कस्टडी से मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के जल मंत्री को कैसे जारी किया आदेश? ED करेगी जाँच, आतिशी से हो सकती है पूछताछ

दिल्ली शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहा था कि वे जेल से सरकार चलाएँगे। इसके बाद सीएम केजरीवाल ईडी की हिरासत से रविवार (24 मार्च 2024) को अपना पहला आदेश जारी किया है। यह आदेश जल मंत्रालय से संबंधित था। अब इस आदेश का ईडी ने संज्ञान लिया है।

दरअसल, मुख्यमंत्री केजरीवाल के आदेश के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने आदेश का जिक्र करते हुए कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी और सीवर से जुड़ी समस्याओं का जिक्र किया है। उन्होंने गर्मी के मौसम में पानी के टैंकरों की पर्याप्त व्यवस्था करने का आदेश दिया है।

केजरीवाल ने अपने नोट में लिखा था, “मुझे पता चला है कि दिल्ली के इलाकों में पानी और सीवर की काफी समस्या हो रही है। इसको लेकर मैं चिंतित हूँ। चूँकि मैं जेल में हूँ, इस वजह से लोगों को जरा भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए। गर्मियाँ आ रही हैं। जहाँ पानी की कमी है, वहाँ उचित संख्या में टैंकरों का इंतजाम कीजिए। मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों को आदेश दीजिए ताकि जनता को किसी तरह की परेशानी ना हो।”

उन्होंने अपने नोट में आगे लिखा था, “जनता की समस्याओं का तुरंत और समुचित समाधान होना चाहिए। जरूरत पड़ने पर उपराज्यपाल महोदय का भी सहयोग लें। वे भी आपकी मदद जरूर करेंगे।” आतिशी ने बताया था कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यह नोट अपने वकील के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा था। बता दें कि सीएम केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ED अपनी जाँच में पता लगाने की कोशिश करेगी कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के आदेश उनकी हिरासत अवधि के दौरान विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के आदेश के अनुरूप थे। इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसी इसकी भी जाँच करेगी कि सीएम केजरीवाल ने इस पत्र को लिखा कैसे।

ईडी ने कहा कि वह पार्टी के दावे की जाँच करेगी, क्योंकि हिरासत में लिए गए लोगों के लिए किसी भी स्टेशनरी की अनुमति नहीं है। सूत्रों ने कहा कि आतिशी से कथित ‘आदेश’ के स्रोत और इसे किसने लाया और उन्हें कब और दिया इसके बारे में पूछताछ करेगी। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी सीसीटीवी फुटेज के जरिए दावे की पुष्टि करेगी।

55 साल के अरविंद केजरीवाल को हिरासत में भेजते समय अदालत ने उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और निजी सहायक बिभव कुमार को हर दिन शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच मिलने की अनुमति दी है। इसके साथ ही उन्हें अपने वकील से मिलने के लिए आधे घंटे का समय निर्धारित किया है।

अरविंद केजरीवाल द्वारा भेजे गए निर्देश को पढ़ने के बाद भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोला था। भाजपा ने कहा था कि यह चिंताजनक है कि मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में उनके कार्यालय से एक आदेश जारी किया गया है। भाजपा के मनजिंदर सिंह सिरसा ने पत्र के फर्जी होने का दावा करते हुए उपराज्यपाल से इस पर गौर करने का आग्रह किया।

सिरसा ने कहा, “सीएम ईडी की हिरासत में हैं और उन्हें बाहर का भोजन और दवा लेने के लिए भी अदालत से अनुमति लेनी होगी। इस स्थिति में, कौन मुख्यमंत्री से संपर्क किया गया था? और यह अधिकार वह केवल अपने प्रमुख सचिव को ही दे सकते हैं। फिर आदेश आतिशी जी तक कैसे पहुँचा? मुख्यमंत्री कार्यालय को हाईजैक कर लिया गया है।”

सिरसा ने आगे कहा, “आतिशी जी, यह कोई शराब की दुकान नहीं है, जहाँ कोई भी बोतल ले सके। यह मुख्यमंत्री का कार्यालय है, जिसे केवल मुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री द्वारा अनुमति प्राप्त अधिकारी द्वारा ही संचालित किया जा सकता है। इस आदेश में कोई संख्या नहीं है और किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। शराब घोटाला की तरह, यह एक पत्र घोटाला है।”

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