केजरीवाल को मार्च 22 को Rouse Avenue Court की special judge कावेरी बजाज ने ED द्वारा मांगी हुई 10 दिन की Custody की जगह 7 दिन की custody दे दी।
केजरीवाल बहरूपी कांग्रेस की चाल को समझने में पूरी तरह से असफल रहा। केजरीवाल को मालूम होना चाहिए था कि शराब घोटाले को उजागर करने वाली कांग्रेस के ही वकील सिंघवी को करने की क्या जरुरत थी। सनातन विरोधी को क्या मालूम कि भागवत गीता का सन्देश है "विनाश काले विपरीत बुद्धि"। दूसरे, कांग्रेस ने गठबंधन में केजरीवाल को शामिल कर अपने वोट को सुरक्षित करने की रणनीति पर काम कर रही थी, और गिरफ़्तारी पर कांग्रेस का समर्थन घरियाली आंसू से कम नहीं। कांग्रेस के मकड़जाल में फंस कर केजरीवाल ने खुद अपनी पार्टी को घोर संकट में डाल दिया है। जितनी तेजी से यह पार्टी उठी थी अब उतनी तेजी से पतन निश्चित है।
अपने पिछले 2 videos में मैंने कहा था कि केजरीवाल ने सिंघवी से संजय सिंह की जमानत अर्जी पर बेकार दलील दिलवा कर अपना पैर ही कुल्हाड़ी पर मार लिया जब सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि संजय को ED ने बिना “summon” जारी किए गिरफ्तार कर लिया और यह तथ्य केजरीवाल के खिलाफ जाता है क्योंकि उसे तो 9 summon दिए ED ने।
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ऐसा ही हुआ, ED ने शाम को ही केजरीवाल के घर पर रेड कर दी और 2 घंटे सवाल जवाब करने के बाद लपेट लिया जिसके खिलाफ केजरीवाल रात को सुप्रीम कोर्ट चला गया। लेकिन Rouse Avenue Court में पेशी से पहले याचिका वापस ले ली यह कहते हुए कि हम lower court में पहले अपनी बात करेंगे। फिर सिंघवी ने इसे सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह ही क्यों दी?
केजरीवाल की आज की स्थिति के लिए वह खुद भी जिम्मेदार है और सिंघवी समेत इसके सारे वकील जिम्मेदार हैं जो उन्होंने केजरीवाल को हाई कोर्ट में 9 summons को चुनौती देने की सलाह दी और अगले दिन यानी कल Arrest से Protection मांगने के लिए सलाह दी। जब इस केस में 15 लोग पहले गिरफ्तार हो चुके हैं तो केजरीवाल में क्या सुर्खाब के पर लगे हैं जो उसकी गिरफ़्तारी पर कोर्ट रोक लगाता।
केजरीवाल जब 8 summons पर पेश नहीं हुआ तो 9वें पर भी न जाता जिसमें उसे कल 21 मार्च को बुलाया था। लेकिन वह चला गया हाई कोर्ट राहत की कोई उम्मीद में जो मिलना संभव नहीं थी क्योंकि कोई कोर्ट summons पर पेश न होने की छूट नहीं देता। जब 20 मार्च को राहत नहीं मिली तो 21 को गिरफ़्तारी रोकने की शर्त पूरी कराने पहुंच गया हाई कोर्ट और अगर दोनों दिन हाई कोर्ट न जाता तो शायद आज की स्तिथि पैदा न होती।
अब “आप” के नेताओं और केजरीवाल उसकी पत्नी की झल्लाहट देखिए क्या क्या बोल रहे हैं -
कह रहे है केजरीवाल एक “सोच है, प्रेरणा है”; केजरीवाल कह रहा है मैं देश के लिए काम करता रहूंगा और सुनीता केजरीवाल कह रही है कि “मोदी के अहंकार ने केजरीवाल को गिरफ्तार कराया है”।
ऐसी सोच और प्रेरणा है केजरीवाल जो देश के लोगों को शराब के नशे में झोंक देना चाहता है और भ्रष्टाचार की शिक्षा देना चाहता है, उसे याद रखना चाहिए कि उसके सभी मंत्री अभी जेल में ही हैं और इसका भी बाहर आना संभव नहीं होगा।
अभी भी मोदी को अपमानित करते शर्म नहीं आती। अब तो समझना चाहिए कि मोदी को अनपढ़, गंवार और डरपोक और चौथी पास राजा कह कर अपमान करने का ही आज नतीजा मिला है।
मजे की बात तो यह है कि कांग्रेस के नेता, अजय माकन, अलका लांबा, सुप्रिया श्रीनेत, संदीप दीक्षित और रागिनी नायक ने केजरीवाल का त्यागपत्र मांगा था तो प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी केजरीवाल के साथ खड़े हैं।
जेल में बहुत समय मिलेगा “सोच” को “सोचने” का कि क्या ऐसे कर्म किए जिनका फल मिला है।
अवलोकन करें:-
वैसे जेल में सत्येंद्र जैन, सिसोदिया, संजय सिंह के साथ केजरीवाल के मिलने से “चांडाल चौकड़ी” पूरी हो गई, पांचवा विजय नायर सेवा करेगा पेग बनाने और चखना तैयार करने की।
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