीवुड के सितारों ने भी विरोध प्रकट कर दिया मालदीव के मंत्रियों के खिलाफ 

लेकिन विडंबना देखिये, चोरबाज़ारी में सने हुए केजरीवाल की संगत में बैठा अभिषेक मनु सिंघवी मालदीव के बर्ताव पर प्रधानमंत्री पर उंगली उठा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का अपमान किया मालदीव के मंत्रियों ने वह भी राहुल “कालनेमि” के गुरु जिनपिंग के उकसाये में, तो कांग्रेस पूरी तरह मालदीव के साथ खड़ी हो गई और प्रधानमंत्री को पूछ रहा है मनीष तिवारी कि दक्षिण एशिया में भारत का क्या प्रभाव है जब चीन हर देश को अपने साथ ले गया है 

चीन की भूमिका तो कांग्रेस को प्रिय रहेगी ही क्योंकि कांग्रेस स्वयं चीन के कब्जे में है - 2008 का कांग्रेस - चीन का MOU कांग्रेस को चीन की गोद में बैठने के लिए बाध्य करता है और वर्तमान भारत सरकार के विरोध के लिए उकसाता है।  

चाहे मालदीव हो या पाकिस्तान हो और या कोई भी देश हो जिसमें चीन घुसने की कोशिश कर रहा है, कांग्रेस उसके साथ खड़ी मिलेगी क्योंकि वह देश हर हाल में भारत के विरोध में होगा और भारत विरोध कांग्रेस को बहुत पसंद है, देश से गद्दारी जो कांग्रेस के खून में है। अभी राम मंदिर विरोध में डूबी थी कांग्रेस और अब मालदीव के बहाने मोदी पर हमला करने का मौका मिल गया 

वैसे कांग्रेस को पता होना चाहिए चीन के Global Times ने मालदीव को सलाह दी है कि वह भारत के साथ अपने संबंध सौहार्दपूर्ण ही रखें, अब चीन का ऐसा कहने के पीछे क्या मकसद है यह वह ही जाने, लेकिन पाकिस्तान की तरह जल्दी ही मालदीव के हाथ में “कटोरा” दिखाई देने वाला है 

1 comment:

ashok sood said...

बहुत बढ़िया सुभाष जी।