रमजान का महीना चल रहा है, इज़रायल को हमास, हिज़्बुल्ला और हुती से सावधान रहना चाहिए; भारत में हिंदुओं को भी सतर्क होना चाहिए

सुभाष चन्द्र

कहने को रमजान का महीना “पवित्र” कहलाता है लेकिन विगत की घटनाओं को देख कर पता चलता है कि इस महीने में गैर मुस्लिमों (इस्लाम के ना मानने वालों) पर बड़े हमले किये जाते रहे हैं, काफिरों (ईसाई, यहूदियों और हिंदुओं) के लिए केवल नरक ही रहने की जगह है और उन्हें मारना ही उचित है, ऐसा मानना है इस्लाम के मानने वालों का चाहे वे शिया हों या सुन्नी हों - 2016 में ISIS रमजान के महीने में पश्चिमी देशों पर हमले का ऐलान किया था -

अक्टूबर, 2023 में हमास ने इज़रायल के निर्दोष नागरिकों पर हमला कर बर्बरता की सभी सीमाएं लांघते हुए 1400 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था - तब से ही इज़रायल हमास के बीच युद्ध चल रहा है और हमास के पक्ष में हिज्बुल्ला और हूती भी कूदे हुए हैं जिन्हें ईरान का पूरा पूरा समर्थन प्राप्त है -

इसलिए ये आतंकी संगठन, ईरान और पाकिस्तान जैसे मुल्क इस कथित पवित्र रमजान के महीने में इज़रायल पर कोई बड़ा हमला कर सकते हैं और जो पश्चिमी देश इज़रायल के साथ खड़े हैं उन पर भी हमला हो सकता है - इसलिए इज़रायल को बहुत सावधान रहना चाहिए क्योंकि घायल हमास बदले की कोई भी कार्रवाई कर सकता है -

भारत में तो चुनाव अभियान शुरू हो चुका है और सारा विपक्ष रमजान में मुस्लिमों के तुष्टिकरण की सारी सीमाएं पार कर देगा - बेंगलुरु में क्या हुआ सब जानते हैं, राजस्थान में जब तक गहलोत सरकार थी तब तक स्कूलों में मुस्लिम छात्राएं हिज़ाब पहनने की जरूरत नहीं समझती थी लेकिन कांग्रेस में विपक्ष में बैठते ही लड़कियों से हिज़ाब पहनने की जिद करा कर कांग्रेस माहौल बिगाड़ने में लगी है -

कल बदायूं में साजिद और जावेद द्वारा पड़ोसी के 2 बेटों की निर्मम हत्या करने के बाद उनका खून पीने और तीसरे को घायल करने की दर्दनाक घटना के बाद बड़ी बेशर्मी से अखिलेश यादव और उसकी पार्टी भाजपा को दोषी बता रही है - साजिद ने पड़ोसी परिवार से मदद के लिए 5000 रुपए भी लिए और बच्चों की हत्या भी कर दी और कहा कि “मैंने आज अपना काम कर दिया” और बाद में वह पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया जबकि जावेद फरार था लेकिन आज खबर है गिरफ्तार हो गया बरेली से  -

सपा सांसद रामगोपाल यादव ने शिष्टाचार का क़त्ल करते हुए कहा कि भाजपा “चुनाव के समय हिंसा का निर्माण करती है”  - ऐसे ही अखिलेश ने भी सरकार पर हमला बोला है कि पुलिस अगर सतर्क होती तो बच्चे बच जाते - एक एक व्यक्ति पर क्या पुलिस लगा सकते हैं ?

ये कितना गिरेंगे मुस्लिम वोटों के लिए - इनके अनुसार तो साजिद और जावेद भाजपा के लोग थे जिन्हें पार्टी ने हुक्म दिया था कि जाकर हिंदू बच्चों का क़त्ल कर दो, इतनी घटिया सोच लेकर चुनाव लड़ना चाहते हो, हिंदू मानस को तो सपा, कांग्रेस और विपक्ष को पूरी तरह नकार देना चाहिए - 

दूसरी तरफ “मोहब्बत की दुकान” के गल्ले पर बैठने वाला पूरी तरह खामोश है - शायद उसे लगता है रमजान में हिंदुओं के साथ ऐसे ही “न्याय” किया जाना चाहिए - समूचा विपक्ष इस घटना पर खामोश है और Left Liberal Ecosystem में भी मरघट का सन्नाटा छाया हुआ है -

अभी चुनाव प्रक्रिया शुरू ही हुई है और रमजान करीब 20 दिन और चलेगा - विपक्ष कुछ भी कर सकता है जिससे राजनीतिक  और साम्रदायिक तनाव चरम पर पहुंच जाए -

इसी तरह की अशुभ घटनाओं का अंदेशा मध्य पूर्व एशिया में भी है जिसके लिए इज़रायल को सावधान रहना होगा - वैसे इज़रायल सावधान तो है क्योंकि उसने फिलिस्तीनियों के अल अक्सा मस्जिद और येरुशलम में प्रवेश पर कुछ रोक लगाई हैं और 55 साल के लोगों को ही जाने की अनुमति होगी वह भी Permission ले कर -

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