पाकिस्तान के लिए टीपू सुल्तान ‘हीरो’… क्योंकि उसने जलाए 8000+ मंदिर, 200+ ब्राह्मण परिवारों का किया नरंसहार: पाकिस्तानी सोच वाले अपने यहाँ भी?

                                                     पाकिस्तान का पीएनएस टीपू सुल्तान
पाकिस्तान के लिए टीपू सुल्तान किसी सुपरहीरो से कम नहीं है। यही वजह है उन्होंने अपने एक युद्धपोत को भी टीपू का नाम दिया हुआ है। हाल में इस युद्धपोत और टीपू के नाम की चर्चा फिर सुर्खियों में इतिहासकार विक्रम संपत की किताब के चलते शुरू हुई। विक्रम संपत ने अपनी किताब में टीपू से जुड़े किस्सों की पोल खोली है। वहीं इस किताब पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे और क्यों पाकिस्तान और इमरान खान टीपू के मुरीद हैं।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति कैसा था इसका अंदाजा इससे लगाना चाहिए कि उसके समर्थक कौन हैं और क्यों उसे मानते हैं। उन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध के एक वाकये को बताते हुए कहा कि पाक फौज ने उस समय ‘ऑपरेशन सोमनाथ’ चलाया था। यह नाम गजनी के सोमनाथ मंदिर पर हमले की याद दिलाता है। विक्रम कहते हैं कि शायद ऑपरेशन का नाम ऐसा रखने से उनका मकसद सोमनाथ पर हमला ही था।

स्मिता प्रकाश के पॉडकास्ट में बात करते हुए विक्रम संपत ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ऐसे नामों के जरिए खुद को मध्यकालीन इतिहास से जोड़ता है। उन्होंने बताया कि अपने जहाजों का नाम भी मुगल शासकों के नाम पर रखा है। जैसे पीएनएस बाबर, पीएनएस जहाँगीर, पीएनएस शाहजहाँ, पीएनएस औरंगजेब और पीएनएस टीपू सुल्तान। विक्रम संपत कहते हैं कि इस तरह के नामकरण से पाकिस्तान अपने मध्यकालीन इतिहास से जुड़ने की कोशिश कर रहा है। वहीं टीपू सुल्तान को उन्होंने इसलिए चुना है ताकि विदेशी ताकतों को संदेश दे सकें कि उनका वो युद्धपोत उनका वैसा ही हाल करेगा जैसा टीपू सुल्तान ने किया था।

टीपू सुल्तान 1782 से 1799 तक मैसूर में शासक था। उसने अंग्रेजों से लड़ाइयाँ लड़ीं, लेकिन दूसरी ओर हिंदुओं पर अत्याचार भी किए। इतिहासकारों का बताना है कि टीपू ने अपने शासन काल में हिंदुओं को जबरन मुसलमान बनवाया। इसके अलावा “द मैसूर गजेटियर” में उल्लेख किया गया है कि टीपू ने हजारों मंदिरों को नष्ट किया और बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया।

 पिछले साल टीपू सुल्तान के डार्क साइड को दिखाने के लिए एक फिल्म की घोषणा भी हुई थी। ये घोषणा ‘Eros International’ द्वारा की गई थी। अनाउंसमेंट वीडियो में दिखाया गया था कि कैसे क्रूर टीपू ने 8000 मंदिरों और 27 चर्चों को ध्वस्त किया। इसके अलावा कि 40 लाख हिन्दुओं को इस्लाम अपना कर मुस्लिम बनने को मजबूर किया गया, उन्हें गोमांस खिलाया गया। 1 लाख से भी अधिक हिन्दुओं को जेल में ठूँस दिया गया। फिल्म में कालीकट में 200 ब्राह्मण परिवारों का नरसंहार का जिक्र भी था और वीडियो में बताया गया था कि सन् 1783 से ये ‘जिहाद’ शुरू किया गया था। वीडियो में मंदिरों को जलते हुए भी दिखाया गया था।

यही इतिहास देखते हुए पाकिस्तान ने टीपू को अपना हीरो माना हुआ है और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तो अपनी तुलना भी टीपू सुल्तान से करते रहे हैं। शायद इस तुलना की वजह यही है कि जैसा हाल टीपू सुल्तान के समय में हिंदुओं का था और वैसे ही पाकिस्तान में इस समय में है। तकनीकी रूप से बात करें तो पाकिस्तान का पीएनएस टीपू सुल्तान (DDG-185) पाकिस्तान की नौसेना का एक महत्वपूर्ण युद्धपोत है। इस जहाज को यारो शिपबिल्डर्स, ग्लासगो, स्कॉटलैंड में डिजाइन और निर्मित किया गया था और इसे 1978 में रॉयल नेवी में कमीशन किया गया था। यह जहाज पहले ब्रिटिश रॉयल नेवी का एचएमएस एवेंजर था।

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