खड़गे साहब अरुणाचल प्रदेश पर बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांको; कांग्रेस और “नेहरू” ने क्या किया? कांग्रेस ने तो देश के साथ “गद्दारी” की है

सुभाष चन्द्र

कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर विदेश नीति पर अपना ज्ञान पेलने की कोशिश करते हुए कहा है कि “मोदी सरकार अरुणचल प्रदेश पर चीन के दावे का कड़े तरीके से खंडन करे। चीन के हास्यास्पद दावे जगजाहिर हैं और इसका माकूल जवाब देना जरूरी है सरकार से माकूल जवाब की अपेक्षा रखते हुए यह भी कहा कि दलगत राजनीति से इतर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में हम साथ हैं”

खड़गे साहब एक तरफ आप सरकार के साथ होने का दावा करते हैं और दूसरी तरफ आप उसी चीन की communist party के साथ MOU साइन करके उसके साथ खड़े रहते हों और हर मामले में सरकार का विरोध करते हो
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 ये जो बयान आपने दिया उसके साथ आपने गलवान में सरकार की आलोचना भी कर दी और 20 जवानों के बलिदान पर मोदी को दोष देते हुए यह भी कह दिया कि मोदी ने चीन को उसके लिए clean chit दी थी जबकि मोदी ने ऐसा कुछ नहीं कहा और कांग्रेस ने उनके बयान को आधा अधूरा पेश किया मोदी ने कहा था भारतीय क्षेत्र में कोई विदेश नहीं है जिसका मतलब था चीनी सैनिको को पछाड़ कर भगा दिया है हमारे सैनिको ने 

खड़गे साहब को याद होना चाहिए कि मनमोहन सिंह ने अपनी अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन के विरोध के बाद एक बार कुछ समय के लिए स्थगित कर दी थी उसके बाद फिर जाने का कार्यक्रम बनाया था कांग्रेस शासन में चीन अरुणाचल के लोगों को Stappled Visa देता था कांग्रेस के रक्षा मंत्री अंटोनी ने संसद में कहा था कि चीन से लगते बॉर्डर पर हम सड़कें नहीं बनाते क्योंकि उन सड़कों पर चल कर ही चीनी सैनिक घुसपैठ करेंगे

आज मोदी सरकार ने चीन से लगे पूरे बॉर्डर पर सड़कों का जाल बिछाया है और infrastucture का निर्माण किया है जिसमे हाल ही निर्मित 13000 feet की ऊंचाई पर Sela Tunnel भी शामिल है क्या कभी कांग्रेस ने ऐसा करने की जरूरत समझी और खड़गे जी बात करते हैं चीन के दावे का “कड़े तरीके से खंडन” करने की मनमोहन सिंह की यात्रा के बाद भी चीन के एतराज के बाद कांग्रेस सरकार ने इतना ही खंडन किया था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है अगर इतना खंडन काफी था तो आज कैसा खंडन चाहते हो क्योंकि इससे ज्यादा तो मोदी सरकार कर चुकी है

आज़ादी से पहले के छोड़िए, आज़ादी के बाद “नेहरू कालखंड” में जो भी चीन को “उपहार” में दे दिया गया और 4000 से जयादा सैनिक मरवा दिए गए, उस पर भी कभी बात किया करें खड़गे और कांग्रेस के नेता - क्या क्या दिया गया ये भी सुनो खड़गे साहब -

-चीन को UN की veto दे दी;

-ढोकलाम 1958;

-लोंगजू 1959;

-अक्साई चिन 1962;

-गलवान 1962;

-हॉट स्प्रिंग 1962;

-काराकोरम पास 1963;

“नेहरू कालखंड’ के बाद -

-कोको आइलैंड 1994;

-Tia Pangnak 2008 (मनमोहन सरकार में);

-Chabji Valley 2008 (मनमोहन सरकार में);

-Doom Valley 2009 (मनमोहन सरकार में);

-Demzok 2012 (मनमोहन सरकार में);

-Raki Nalla 2013 (मनमोहन सरकार में);

-Depsang Bulge (मनमोहन सरकार में);

इनके बारे में कभी कुछ नहीं बोलते और मोदी को पढ़ा रहे हो “कड़े तरीके से खंडन” करना क्या होता है? मनमोहन सिंह सरकार में जो भी चीन ने कब्जाया वह Congress-CPC के MOU के बाद हुआ कांग्रेस ने तो देश के साथ “गद्दारी” की है

1 comment:

Himkar Prasad singh said...

खड़गे जितना भुकना है कार्लो 7 जून तक उसके बाद भुकने का मौका नहीं मिलेगा